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UP News: दारुल उलूम देवबंद की वेबसाइट से हटाया गया विवादित पाठ्यक्रम, 7 जुलाई को हुई थी शिकायत

दारुल उलूम के मदरसों में ऐसा पाठ्यक्रम पढ़ाया जा रहा था जिसमें कई विवादित संदर्भ व फतवे शामिल थे। दिल्ली की सामाजिक संस्था मानुषी सदन की राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग में शिकायत के बाद इसे वेबसाइट व पाठ्यक्रम से हटा दिया गया है। मानुषी सदन ने गत 7 जुलाई को शिकायत की थी।

By Jagran NewsEdited By: Paras PandeyUpdated: Sun, 22 Oct 2023 07:01 AM (IST)
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शिकायत के बाद दारुल उलूम देवबंद की वेबसाइट से हटाया गया विवादित पाठ्यक्रम
जागरण संवाददाता, देवबंद (सहारनपुर)। दारुल उलूम के मदरसों में ऐसा पाठ्यक्रम पढ़ाया जा रहा था, जिसमें कई विवादित संदर्भ व फतवे शामिल थे। दिल्ली की सामाजिक संस्था मानुषी सदन की राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग में शिकायत के बाद इसे वेबसाइट व पाठ्यक्रम से हटा दिया गया है। मानुषी सदन ने गत 7 जुलाई को शिकायत की थी कि इस्लामिक विद्वान दिवंगत मौलाना अशरफ अली थानवी की 100 साल पुरानी पुस्तक बहिश्ती जेवर (स्वर्ण के आभूषण) के जरिए दारुल उलूम छात्रों को नाबालिगों पर आपराधिक हमले, अवैध संबंध, दुष्कर्म और नाबालिगों की शादी की पढ़ाई करा रहा है। 

महिलाओं के शरई मसलों पर लिखी गई इस पुस्तक के कुछ अंशों के साथ दारुल उलूम के कुछ फतवों पर भी आपत्ति जताई थी। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने सहारनपुर के डीएम व एसएसपी को जांच करने व दारुल उलूम की वेबसाइट पर उपलब्ध ऐसी विवादित सामग्री को हटाने के लिए कहा था। साथ ही अधिकारियों को आयोग में तलब किया था।

19 जुलाई को डीआइओएस योगराज सिंह के नेतृत्व में जांच टीम दारुल उलूम पहुंची थी और पूरे मामले की जांच की थी। दारुल उलूम के जिम्मेदारों ने टीम को बताया था कि पुस्तक से संस्था का कोई वास्ता नहीं है। 19 अक्टूबर को आयोग में प्रस्तुत होकर अधिकारियों ने बताया कि चार सदस्यीय टीम की जांच के बाद विवादित सभी फतवों और पुस्तक को दारुल उलूम समेत अन्य वेबसाइट से हटवा दिया गया है।  

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