Ganga Expressway : गंगा एक्सप्रेसवे से जुड़ी बड़ी खबर आ गई सामने, होने जा रहा है यह काम- इन लोगों को मिलेगा फायदा
Ganga Express way Distance उत्तर प्रदेश में पश्चिम से पूर्व को एक साथ जोड़ने के लिए योगी सरकार ने गंगा एक्सप्रेसवे बनाने का निर्णय लिया था जिससे न केवल पश्चिम क्षेत्र के लोगों इलाहाबाद उच्च न्यायालय जाने में सुविधा होगी बल्कि समय और धन की भी बचत होगी। इस प्रोजेक्ट को अमलीजामा पहनाने के लिए 18 दिसंबर 2021 को इसका शिलान्यास भी किया गया।
संवाद सहयोगी, जागरण, बहजोई: यूपी सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट गंगा एक्सप्रेसवे देश का दूसरा सबसे लंबा एक्सप्रेसवे है, जिस पर इस वर्ष के आखिरी में वाहन दौड़ते नजर आएंगे। इसके पूरे होने की आधिकारिक समय सीमा तो 2025 थी लेकिन जिस प्रकार से लक्ष्य बनाकर कार्य में तेजी लाई गई है, कार्यदाई संस्था ने इसे 2024 में ही पूरा करने का दावा किया है।
देश के सबसे बड़ी जनसंख्या वाले राज्य उत्तर प्रदेश में पश्चिम से पूर्व को एक साथ जोड़ने के लिए योगी सरकार ने गंगा एक्सप्रेसवे बनाने का निर्णय लिया था जिससे न केवल पश्चिम क्षेत्र के लोगों इलाहाबाद उच्च न्यायालय जाने में सुविधा होगी बल्कि समय और धन की भी बचत होगी। इस प्रोजेक्ट को अमलीजामा पहनाने के लिए 18 दिसंबर 2021 को इसका शिलान्यास भी किया गया।
मेरठ से प्रयागराज के बीच इसकी कुल दूरी 594 किमी है जिसमें संभल जिले से भी यह करीब 38 किमी की लंबाई शामिल है और 31 गांवों से होकर गुजरता है। वर्ष 2022 से ही जिले की संभल और चंदौसी तहसील क्षेत्र के अंतर्गत सभी 31 गांवों के किसानों से भूमि खरीद शुरू हुई। फिर उसे यूपीडा के हवाले किया गया। तत्पश्चात सीडीएस ने इस पर मिट्टी का कार्य शुरू किया। वर्तमान में आईआरबी इंफ्रा के नेतृत्व में चलने वाले इस कार्य की प्रगति बेहद तेज है।
पिछले छह महीने में करीब 40 प्रतिशत से अधिक का कार्य हुआ है। यूपीडा के अधिशासी अभियंता राकेश कुमार मोगा की अनुसार संभल जिले में प्रत्येक डेढ़ से दो किमी की दूरी पर अंडरपास बनाए गए हैं जो कि इसके निकट की ग्रामीणों को उनके खेतों तक और आपस में जोड़ने का कार्य करेंगे।
कुल 20 अंडर पास का निर्माण कार्य 90 प्रतिशत से भी अधिक पूरा हो गया है जबकि अन्य स्ट्रक्चर का कार्य 80 प्रतिशत तक पहुंच गया है। हालांकि मिट्टी डालकर विभिन्न परतों के साथ निर्मित कराए जा रहे एक्सप्रेस वे का कार्य अभी 60 प्रतिशत हुआ है। अगले पांच महीने में इसके 90 प्रतिशत तक पूरा होने की उम्मीद है और दिसंबर 2024 में इसे सार्वजनिक रूप से समर्पित किए जाने की दावा है।
लहरावन में रेलवे बना रहा ओवर ब्रिज
यूपीडा के अधिकारियों के अनुसार गंगा एक्सप्रेसवे के लिए जनपद संभल में तीन ओवर ब्रिज बनाई जा रहे हैं। जिसमें एक आगरा मुरादाबाद नेशनल हाईवे पर बहजोई के गांव लहरावन पर और एक यहीं पर अलीगढ़ से बरेली जोड़ने वाली रेलवे लाइन पर रेलवे लाइन पर।
रेलवे लाइन के ओवर ब्रिज का निर्माण स्वयं रेलवे की निगरानी में किया जा रहा है। उन्हें सिर्फ बजट आवंटित किया गया है, जबकि संभल तहसील के अंतर्गत मुरादाबाद से अलीगढ़ और बुलंदशहर को जोड़ने वाले स्टेट हाईवे पर भी एक ओवर ब्रिज बन रहा है, जिनका कार्य तकरीबन 70 प्रतिशत तक पूरा हो गया है।
लहरावन में शुरू हुआ इंटरलिंकिंग रोड का कार्य
बहजोई: गंगा एक्सप्रेसवे को आगरा मुरादाबाद नेशनल हाईवे से जोड़ने के लिए लहरावन गांव पर इंटरलिंकिंग बनाया जाना है, जहां पर मिट्टी डालने का कार्य शुरू हो गया है। दो अलग-अलग स्थान पर पक्की सड़क भी बनाई जाने लगी है। हालांकि एक्सप्रेस वे पर यहां से चढ़ने और उतरने के लिए ढलान का कार्य भी जल्द शुरू होने वाला है। इससे पूर्व यहां से पेड़ों की कटाई और विद्युत लाइन को शिफ्ट किया गया है।
सर्विस लेन के लिए कार्य शुरू
गंगा एक्सप्रेसवे के निर्माण कार्य में तेजी के साथ-साथ उसके दोनों और बनने वाले सर्विस लेन का कार्य भी शुरू हो गया है।अधिशासी अभियंता के अनुसार सर्विस लेन का कार्य एक्सप्रेस वे के दोनों ओर समान रूप से नहीं बल्कि जहां आवश्यकता होगी उसके आधार पर किया जाएगा, जहां आवश्यकता नहीं होगी वहां इसी बीच में छोड़ा जा सकेगा। इसके लिए पहले से ही अंडरपास के माध्यम से ग्रामीणों को जोड़ा जा रहा है, हालांकि सर्विस लेन का मुख्य कार्य एक्सप्रेस वे पर सफर करने वाले लोगों के लिए सुविधा प्रदान करना है न कि स्थानीय प्राथमिकता के लिए।
चार महीने में शुरू हो जाएगा दोनों और पौधरोपण
बहजोई: गंगा एक्सप्रेसवे के लोकार्पण के लिए करीब सात महीने अभी बाकी है। उम्मीद जताई जा रही है कि चार महीने में सड़क का कार्य 90 प्रतिशत तक पूरा हो जाएगा और इसी दौरान इसके दोनों और पौधरोपण का भी कार्य होगा। बीच में डिवाइडर बनाने के साथ-साथ उसे पर भी पौधारोपण किया जाएगा और दोनों ओर की बैरिकेड के कार्य को पूर्ण कर लिया जाएगा।
गंगा एक्सप्रेसवे को पूर्ण करने की समय सीमा तो 2025 निर्धारित थी हालांकि हमने जिस प्रकार से लक्ष्य के सापेक्ष कार्य किया है, उससे उम्मीद है कि दिसंबर 2024 तक हम इसे पूर्ण कर सरकार के हवाले कर देंगे और सार्वजनिक प्रयोग के लिए लोकार्पण हो सकेगा। फिलहाल स्ट्रक्चर का 80 प्रतिशत और सड़क का 60 प्रतिशत से अधिक का कार्य पूरा हो गया है।
राकेश कुमार मोगा, अधिशासी अभियंता, यूपीडा।