Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

पूर्वी यूपी में नदियों का रौद्र रूप… खतरे के निशान से ऊपर बह रही राप्ती; एक लाख की आबादी पर गहराया बाढ़ का संकट

पूर्वी उत्तर प्रदेश में अधिक वर्षा के चलते बरसाती नाले समेत सभी नदिया उफान पर हैं। अधिकांश जगहों पर बरसाती नाले का पानी सड़कों पर पानी पहुंच चुका है। जिससे आवागमन के लिए लोग नाव का इस्तेमाल कर रहे हैं। इसी क्रम में प्रदेश के संतकबीर नगर जिले में राप्ती नदी का जलस्तर भी खतरे के निशान के ऊपर है।

By Dilip Pandey Edited By: Riya Pandey Updated: Mon, 15 Jul 2024 02:36 PM (IST)
Hero Image
संत कबीर नगर में चेतावनी रेखा के पार राप्ती नदी का जलस्तर (फाइल फोटो)

जागरण टीम, संतकबीर नगर। जनपद में राप्ती नदी खतरे के निशान से 30 सेमी ऊपर बह रही है। जबकि सरयू नदी खतरे के निशान से 75 सेमी नीचे है। कुछ दिन लगातार वर्षा हुई तो यह नदी भी लाल निशान को पार कर सकती है।

इसके अलावा कुआनो नदी खतरा निशान से 1.04 मीटर नीचे बह रही है। इन नदियों के आसपास के गांवों के लोगों में बाढ़ का खतरा बना हुआ है। बाढ़ चौकियों को सक्रिय कर दिया गया है। तहसील प्रशासन नदियों के जलस्तर पर नजर बनाए हुए है।

खतरे के निशान से 30 सेमी ऊपर बह रही नदी

मेंहदावल तहसील क्षेत्र में राप्ती नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। नदी रविवार को खतरे के निशान से 30 सेमी ऊपर बह रही है। इसके आसपास के गांवों की आबादी करीब एक लाख है। करमैनी-बेलौली बांध पर दबाव पड़ना शुरू हो गया है। कई स्थानों पर नदी की तेज धारा बांध से टकरा रही है।

कई स्थानों पर बढ़ रहा नदी के पानी का दबाव

बेलौली, नोगौ, बिशुनपुर बांगर, तिवारीपुर, थरौली, बेलौहा समेत कई स्थानों पर नदी के पानी का दबाव बढ़ रहा है। तहसीलदार आनंद कुमार ओझा ने बताया कि नदी खतरे के निशान को पार कर गई है। इसके बाद भी इस बांध को कोई खतरा नहीं है। प्रशासन बांध की निगरानी कर रहा है।

नाव के सहारे आवाजाही कर रहे ग्रामीण

हर स्थिति से निपटने में तहसील प्रशासन सक्षम है। वहीं धनघटा तहसील क्षेत्र में रामपुर-मकदूमपुर तटबंध के आसपास रामपुर,पड़रिया,नकहा,बच्छईपुर, तेजपुर, भोतहा, नरायणपुर, हरिवंशपुर, माझा चहोडा, खड़कपुर, मकदूमपुर समेत 12 से अधिक गांव हैं। जलस्तर में वृद्धि होने के बाद से गांव के लोग नाव के सहारे आ-जा रहे हैं।

पड़रिया गांव निवासी दयाराम ने कहा कि नाव से आवागमन करने में काफी समय बर्बाद हो जाता है। नकहा गांव के रामकुमार ने बताया कि अब तो बाढ़ के कारण पशुओं के चारे की भी दिक्कत होने लगी है।

बाढ़ आने पर लोगों की दिनचर्या पर पड़ता है असर

तेजपुर गांव के फूलचंद, लालचंद, ओमप्रकाश ने कहा कि बाढ़ आ जाने पर आमतौर पर हम लोगों की दिनचर्या ही खराब हो जाती है। विपरीत परिस्थितियों में हम लोगों का साथ नाव ही देता है। इसी तहसील के ग्राम पंचायत अतरौलिया उर्फ मठिया के पास कुआनो नदी पोखरा घाट से लेकर अंत्येष्टि स्थल तक करीब 700 मीटर की दूरी तक कटान कर रही है।

प्रधान मुलायम यादव ने कहा कि उन्होंने इसकी सूचना तहसील प्रशासन को दे दी है। नायब तहसीलदार रविवार को राजस्व कर्मियों के अलावा ड्रेनेज खंड के जेई ने कटान स्थल का जायजा लिया।

यह भी पढ़ें- Flood in Gorakhpur: गोरखपुर में सरयू खतरे के निशान के पार, राप्ती की रफ्तार से लोगों की अटकी सांसे

यह भी पढ़ें- Flood in Gorakhpur: व्यवस्था पर उठ रहा सवाल, शिक्षा ग्रहण के लिए नाव पर नौनिहाल