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Santkabirnagar News: जिला अस्पताल में जरूरी दवाओं की कमी, जांच भी ठप

संतकबीर नगर के जिला अस्पताल की अव्यवस्था दूर होने का नाम नहीं ले रही है। जरूरी दवाएं खत्म हो चुकी हैं और जांच भी पिछले कुछ दिनों से बंद है। ठंड के इस मौसम में रोगियों की संख्या बढ़ने के बाद अस्पताल की व्यवस्था पुरी तरह से लड़खड़ा गई है।

By Dilip PandeyEdited By: Nirmal PareekUpdated: Sat, 07 Jan 2023 02:42 PM (IST)
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जिला अस्पताल में जरूरी दवाओं की कमी, जांच भी ठप
जागरण संवाददाता, संतकबीर नगर: जिला अस्पताल की अव्यवस्था दूर होने का नाम नहीं ले रही है। अस्पताल में जरूरी दवाएं खत्म हो चुकी हैं और जांच भी पिछले कुछ दिनों से बंद है। ठंड के इस मौसम में रोगियों की संख्या बढ़ने के बाद अस्पताल की व्यवस्था पुरी तरह से लड़खड़ा गई है। अस्पताल के रेडियोलाजिस्ट गायब हैं। यही हालत खून-पेशाब आदि जांच की है। यहां दिखाने आ रहे मरीजों का कहना है कि डाक्टर की लिखी अधिकतर दवाएं यहां नहीं मिल पाती हैं। यहां पर आने वाले रोगियों को जांच कराने के लिए निजी केंद्रों पर जाना पड़ता है। दवाएं भी बाहर मेडिकल स्टोर पर खरीदनी पड़ती है।

रोगियों को बाहर निजी सेंटर पर जांच करवाना पड़ रहा है

बता दें, जिला अस्पताल में डा. शैलेंद्र चौधरी सुबह 11 बजे तक अल्ट्रासाउंड जांच करते हैं, वहीं रेडियोलाजिस्ट डा. गोपाल बिना सूचना के गायब थे, जिसके चलते शुक्रवार को जिला अस्पताल में आए तमाम रोगियों को बाहर निजी सेंटर पर यह जांच करवाना पड़ा। यही स्थिति खून, पेशाब आदि जांच कक्ष की थी। यहां पर आने के बाद रोगी यह जांच कराने के लिए बाहर पैथालाजी में जाते हुए दिखे। ठंड के चलते सर्दी, जुकाम, बुखार, रक्तचाप, उल्टी-दस्त के ज्यादा रोगी यहां पर आए थे। कई बच्चे निमोनिया से पीड़ित मिले। इससे डाक्टरों के कक्ष के सामने रोगियों की लंबी कतार लगी रही। डाक्टर पर्ची पर जो चार-पांच दवा लिखे थे, वह यहां के दवा काउंटर पर केवल दो-तीन मिली। इसकी वजह से रोगियों को शेष दवा बाहर मेडिकल स्टोर पर खरीदनी पड़ी।

अस्पताल में इलाज करवाने आए रोगियों ने सुनाई व्यथा

अस्पताल में इलाज करवाने आए खलीलाबाद के इंद्रजीत ने कहा कि उनके पैर में चोट लगी है। इसे दिखाने के लिए डाक्टर के पास आए हैं। डाक्टर ने पांच दवा व एक मरहम लिखा था, लेकिन दवा काउंटर पर कोई दवा नहीं मिली। सभी दवाएं बाहर मेडिकल स्टोर पर खरीदना पड़ा। खलीलाबाद के सोहार्थ ने बताया कि उन्हें पेट में दर्द था, वह सुबह 11 बजे डाक्टर को दिखाने के लिए आए थे। डाक्टर ने अल्ट्रासाउंड कराने के लिए कहा था। इस पर वह पहुंचे तो देखा कि अल्ट्रासाउंड कक्ष का दरवाजा बंद है। थोड़ी देर तक वह यहां पर खड़े रहे। एक स्वास्थ्यकर्मी ने पूछने पर बताया कि अल्ट्रासाउंड करने वाले डाक्टर साहब नहीं हैं। बाहर जांच करवा लें। चूंकि उनके पास उतने पैसे नहीं थे, इसके चलते वह बिना जांच कराए घर वापस जाने को विवश हैं।

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