2025 में नहीं इस साल पूरा होगा देश के दूसरे सबसे लंबे एक्सप्रेसवे का काम, बस इतने दिन और करना होगा इंतजार
यूपी सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट गंगा एक्सप्रेसवे देश का दूसरा सबसे लंबा एक्सप्रेसवे है। इसके पूरे होने की आधिकारिक समय सीमा तो 2025 थी लेकिन जिस प्रकार से लक्ष्य बनाकर कार्य में तेजी लाई गई है। कार्यदायी संस्था ने इसे 2024 में ही पूरा करने का दावा किया है। इस प्रोजेक्ट को अमलीजामा पहनाने के लिए 18 दिसंबर 2021 को शिलान्यास भी किया गया।
संवाद सहयोगी, बहजोई। यूपी सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट गंगा एक्सप्रेसवे देश का दूसरा सबसे लंबा एक्सप्रेसवे है। इसमें इस वर्ष के आखिरी में वाहन दौड़ते नजर आएंगे। इसके पूरे होने की आधिकारिक समय सीमा तो 2025 थी, लेकिन जिस प्रकार से लक्ष्य बनाकर कार्य में तेजी लाई गई है। कार्यदायी संस्था ने इसे 2024 में ही पूरा करने का दावा किया है।
इस प्रोजेक्ट को अमलीजामा पहनाने के लिए 18 दिसंबर 2021 को शिलान्यास भी किया गया। मेरठ से प्रयागराज के बीच इसकी कुल दूरी 594 किमी है। संभल जिले में इसकी 38 किमी की लंबाई है और 31 गांवों से होकर गुजरता है।
तेजी से हो रहा काम
वर्ष 2022 से ही जिले की संभल और चंदौसी तहसील क्षेत्र के अंतर्गत सभी 31 गांवों के किसानों से भूमि खरीद शुरू हुई, फिर उसे यूपीडा के हवाले किया गया। तत्पश्चात सीडीएस ने इस पर मिट्टी का कार्य शुरू किया।वर्तमान में आईआरबी इंफ्रा के नेतृत्व में चलने वाले इस कार्य की प्रगति बेहद तेज है। पिछले छह महीने में करीब 40 प्रतिशत से अधिक का कार्य हुआ है। यूपीडा के अधिशासी अभियंता के अनुसार संभल जिले में प्रत्येक डेढ़ से दो किमी की दूरी पर अंडरपास बनाए गए हैं, जो इसके निकट की ग्रामीणों को उनके खेतों तक और आपस में जोड़ने का कार्य करेंगे।
कुल 20 अंडरपास का निर्माण कार्य 90 प्रतिशत से भी अधिक पूरा हो गया है, जबकि अन्य स्ट्रक्चर का कार्य 80 प्रतिशत तक पहुंच गया है। हालांकि, मिट्टी डालकर विभिन्न परतों के साथ निर्मित कराए जा रहे एक्सप्रेसवे का कार्य अभी 60 प्रतिशत हुआ है। अगले पांच महीने में इसके 90 प्रतिशत तक पूरा होने की उम्मीद है और दिसंबर 2024 में इसे सार्वजनिक रूप से समर्पित किए जाने की दावा है।
सर्विस लेन के लिए कार्य शुरू
गंगा एक्सप्रेसवे के निर्माण कार्य में तेजी के साथ-साथ उसके दोनों और बनने वाले सर्विस लेन का कार्य भी शुरू हो गया है। अधिशासी अभियंता के अनुसार सर्विस लेन का कार्य एक्सप्रेस वे के दोनों ओर समान रूप से नहीं बल्कि जहां आवश्यकता होगी उसके आधार पर किया जाएगा, जहां आवश्यकता नहीं होगी वहां इसी बीच में छोड़ा जा सकेगा।
इसके लिए पहले से ही अंडरपास के माध्यम से ग्रामीणों को जोड़ा जा रहा है, हालांकि सर्विस लेन का मुख्य कार्य एक्सप्रेस वे पर सफर करने वाले लोगों के लिए सुविधा प्रदान करना है न कि स्थानीय प्राथमिकता के लिए।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।गंगा एक्सप्रेसवे को पूर्ण करने की समय सीमा 2025 निर्धारित थी। हालांकि, हमने जिस प्रकार से लक्ष्य के सापेक्ष कार्य किया है, उससे उम्मीद है कि दिसंबर 2024 तक हम इसे पूर्ण कर सरकार के हवाले कर देंगे और सार्वजनिक प्रयोग के लिए लोकार्पण हो सकेगा। फिलहाल स्ट्रक्चर का 80 प्रतिशत और सड़क का 60 प्रतिशत से अधिक का कार्य पूरा हो गया है।
-राकेश कुमार मोगा, अधिशासी अभियंता, यूपीडा।
हाईलाइट्स
- एक्सप्रेस वे की कुल लंबाई- 594 किमी
- संभल जिले में कुल लंबाई- 38 किमी
- संभल जिले में कुल गांवों से गुजरेगा- 31
- जिले में अब तक पूर्ण ढांचागत कार्य-80 प्रतिशत
- जिले में अब तक पूर्ण सड़क का कार्य- 60 प्रतिशत
- जिले में कुल अंडरपास की संख्या- 20
- जिले में कुल ओवर ब्रिज- 03
- जिले में कुल राष्ट्रीय राजमार्ग को जोड़ेगा- एनएच 509।