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पाठ्यक्रम की स्वीकृति मिलने से दूर होगी समस्या

जनपद के एक मात्र वित्त पोषित हीरालाल रामनिवास स्नातकोत्तर महाविद्यालय (एचआरपीजी) खलीलाबाद में कक्षाएं न बढ़ने से समस्या है।

By JagranEdited By: Updated: Fri, 07 Jun 2019 07:00 AM (IST)
पाठ्यक्रम की स्वीकृति मिलने से दूर होगी समस्या

संतकबीर नगर: जनपद के एक मात्र वित्त पोषित हीरालाल रामनिवास स्नातकोत्तर महाविद्यालय (एचआरपीजी) खलीलाबाद में कक्षाएं न बढ़ने से समस्या है। सिद्धार्थ विश्वविद्यालय से सत्र 2019 से स्नातक स्तर पर बीएसएस एवं स्नातकोत्तर गृहविज्ञान व मनोविज्ञान में प्रवेश की स्वीकृति की प्रक्रिया पूरी होने की उम्मीद है। कक्षाओं की स्वीकृति मिलने से छात्र-छात्राओं को राहत मिलेगी।

वर्ष 1966 में स्थापित महाविद्यालय पूर्व में दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय से संबद्ध रहा। बीए, बीकाम, बीएससी के साथ स्नातकोत्तर कला संकाय में पांच, विज्ञान में दो, वाणिज्य में एक विषय की सुविधा है। बीएससी, स्नातकोत्तर अंग्रेजी, गृहविज्ञान, मनोविज्ञान विज्ञान आदि कक्षाओं की अनुमति के लिए पिछले तीन वर्ष से प्रक्रिया की जा रही है। स्नातक की 1540 सीटों में बीएससी बायो-मैथ में करीब चार सौ सीट पर स्व वित्तपोषित कक्षाएं संचालित हो रही है।

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नियमानुसार होगा प्रवेश

-कार्यवाहक प्राचार्य डा. रामसोच यादव का कहना हैकि विश्वविद्यालय से प्रक्रिया चल रही है। स्वीकृति मिलने के बाद कक्षाओं में नियमानुसार प्रवेश लिया जाएगा।

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उद्देश्यों की पूर्ति पर अग्रसर

-विकास व उच्च शिक्षा की आवश्यकता की पूर्ति के महाविद्यालय की स्थापना की गई। उद्देश्यों की पूर्ति के साथ लक्ष्य प्राप्ति की ओर अग्रसर है। 53वे वर्ष में पाठ्यक्रम बढ़ाकर विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की व्यवस्था की जाएगी।

- विनोद कुमार रूंगटा

- सचिव प्रबंध समिति

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जिले में 66 महाविद्यालय

- जिले में एक राजकीय महिला महाविद्यालय, एक वित्तपोषित के साथ कुल 66 महाविद्यालय है। माधवप्रसाद त्रिपाठी राजकीय महिला महाविद्यालय में स्नातक में पांच विषयों से संख्या दहाई में रहती है। वित्तपोषित एचआरपीजी कालेज में ही अधिकांश विद्यार्थी प्रवेश लेते है। जबकि स्ववित्तपोषित कुछ ही महाविद्यालयों में विषय की सुविधा मिल पाती है।

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