पूर्वी यूपी में नदियों का रौद्र रूप… खतरे के निशान से ऊपर बह रही राप्ती; एक लाख की आबादी पर गहराया बाढ़ का संकट
पूर्वी उत्तर प्रदेश में अधिक वर्षा के चलते बरसाती नाले समेत सभी नदिया उफान पर हैं। अधिकांश जगहों पर बरसाती नाले का पानी सड़कों पर पानी पहुंच चुका है। जिससे आवागमन के लिए लोग नाव का इस्तेमाल कर रहे हैं। इसी क्रम में प्रदेश के संतकबीर नगर जिले में राप्ती नदी का जलस्तर भी खतरे के निशान के ऊपर है।
जागरण टीम, संतकबीर नगर। जनपद में राप्ती नदी खतरे के निशान से 30 सेमी ऊपर बह रही है। जबकि सरयू नदी खतरे के निशान से 75 सेमी नीचे है। कुछ दिन लगातार वर्षा हुई तो यह नदी भी लाल निशान को पार कर सकती है।
इसके अलावा कुआनो नदी खतरा निशान से 1.04 मीटर नीचे बह रही है। इन नदियों के आसपास के गांवों के लोगों में बाढ़ का खतरा बना हुआ है। बाढ़ चौकियों को सक्रिय कर दिया गया है। तहसील प्रशासन नदियों के जलस्तर पर नजर बनाए हुए है।
खतरे के निशान से 30 सेमी ऊपर बह रही नदी
मेंहदावल तहसील क्षेत्र में राप्ती नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। नदी रविवार को खतरे के निशान से 30 सेमी ऊपर बह रही है। इसके आसपास के गांवों की आबादी करीब एक लाख है। करमैनी-बेलौली बांध पर दबाव पड़ना शुरू हो गया है। कई स्थानों पर नदी की तेज धारा बांध से टकरा रही है।कई स्थानों पर बढ़ रहा नदी के पानी का दबाव
बेलौली, नोगौ, बिशुनपुर बांगर, तिवारीपुर, थरौली, बेलौहा समेत कई स्थानों पर नदी के पानी का दबाव बढ़ रहा है। तहसीलदार आनंद कुमार ओझा ने बताया कि नदी खतरे के निशान को पार कर गई है। इसके बाद भी इस बांध को कोई खतरा नहीं है। प्रशासन बांध की निगरानी कर रहा है।
नाव के सहारे आवाजाही कर रहे ग्रामीण
हर स्थिति से निपटने में तहसील प्रशासन सक्षम है। वहीं धनघटा तहसील क्षेत्र में रामपुर-मकदूमपुर तटबंध के आसपास रामपुर,पड़रिया,नकहा,बच्छईपुर, तेजपुर, भोतहा, नरायणपुर, हरिवंशपुर, माझा चहोडा, खड़कपुर, मकदूमपुर समेत 12 से अधिक गांव हैं। जलस्तर में वृद्धि होने के बाद से गांव के लोग नाव के सहारे आ-जा रहे हैं।पड़रिया गांव निवासी दयाराम ने कहा कि नाव से आवागमन करने में काफी समय बर्बाद हो जाता है। नकहा गांव के रामकुमार ने बताया कि अब तो बाढ़ के कारण पशुओं के चारे की भी दिक्कत होने लगी है।
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