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Hajj 2025: सऊदी अरब हज यात्रा में जाने वाले आजमीनों के ठहरने के नियम में बदलाव, खर्च होंगे 4 लाख 60 हजार रुपये

इस्लाम धर्म में हज को विशेष महत्व दिया गया है। हज इस्लाम धर्म का तीर्थ स्थल है। इस्लाम धर्म के अनुयायी सऊदी अरब के मक्का शहर जाकर हज यात्रा करते हैं। हज (Hajj) पर जाने वाले लोगों को हाजी कहा जाता है। यह इस्लामी आस्था का सर्वोच्च प्रतीक माना जाता है जिनमें तीर्थयात्री काबा के सामने सजदा करते हैं। इसबार आजमीनों के ठहरने के नियम में बदलाव किया गया है।

By Jagran News Edited By: Vivek Shukla Updated: Fri, 23 Aug 2024 08:41 AM (IST)
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हज यात्रा पर जाने के लिए आवेदन भरे जा रहे हैं।

जागरण संवाददाता, सरायतरीन। हज की पवित्र यात्रा पर जाने के लिए आवेदन भरे जा रहे हैं। जिसकी अंतिम तिथि 9 सितम्बर हैं। आवेदन के साथ पासपोर्ट की दो कॉपियां, बैंक पासबुक या कैन्सल चैक की कॉपी, ओरिजिनल आधार कार्ड, पैन कार्ड और ब्लड ग्रुप की रिपोर्ट लगानी होगी। हज के सफर के लिए ऑनलाइन आवेदन के साथ सुविधा एप्प पर भी आवेदन फार्म भर सकते हैं।

केन्द्रीय हज कमेटी के निर्देशों के अनुसार, हर राज्य की हज कमेटियां और हज से जुड़ी संस्थाएं हज जाने वाले आजमीन के फॉर्म भरवाने से लेकर सभी औपचारिकताएं पूरी करने का काम करती हैं।

हज यात्रा में खर्च होंगे 4 लाख 60 हजार

हज ट्रेनर मुहम्मद अली ने बताया कि इस्लाम को मानने वाले हर शख्य की तमन्ना होती है कि वह जीवन मे एक बार सऊदी अरब में हज का सफर कर मक्का और मदीना में इबादतें करे। यही ख्वाहिश लिए हर मुस्लिम अपनी जिंदगी भर की जमा-पूंजी खर्च कर हज पर जाता है। उन्होंने बताया कि पिछले सालों के मुकाबले इस बार हज का सफर काफी महंगा हो गया है।

2025 में हज पर जाने वाले आजमीन को 4 लाख 60 हजार रुपये खर्च करने पड़ेंगे, जिसमें हवाई जहाज का किराया, मक्का, मदीना, मैदान-ए-अराफात और मुजदलिफा में ठहरना शामिल है। क़्योंकि हज के सफर का हवाई किराया ही 1 लाख, 5 हजार रुपये है।

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2014 के बाद भारत सरकार ने बंद की सब्सिडी

हज ट्रेनर मुहम्मद अली ने बताया कि 2014 के बाद भारत सरकार ने हज यात्रियों को हवाई किराए में दी जाने वाली सब्सिडी बन्द कर दी थी। हालांकि ये ज्यादा नहीं थी, मगर गरीब आजमीन के लिए थोड़ी राहत थी। सब्सिडी बन्द हो जाने से भी हज का सफर थोड़ा महंगा हुआ है।

सऊदी अरब हज यात्रा में जाने वाले आजमीनों के ठहरने के नियम में बदलाव

हज ट्रेनर मुहम्मद अली ने बताया कि इस बार सऊदी हुकूमत ने हज पर आ रहे आजमीनों के ठहरने के नियमों में बदलाव किया है। अब मर्द और औरत दोनों के लिए ठहरने के इन्तेजामात अलग-अलग किए जाएंगे। एक ही बिल्डिंग में दोनों को ठहराया जाएगा। हिंदुस्तान से जाने वाले आजमीन के लिए जहां मक्का में भारत सरकार अजीजिया इमारतों में रुकने का इन्तेजाम करती है। वहीं मदीना में ठहरने के इन्तेजामात सऊदी हुकूमत की तरफ से होते हैं। तो वही मैदान-ए-अराफात में आजमीन को टेंट्स में रहना पड़ता है। उसका इंतेज़ाम भी सऊदी अरब सरकार ही करती है।

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भारत को मिला 1.75 लाख सीटों का कोटा

हज ट्रेनर मुहम्मद अली ने बताया कि इस बार भारत से जाने वाले आजमीन के लिए 1 लाख, 75 हजार, 25 सीटों का कोटा सऊदी अरब सरकार की तरफ से दिया गया है। इसमें 70 प्रतिशत केन्द्रीय हज कमेटी को मिला है और 30 प्रतिशत प्राइवेट टूर ऑपरेटर्स को दिया गया है। पहले ये कोटा 80-20 का था।