Sambhal News: संभल हिंसा पर अखिलेश ने बनाया प्रतिनिधिमंडल, नेता घर पर नजरबंद
उत्तर प्रदेश के संभल में हुई हिंसा के मामले में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक जांच टीम का गठन किया है। टीम मंगलवार को संभल जाकर घटना की जांच करेगी और रिपोर्ट अखिलेश यादव को सौंपेगी। बता दें कि शहर में सोमवार को दूसरे दिन भी तनावपूर्ण स्थिति रही। तिराहे-चौराहों पर सन्नाटा छाया रहा। पुलिस पीएसी व रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) के जवान गश्त करते रहे।
जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने संभल हिंसा की जानकारी लेने के लिए टीम बनाई है। मंगलवार को सपा नेताओं का प्रतिनिधिमंडल संभल पहुंचकर घटना की हकीकत का पता लगाएगा।
प्रतिनिधिमंडल में यूपी विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडे, नेता प्रतिपक्ष विधान परिषद लाल बिहारी यादव, राज्यसभा सदस्य जावेद अली, लोकसभा सदस्य हरेन्द्र मलिक, रुचि वीरा, जियाउर्रहमान बर्क, नीरज मौर्य, पूर्व मंत्री एवं कांठ विधायक कमाल अख्तर, संभल विधायक नवाब इकबाल महमूद, असमोली विधायक पिंकी यादव, मुरादाबाद के जिलाध्यक्ष जयवीर सिंह यादव, बरेली के सपा जिला अध्यक्ष शिवचरण कश्यप शामिल हैं।
सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष को सौंपी जाएगी रिपोर्ट
जयवीर सिंह यादव ने बताया कि सपा नेताओं का प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को संभल जाकर हिंसा के संबंध में जानकारी लेकर संयुक्त रिपोर्ट तैयार करेगा। यह रिपोर्ट सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष को सौंपी जाएगी। संभल में पहले से ही बाहरी व्यक्तियों का प्रवेश प्रतिबंधित है।
लिहाजा अखिलेश के इस पत्र के बाद डीएम संभल ने संबंधित जनपदों के कप्तानों से वार्ता की। इसके बाद प्रतिनिधिमंडल में शामिल नेताओं को उनके घर पर ही नजरबंद कर दिया गया है, जिससे कोई भी सुबह संभल के लिए निकलने ना पाए।
सुनियोजित थी संभल में भड़की हिंसा
जांच में सामने आया है कि जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर रविवार को भड़की हिंसा सुनियोजित थी। घायल सीओ, डिप्टी कलेक्टर व पुलिसकर्मियों की ओर से सोमवार को 3,750 से अधिक लोगों के खिलाफ सात अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज की गई हैं।
दरोगा दीपक राठी की ओर से प्राथमिकी में सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल व आठ सौ से अधिक अज्ञात को आरोपी बनाया गया है। सांसद व विधायक पुत्र पर भीड़ को हिंसा करने के लिए भड़काने का आरोप है। जामा मस्जिद के सदर जफर अली सहित दो सौ से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया है। हालांकि, पूछताछ के बाद शाम को उन्हें छोड़ दिया गया। शहर में सोमवार को दूसरे दिन भी तनावपूर्ण स्थिति रही। तिराहे-चौराहों पर सन्नाटा छाया रहा। पुलिस, पीएसी व रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) के जवान गश्त करते रहे। 25 लोगों को गिरफ्तार कर पुलिस ने जेल भेज दिया है।
अधिकारियों के प्रयासों के बाद भी दहशतजदा व्यापारियों ने दुकानें नहीं खोलीं। इंटरनेट सेवा और स्कूल-कॉलेज मंगलवार को भी बंद रखने का आदेश दिया गया है। राजनीतिक पार्टियों के प्रतिनिधियों के जुटने की आशंका के मद्देनजर 30 नवंबर तक बाहरी लोगों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है।
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