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Amba Cineplex; चंदू चैंपियन का आखिरी शो हो गया था निरस्त नहीं तो...आग में राख हो गया शाहजहांपुर का अंबा सिनेप्लेक्स

अंबा सिनेप्लेक्स में चंदू चैंपियन फिल्म का तीसरा शो साढ़े नाै बजे समाप्त हुआ था। इसके बाद दर्शक न होने के कारण चौथा शो नहीं चलाया गया। रात लगभग सवा 11 बजे सिनेमाहाल के ऑपरेटर प्रवीन साथी कर्मचारी सोमप्रकाश के साथ परिसर में बैठे थे तभी बालकनी से धुआं दिखा। दोनों लोग ऊपर गए तो देखा कि गैलरी में बिजली के तार जल रहे हैं।

By Ambuj Kumar Mishra Edited By: Abhishek Saxena Updated: Tue, 18 Jun 2024 12:17 PM (IST)
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अंबा सिनेमा जहां हाउसफुल होते थे शो, टिकट के लिए दर्शक लगाते थे पैरवी।

जागरण संवाददाता, शाहजहांपुर। शार्ट सर्किट से लगी आग में शहर का इकलौता सिनेमाघर अंबा सिनेप्लेक्स पूरी तरह जल गया। अंतिम शो निरस्त होने के कारण घटना के समय दर्शक नहीं थे। अन्यथा बड़ा हादसा हो सकता था। वहां मौजूद प्रबंधक व कर्मचारी सुरक्षित बच गए, लेकिन सिनेमाहाल में बड़ा नुकसान हो गया। लगभग दो घंटे बाद आग पर काबू पाया जा सका। घटना के बाद क्षेत्र में काफी देर तक अफरा तफरी की स्थिति रही।

दमकल की पांच गाड़ियों की मदद से लगभग डेढ़ बजे आग पर काबू पाया जा सका। वहां का फर्नीचर, पर्दे, छत व दीवारों पर लगी लकड़ी व प्लाई समेत अन्य पूरा सामान जल गया।

आग से सिने प्रेमी खासे निराश

अंबा सिनेप्लेक्स में लगी आग से सिने प्रेमी खासे निराश हैं। इसका संचालन कब शुरू होगा इसके बार में अब संचालक ही निर्णय लेंगे, लेकिन तब तक सिनेमाहाल में फिल्म देखने के शौकीनों को दूसरे शहरों का ही रुख करना हाेगा।

46 वर्ष पूर्व 1978 में अंबा सिनेमाहाल का संचालन बैकुंठनाथ अग्रवाल ने शुरू किया था। उस समय सिनेमाहाल में फिल्में देखना का अलग ही क्रेज होता था। कुर्बानी फिल्म जब यहां पर लगी तो शो हाउसफुल हुए। लोगों ने महंगे दामों पर भी टिकट खरीदे। इसके बाद इस सिनेमाघर में एक के बाद एक हिट फिल्में आती रही। दर्शकों की भीड़ अंबा टाकीज में उमड़ती रही। राजश्री प्रोडक्शन की फिल्में सबसे अधिक लगीं।

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नदिया के पार, हम आपके हैं कौन के शो दो-दो सप्ताह तक हाउसफुल रहे। टिकट के लिए लोगों को अधिकारियों व नेताओं से पैरवी लगानी पड़ती थी। शो खत्म होने से पहले ही अगले शो के लिए दर्शकों की भीड़ यहां परिसर में जमा हो जाती थी। उस दौर में शहर में पांच और सिनेमाघर भी संचालित थे। इनमें मैजिस्टिक व मल्हार सिनेमा सबसे पहले बंद हुए।

उसके बाद चित्रा, निशात व दुर्गा टाकीज भी बंद हो गया, लेकिन अंबा सिनेमाघर का संचालन जारी रहा। हालांकि घाटा अधिक हुआ तो कुछ समय के लिए इसे भी बंद करना पड़ा। 2010-11 में फिर से सिनेप्लेक्स के रूप में संचालन शुरू कराया गया, लेकिन रविवार रात लगी आग में यह भी फिलहाल बंद हो गया।

