'यहां नहीं जीत सके तो...', तीन राज्यों में हार के बाद कांग्रेस को लेकर क्या बोले सपा सांसद शफीकुर्रहमान बर्क?
मध्य प्रदेश राजस्थान और छत्तीसगढ़ में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को करारी हार मिली है। इस हार के बाद समाजवादी पार्टी के नेता कांग्रेस पर हमलावर हैं। वहीं भाजपा भी अब इंडिया गठबंधन को लेकर भी कांग्रेस को घेरने में जुट गई है। इस बीच सपा सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने कहा अगर कांग्रेस यहा नहीं जीत पाई तो उनका 2024 के चुनाव में इनका क्या रखा है।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। तीन राज्यों में भाजपा की प्रचंड जीत और कांग्रेस को मिली करारी हार को लेकर समाजावदी पार्टी के सांसद शफीकुर्रहमान बर्क का बड़ा बयान सामने आया है। सपा सांसद ने कहा कि अगर कांग्रेस यहा नहीं जीत पाई तो उनका 2024 के चुनाव में इनका क्या रखा है। बर्क ने यह बयान मीडिया को दिए एक इंटरव्यू के दौरान दिया है।
मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को करारी हार मिली है। इस हार के बाद समाजवादी पार्टी के नेता कांग्रेस पर हमलावर हैं। वहीं, भाजपा भी अब इंडिया गठबंधन को लेकर भी कांग्रेस को घेरने में जुट गई है। इस बीच सपा सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने कहा, ''अगर कांग्रेस यहा नहीं जीत पाई तो उनका 2024 के चुनाव में इनका क्या रखा है।''
मायावती ने चुनाव परिणामों को बताया विचित्र
इससे पहले बसपा प्रमुख मायावती ने चार राज्यों के विधानसभा चुनाव परिणामों पर संदेह प्रकट करते हुए इन्हें विचित्र और रहस्यमय बताया है। एक्स पर किए गए पोस्ट में मायावती ने कार्यकर्ताओं को इन अजूबे परिणाम से निराश न होने और पूरे उत्साह के साथ लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुट जाने का निर्देश दिया है।
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मायावती ने 10 दिसंबर को बुलाई बैठक
बसपा प्रमुख ने राज्यों के चुनाव परिणाम के आधार पर लोकसभा चुनाव की तैयारियों पर नए सिरे से विमर्श के लिए दस दिसंबर को लखनऊ में पदाधिकारियों की बैठक बुलाई है। मायावती ने अपने पोस्ट में लिखा है कि विधानसभा चुनाव के परिणाम एक पार्टी के पक्ष में एकतरफा होने से लोगों का शंकित, अचंभित व चिंतित होना स्वाभाविक है, क्योंकि चुनाव के पूरे माहौल को देखते हुए ऐसा विचित्र परिणाम गले के नीचे उतर पाना बहुत मुश्किल है।
पूरे चुनाव के दौरान माहौल कांटे के संघर्ष जैसा दिलचस्प रहा, किंतु चुनाव परिणाम उससे बिलकुल अलग एकतरफा हो जाना ऐसा रहस्यमय मामला है, जिस पर गंभीर चिंतन व उसका समाधान जरूरी है। हालांकि, उन्होंने लोगों की नब्ज पहचानने में भंयकर भूल-चूक जैसी बात का भी जिक्र किया है।
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