महाकुंभ में मुसलमानों को नो एंट्री के बयान पर भड़के सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क, कानून व्यवस्था पर उठाए सवाल
सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने महाकुंभ में मुसलमानों को जगह न देने के बयान पर कड़ी नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि अपराधियों में योगी सरकार का डर नहीं है और सरकार जनप्रतिनिधियों और जनता को सुरक्षा देने में नाकाम रही है। सांसद ने आगामी कुंभ में अखाड़ा परिषद द्वारा मुस्लिम दुकानदारों को दुकान को जगह न देने के ऐलान पर भी सख्त नाराजगी जताई है।
जागरण संवाददाता, संभल। सीएम समेत जनप्रतिनिधियों को अपराधिओं द्वारा धमकी की घटनाओं पर संभल के सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने कहा कि अपराधियों को कानून का डर नहीं है। सुरक्षा सरकार की जिम्मेदारी है, जनप्रतिनिधियों और जनता को सुरक्षा देने में सरकार नाकाम है।
बिहार के सांसद पप्पू यादव को धमकी के बाद अब सीएम योगी आदित्यनाथ को धमकी के सवाल पर सांसद बोले, अपराधियों को कानून का डर खत्म हो गया है। सुरक्षा देने में सरकार नाकाम है। सीएम को धमकी को अतीक अशरफ और बाबा सिद्दीकी की हत्या से जोड़ते हुए सांसद ने सरकार पर निशाना साधा। वहीं आगामी कुंभ में अखाड़ा परिषद द्वारा मुस्लिम दुकानदारों को दुकान को जगह न देने के ऐलान पर सांसद ने सख्त नाराजगी जताई। ऐसे लोगों के खिलाफ सांसद ने सख्त कार्रवाई की मांग की।
सरकार उठाए सख्त कदम
कहा कि ये मसला पूरे प्रदेश और देश में चलेगा यदि मुस्लिमों को जगह नहीं दी जाती है तो मुस्लिम जगहों पर मुस्लिम हिंदुओं को जगह नहीं देंगे। वे ऐसा नहीं चाहते सांसद ने इस मामले में सरकार से सख्त कार्रवाई की मांग की है।ये भी पढ़ेंःये भी पढ़ेंः
उच्च शिक्षा के बाद भाषाओं में रोजगार के अवसर विषय पर हुई वार्तालाप
चंदौसी रोड पर सैफ खां सराय स्थित मदरसा मसूद गाजी में अल्लामा इकबाल फाउंडेशन की ओर से उर्दू सप्ताह कार्यक्रम के अन्तर्गत उच्च शिक्षा के बाद भाषाओं में रोजगार के अवसर" विषय पर साहित्यिक वार्तालाप का आयोजन हुआ। इस वार्तालाप का उद्देश्य युवाओं को भाषा ज्ञान के माध्यम से रोजगार के बढ़ते अवसरों से अवगत कराना था।
सोमवार को आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता ताहिर सलामी ने की। इसमें मुख्य वक्ता अल्लामा इकबाल फाउंडेशन के चेयरमैन प्रोफेसर आबिद हुसैन हैदरी (पूर्व प्राचार्य एमजीएम महाविद्यालय) रहे। उन्होंने कहा कि आज के दौर में सिर्फ उच्च शिक्षा ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि भाषाओं का ज्ञान भी रोजगार के दरवाजे खोलता है। उन्होंने उर्दू, हिंदी, और अंग्रेजी जैसी भाषाओं के महत्व को रेखांकित किया और बताया कि कैसे इन भाषाओं में दक्षता से पत्रकारिता, अनुवाद, डिजिटल कंटेंट राइटिंग और शैक्षिक क्षेत्र में अवसर प्राप्त किए जा सकते हैं। कहा कि भाषा ज्ञान से हम अपने सामाजिक दायरे को विस्तृत कर सकते हैं और इसके माध्यम से समाज में भी योगदान दे सकते हैं। उन्होंने उर्दू भाषा के महत्व पर विशेष जोर दिया। अन्य लोगों ने भी भाषा में कौशल प्राप्त करने के लिए सुझाव मांगे। समापन हाफिज मेंहदी हसन के भाषण से हुआ।
संभल के सैफ खां सराय में उर्दू सप्ताह कार्यक्रम में बोलते आबिद हुसैन हैदरी। जागरणउन्होंने कहा कि अल्लामा इकबाल फाउंडेशन की ओर से आयोजित ऐसे कार्यक्रम युवा पीढ़ी के लिए अत्यंत लाभकारी हैं और इससे उन्हें अपने करियर के विकास में नई दिशाएं मिलेंगी। इस अवसर पर अफीफा समन, अल्हाज तनवीर अशरफी, जुहेब मेहंदी, मास्टर मोहम्मद फरमान अब्बासी, शमायम रजा, जुबेर उमर आदि रहे।
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