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टिनशेड की आवाजें

प्रवीन ने बताया कि धुआं उठता देखा तो तत्काल ऊपर की ओर भागे। वहां पर उस समय बालकनी के बाहर तार जल रहे थे, लेकिन कुछ ही देर में आग लग गई। कुछ समझने का मौका ही नहीं मिला। आग की लपटें इतनी तेज थीं कि सोमप्रकाश, रामबाबू व अन्य लोग कुछ न कर सके। आसपड़ाेस में रहने वाले लोग भी सिनेमाघर को जलते हुए देख रहे थे, पर कुछ न कर पाने में बेबस थे।

लपटें सिनेमाहाल की छत तक पहुंची तो टिनशेड भी तेज आवाज के साथ गर्म होकर चटकने लगे। दमकलकर्मियों ने किसी तरह तरह काबू तो पा लिया, लेकिन उसके बाद भी काफी देर तक वहां पर अफरा−तफरी की स्थिति रही। वासु अग्रवाल व उनके पिता संजय अग्रवाल के साथ शहर के तमाम लोग वहां पहुंच गए।

शासन की योजना के तहत शुरू हुआ था दोबारा संचालन

2010-11 में शासन से आई योजना के तहत इस सिनेमाहाल के दोबारा से संचालन शुरू हुआ। 512 सीटों वाले इस सिनेप्लेक्स को उस समय सुभाष धवन ने इसको किराये पर लिया था। तब फिल्म लगी थी एक था टाइगर। उसके बाद दस वर्ष तक धवन ने इसे संचालित किया। बाहुबली, दंगल जैसी कई सुपरहिट फिल्में यहां लगीं तो शो हाउसफुल गए। 2021 में बैकुंठ अग्रवाल ने एक बार फिर से इसके संचालन को अपने हाथ ले लिया। 2023 में उनके निधन के बाद पोते वासु अग्रवाल ने व्यवस्था को संभाला।

नहीं मिल सका था छूट का लाभ

मनोरंजन विभाग से पहले टिकट पर 25 प्रतिशत कर लिया जाता था। उसके बाद यह 40 प्रतिशत हुआ। वर्तमान में 18 प्रतिशत जीएसटी लगता है। सिनेप्लेक्स के दोबारा संचालन पर लगभग डेढ़ करोड़ रुपये की लागत आई थी। उस समय इस पर मनोरंजन कर पर छूट के रूप में कुल 50 प्रतिशत छूट को अनुदान के रूप में देने व्यवस्था थी, लेेकिन कुछ तकनीकी दिक्कतों के कारण यह धनराशि भी सिनेमाहाल स्वामी को नहीं मिल सकी।

समय-समय पर होती थी जांच : वासु

वासु अग्रवाल ने बताया कि आग से काफी ज्यादा नुकसान हुआ है। यहां पर 16 टन के चार एसी व डेढ़ टन के छह एसी जल गए। प्रोजेक्टर मशीन, हाल की बालकनी व नीचे लगीं कुर्सियां व साउंड सिस्टम भी जल गया। उन्होंने बताया कि कुल कितना नुकसान हुआ है इस समय कुछ बता पाने की स्थिति में नहीं है। वायरिंग की समय-समय पर जांच होती रहती थी। शार्ट सर्किट कैसे हो गया कुछ समझ नहीं आ रहा है।

आग में सबकुछ खत्म हो गया। शो खत्म होने के बाद रोज नियम से सभी स्विच चेक करते थे। वायरिंग भी कहीं पर लूज नहीं थी। उसके बाद भी आग कैसे लगी समझ नहीं आ रहा है। सोमप्रकाश

हमने इस सिनेमाहाल के शुरू होने से लेकर अब तक कई फिल्में देखी हैं। इस घटना के बाद से उन लोगों को कष्ट हुआ है जो अब भी सिनेमाघर में ही फिल्म देखना पसंद करते थे। प्रमोद अग्रवाल

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