Sambhal: अब प्लास्टिक फ्री होगा गंगा घाट, आस-पास के इलाकों में लगेगा बैन; उपयोग करने पर लगेगा बैन
Sambhal गंगा सेवा समिति के पदाधिकारियों व जिला स्तरीय अधिकारियों की शनिवार को कलेक्ट्रेट सभागार में हुई बैठक में डीएम मनीष बंसल ने गंगा किनारे बसे गांव व कस्बा में हर हाल में प्लास्टिक को बैन करने का निर्देश दिया है। गंगा किनारे सफाई अभियान चलाने पौधरोपण व पहले से लगाए पौधों का संरक्षण तथा जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए उन्होंने निर्देशित किया।
By Jagran NewsEdited By: Swati SinghUpdated: Sun, 01 Oct 2023 12:38 PM (IST)
जागरण संवाददाता, संभल। पर्यावरण को साफ - सुथरा बनाए रखने के लिए उत्तर प्रदेश में एक्शन लिया जा रहा है। संभल में पॉलीथिन को लेकर अब अधिकारी सख्त हो गए हैं। गंगा सेवा समिति के पदाधिकारियों व जिला स्तरीय अधिकारियों की शनिवार को कलेक्ट्रेट सभागार में हुई बैठक में डीएम मनीष बंसल ने गंगा किनारे बसे गांव व कस्बा में हर हाल में प्लास्टिक को बैन करने का निर्देश दिया है।
उन्होंने संबंधित अधिशासी अधिकारियों को निर्देशित किया कि उनकी जिम्मेदारी है कि कस्बों में इसका इस्तेमाल बंद हो। इसके बाद ही गंगा को और साफ रखा जा सकता है। बबराला में बने बैंक्वेट हाल में भी विभिन्न समारोह में प्लास्टिक का ही इस्तेमाल हो रहा है। इस पर या तो कार्रवाई करें या जागरूकता लाए। यह स्थिति ठीक नहीं है।
गंगा किनारे चलाएं सफाई अभियान
गंगा किनारे सफाई अभियान चलाने, पौधरोपण व पहले से लगाए पौधों का संरक्षण तथा जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए उन्होंने निर्देशित किया। डीएम ने कहा कि नमामि गंगे योजना के तहत गंगा के किनारे बसे गांव में कार्यों के प्रगति को किसी भी हाल में धीमा ना होने दिया जाए। जिसकी भी जिम्मेदारी है वह समय में इसे पूरा कराएं।यह भी पढ़ें: UP News: यूपी में पान मसाला बनाने वाली कंपनियों पर लगेगी लगाम, पहली अक्टूबर से लागू हो जाएगा ये जरूरी नियम
गंगा को मैली करने वालों पर होगी कार्रवाई
इसके अलावा यह भी देखा जाए की गंगा की सीमा में तरल व ठोस अपशिष्ट लाने वाले नालों की पहचान करते हुए उनकी निगरानी हो। स्थानीय रूप से गंगा के किनारे प्राकृतिक और जैविक खेती को पूरी तरह बढ़ावा दिया जाए। इसके लिए कृषि विभाग मनोयोग से कम करें। जैव विविधता का संरक्षण के अलावा वन रोपण व पर्यटन को भी बढ़ावा देने की दिशा में बेहतर काम करने की जरूरत है। यह भी देखने में आया है कि कई घाटों के रखरखाव की स्थिति खराब है। इसे सही कर लिया जाए।गंगा किनारे हर हाल में हो सफाई
स्वच्छता पखवाड़ा व पौधारोपण अभियान गंगा किनारे हर हाल में किए जाएं। देखा जाए कैच द रेन अभियान यानी मानसून अवधि के दौरान जल संरक्षण के उपाय पर भी विशेष ध्यान देने की जरूरत है। पॉलीथिन को लेकर उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिया कि किसी भी स्थिति में इसका इस्तेमाल गंगा किनारे सटे इलाकों में ना हो। बैठक के दौरान जिला स्तरीय अधिकारी के साथ मां गंगा जनकल्याण समिति के प्रभारी अतुल गोयल के अलावा नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी, जिला वन अधिकारी अरविंद कुमार सहित अन्य लोग मौजूद रहे।
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