Sambhal Jama Masjid संभल की जामा मस्जिद को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। वरिष्ठ अधिवक्ता विष्णु जैन ने दावा किया है कि यह मस्जिद वास्तव में हरिहर मंदिर है। कोर्ट के आदेश पर मस्जिद का सर्वे कराया गया है। सर्वे की वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी भी की गई है। इस मामले पर अगली सुनवाई 29 नवंबर को होगी। सर्वे के दौरान भारी फोर्स तैनात रही।
जागरण संवाददाता, संभल। काशी और मथुरा के बाद संभल की जामा मस्जिद (Sambhal Jama Masjid) का मामला कोर्ट पहुंच गया है। वरिष्ठ अधिवक्ता विष्णु जैन ने अपने पिता व वरिष्ठ अधिवक्ता हरिशंकर जैन सहित आठ लोगों की ओर से मंगलवार को सिविल जज (सीनियर डिवीजन) में वाद दायर किया है।
उनका दावा है कि संभल की शाही जामा मस्जिद हरिहर मंदिर है। इस मुकदमे में नोएडा निवासी पार्थ यादव और वेदपाल सिंह, संभल निवासी महंत ऋषिराज गिरि, राकेश कुमार, जीतपाल यादव, मदनपाल और दीनानाथ भी वादी हैं। कोर्ट ने वरिष्ठ अधिवक्ता रमेश राघव को सर्वे के लिए एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त किया है।
डीएम की मौजूदगी में हुई वीडियोग्राफी
सर्वे की पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी भी होगी। आदेश के बाद देर शाम वीडियोग्राफी कराई गई। डीएम डा. राजेंद्र पैंसिया व पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार विश्नोई पुलिस फोर्स के साथ पहुंचे।संभल के सांसद जियाउर्रहमान बर्क व विधायक इकबाल महमूद के पुत्र सुहेल इकबाल ने भी मौके पर आकर अधिकारियों से बात की। वाद में भारत संघ को प्रतिवादी बनाया है। कोर्ट 29 नवंबर को अगली सुनवाई करेगा। इस दिन एडवोकेट कमिश्नर अपनी रिपोर्ट पेश करेंगे।
95 पेज के वाद में दावा किया गया है कि भगवान कल्कि का जन्म संभल में ही होना है। कई प्रमाण से स्पष्ट है कि हरिहर मंदिर को तोड़कर ही मस्जिद का निर्माण कराया गया है। सर्वे के बाद वास्तविकता सामने आ जाएगी।
नौ बजे वापस लौटे एकवोकेट कमिश्नर
जामा मस्जिद समिति की ओर से इसका अनाधिकृत रूप से उपयोग किया जा रहा है। कोर्ट के आदेश मिलने के बाद एडवोकेट कमिश्नर वीडियो ग्राफी करने जामा मस्जिद पहुंच गए। उनके साथ वादी पक्ष के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन भी थे। रात करीब आठ बजे सांसद व अन्य लोगों के आने पर उनसे अधिकारियों ने बात की है। नौ बजे के करीब ए़डवोकेट कमिश्नर लौट आए।
एडवोकेट कमिश्नर रमेश राघव ने बताया कि मंगलवार को करीब पांच घंटे तक मुख्य हाल व अन्य हाल की वीडियोग्राफी कराई गई है। कुछ हिस्से की वीडियोग्राफी और कराई जा सकती है। 29 नवंबर को रिपोर्ट बनाकर कोर्ट में पेश की जाएगी। मंस्जिद के इंतजामिया कमेटी के जफर अली को कोर्ट को समन भी दिया गया है। जामा मस्जिद को हरिहर मंदिर को ध्वस्त कर बनाए जाने का मामला हिंदू वादी संगठन अक्सर उठाते रहे हैं। उन्होंने इसे लेकर समय-समय पर आंदोलन भी किया है।
कोर्ट के आदेश पर हुआ सर्वे
वादकारियों के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन का कहना है कि कोर्ट के आदेश पर एडवोकेट कमिश्नर के नेतृत्व में शाही जामा मस्जिद संभल में सर्वे किया गया है। अभी आगे भी होना है। मस्जिद के अंदर सिर्फ फोटोग्राफर और कैमरामैन ही गए थे। इस दौरान दोनों पक्षों के लोग मौजूद रहे। प्रशासन का पूरा सहयोग रहा। हालांकि दूसरे पक्ष के काफी लोग आ गए थे।
सपा सांसद संभल जियाउर्रहमान ने बताया कि सर्वोच्च न्यायालय 1991 में आदेश दिया था कि 1947 से पूर्व के जो भी धार्मिक स्थल हैं, वह अपने स्थान पर रहेंगे। इनसे कोई छेड़छाड़ नहीं की जाएगी, लेकिन कुछ लोग माहौल बिगाड़ने का काम कर रहे हैं। शाही जामा मस्जिद में सुई की नोंक के बराबर कोई आपत्तिजनक चीज नहीं मिल सकती।सदर शाही जामा मस्जिद संभल जफर अली एडवोकेट ने बताया कि सात दिन का समय दिया गया था, लेकिन उससे पहले ही सर्वे शुरू कर दिया गया।
इस बारे में पूछने पर बताया गया कि एक कार्यक्रम होने के कारण इसे आज ही कर लिया गया। हालांकि इसमें टीम का पूरा सहयोग दिया गया है। सर्वे पूरा हो गया है। हम सभी लोग इससे पूरी तरह से संतुष्ट हैं।
इसे भी पढ़ें: झांसी के NICU अग्निकांड में अब तक 12 नवजातों की मौत, प्रशासन ने कहा- दो की मौत बर्न इंजरी से नहीं बीमारी से हुई
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।