संभल डीएम का दावा- झूठ बोल रहे मस्जिद के सदर, एसपी ने किया स्पष्ट- बवालियों से ही वसूला जाएगा पाई-पाई का हिसाब
संभल में जामा मस्जिद को लेकर हुए बवाल के मामले में डीएम डाॅ. राजेंद्र पैंसिया और एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने प्रेस वार्ता की। उन्होंने कहा कि बवाल करने वालों द्वारा सरकारी व गैर सरकारी वाहनों व अन्य संपत्ति के नुकसान की वसूली की जाएगी। इसके साथ ही डीएम ने जामा मस्जिद कमेटी के सदर जफर अली के आरोपों का खंडन भी किया।
संवाद सहयोगी, संभल। जामा मस्जिद को लेकर हुए बवाल को लेकर जामा मस्जिद कमेटी के सदर जफर अली ने पुलिस और प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए। इन आरोपों का जवाब देने और भ्रामक बातों का खंडन करने के डीएम डा. राजेंद्र पैंसिया और एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने कोतवाली संभल में शाम करीब सात बजे प्रेस वार्ता की। उन्होंने कहा कि बवाल करने वालों द्वारा सरकारी व गैर सरकारी वाहनों व अन्य संपत्ति के नुकसान की वसूली की जाएगी।
जफर अली के एक-एक आरोपों का खंडन
सदर द्वारा लगाए गए सर्वे की सूचना नहीं दिए जाने के आरोप पर डीएम ने न्यायालय के आदेश से लेकर एडवोकेट कमिश्नर के पत्र की प्रतियां पढ़कर सुनाई और दिखाईं, जिसमें समय को लेकर सुबह सात बजे से 11 बजे के बीच सर्वे को लेकर सूचना दी गई थी। मस्जिद के अंदर प्रवेश को लेकर भी सहमति ली गई और उनकी सहमति से निर्धारित संख्या में टीम अंदर गई।
सदर द्वारा लगाए गए एक आरोप में दावा किया गए कि डीआईजी, डीएम और एसपी ने गोली चलवाने के आदेश देते हुए उन्होंने सुना था। इस पर एसपी ने जवाब दिया कि तीनों अधिकारी एक साथ मौजूद नहीं थे, जिस समय उपद्रव हुआ उस समय डीआईजी नहीं पहुंचे, जबकि डीएम अंदर सर्वे करा रहे थे और एसपी स्वयं उपद्रवियों का सामना कर रहे थे।
पुलिस ने नहीं की फायरिंग
पुलिस फायरिंग के आरोप में एसपी ने बताया पुलिस ने फायरिंग नहीं की। रबर गन का प्रयोग किया गया, जबकि सदर को हेलमेट देकर उपद्रवियों को समझाने भेजा था, लेकिन वे उनकी बात नहीं माने थे। सदर ने बोला कि जनता ने पत्थर नहीं चलाया, आरोप लगाया कि पुलिस ने गाड़ी तोड़ी थी, पुलिस स्वयं अपने वाहनों को क्यों तोड़ेगी?एसपी ने कहा कि यह सब एफआईआर के बाद पुलिस और प्रशासन के खिलाफ भ्रामक बयान दिया है। पुलिस के हाथ में देशी तमंचा बताए गए, यह भी गलत है। मृतक के परिजनों को पोस्टमार्टम की प्रति दी जाएगी।
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