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पाकिस्तान में भाई जिंदा, यूपी के शाहजहांपुर में बन गया डेथ सर्टिफिकेट; पुलिस ने भी पकड़ लिया माथा

शाहजहांपुर के लोदीपुर में पाकिस्तान की नागरिकता ले चुके व्यक्ति के तीन फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाकर उसकी संपत्ति बेची गई। यह संपत्ति शत्रु संपत्ति की श्रेणी में आती। व्यक्ति ने 1969 में अपनी संपत्ति भाई को हस्तांतरित की थी। फर्जी प्रमाण पत्रों की मदद से संपत्ति बेचने का मामला सामने आने पर नगर निगम ने दो प्रमाण पत्र निरस्त कर दिए लेकिन एक अभी भी वैध है।

By Ajay Yadav Edited By: Aysha Sheikh Updated: Sat, 16 Nov 2024 08:30 PM (IST)
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पाकिस्तान के नागरिक का निगम से तीन बार जारी हो गया फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र - प्रतीकात्मक तस्वीर।
अजयवीर सिंह, शाहजहांपुर। मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने में फर्जीवाड़े का खेल वैसे तो कोई नया नहीं है, लेकिन इस बार जो मामला सामने आया है उसे सुनकर नगर निगम के अधिकारी भी सुनकर हैरान है। पाकिस्तान के नागरिक का यहां एक-दो नहीं बल्कि तीन बार मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाकर संपत्ति तक को बेंचकर दाखिल खारिज करवा दिया गया। शिकायत मिलने पर दो प्रमाण पत्र निरस्त भी कर दिए गए थे। जबकि तीसरे प्रमाण पत्र को निरस्त कराने के लिए आरटीआई फोरम इंडिया के चेयरमैन अयूब अली ने शिकायत की तो जांच के लिए टीम को गठित कर दिया गया।

शहर के लोदीपुर मुहल्ला निवासी एक व्यक्ति बटवारे के समय पाकिस्तान चले गया था। वहां की नागरिकता भी ले ली थी लेकिन उसकी अचल संपत्ति भारत में ही रह गई थी। यहां के कानून के मुताबिक शत्रु संपत्ति मानी जाती। आठ मई 1969 को वह व्यक्ति पाकिस्तान की नागरिकता से शाहजहांपुर आया था। अपनी संपत्ति को सगे भाई को विक्रय के लिए निष्पादन किया। अयूब अली के मुताबिक एलआईयू कार्यालय में भी यह दर्ज है।

इसके बाद वह फिर पाकिस्तान चला गया जबकि उसके भाई व भतीजे लोदीपुर में ही रह रहें है, जिन्होंने उस संपत्ति को हड़पने के लिए नगर निगम( तब नगरपालिका परिषद) के कर्मचारियों से सांठगांठ कर आवश्यकता के हिसाब से तीन बार फर्जी प्रमाण पत्र बनवा लिए थे। इसके बाद संपत्ति को बेंचकर उसका दाखिल खारिज भी कर दिया गया। जबकि वह व्यक्ति अभी जीवित है।

अधिकारियों के संज्ञान में प्रकरण पहुंचने पर दो प्रमाण पत्र निरस्त भी करवा दिए गए थे लेकिन अभी एक मृत्यु प्रमाण पत्र निरस्त नही किया गया। अयूब अली ने प्रकरण की जांच कराकर दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की उनके पत्र के आधार पर ही कर निर्धारण अधिकारी ने सफाई एवं खाद्य निरीक्षक सतेंद्र कटियार व राजस्व निरीक्षक शिव पूजन को प्रकरण की जांच के लिए नामित किया है।

इन तिथियों पर बने मृत्यु प्रमाण पत्र

नगर निगम से जो मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाये गए हैं उसमें सात मार्च 2010 को उस व्यक्ति की मृत्यु होने दर्शाया गया है। पांच अप्रैल, छह अप्रैल 2010 व चार सिंतबर 2012 को प्रमाण पत्र बनवा लिया गया।

पाकिस्तान की नागरिकता ले चुके व्यक्ति के तीन फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने का मामला संज्ञान में आया है। इसकी जांच के लिए टीम गठित की गई। जांच रिपोर्ट के आधार पर ही पूरी स्थिति स्पष्ठ हो सकेगी। - कुलदीप कुमार, कर निर्धारण अधिकारी

शिकायत पत्र मिला है। जांच में यदि शिकायत सही मिली तो संबंधित के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। - अंसार अली, नगर स्वास्थ्य अधिकारी

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