UP Flood : बाढ़ का पानी बहा ले गया मां-बाप के अरमान; टूट गए सपने- अब नहीं हो पाएगी बेटी की शादी!
कटैला नगला निवासी विनोद कुमार के पिता कुंवरपाल की दो वर्ष पूर्व मृत्यु हो गयी थी। उनके कंधों पर ही छोटी बहन राधा के विवाह की जिम्मेदारी है। विनोद बताते हैं कि जलालाबाद में रिस्ता तय किया है। तिलक और गोद भराई की सभी रस्में भी पूरी हो गयी है। माघ माह में शादी की तैयारी है। बाढ़ में दस बीघा गन्ना व तिली की फसल डूबकर बर्बाद हो गई।
By Ambuj Kumar MishraEdited By: Mohammed AmmarUpdated: Sun, 27 Aug 2023 03:28 PM (IST)
संवाद सूत्र, मिर्जापुर : नरौरा बैराज से गंगा में क्षमता से अधिक पानी छोड़े जाने पर आयी बाढ़ से हजारों एकड़ फसल बर्बाद हो गई है। करीब 50 लोग कच्चे घर गिर जाने से बेघर हो गए हैं। कई पीड़ित ऐसे हैं जो बेटियों की शादी की तैयारी में थे, बाढ़ ने उनके अरमानों पर भी पानी फेर दिया है। सभी की एक ही चिंता है कि अब कैसे घर के आंगन से उठेगी बेटी की डोली। कई लोगों की पक्की छत का सपना टूट गया है।
दरअसल मस्जिद नगला, कटेला नगला, आजाद नगर, पैलानी समेत बाढ़ प्रभावित गांव में इस बार पौने दो माह से बाढ़ बनी हुई है। बैराज से लगातार पानी छोड़े जाने से खेतों से पानी भी नहीं उतर सका। नतीजतन खेतों में ही फसल पूरी तरह नष्ट हो गई हैं। घर गृहस्थी का सामान भी बर्बाद हो गया है।
अब इस सीजन तो मुश्किल होगा बेटी का निकाह
मस्जिद नगला निवासी गामा बेहद मायूस है। उनका कच्चा घर बाढ़ से गिर गया है। जागरण से बातचीत में बोले पांच बच्चों व पत्नी समेत सात लोगों के परिवार को मेहनत मजदूरी से पाल रहे थे। बेटी शायराना का रिस्ता भी फर्रुखाबाद में पक्का किया था। खर्चे के लिए बंटाई पर खेत लिया था। बाढ़ ने अरमानों पर पानी फेर दिया है। बाढ़ में सड़कर फसल नष्ट होने के साथ लागत भी डूब गई हैं।बाढ़ के कारण नहीं आ सकी बेटी की बारात
मस्जिद नगला निवासी नफीस बाढ़ की व्यथा बताते हुए रो पड़े। बोले छोटे नंबर की पुत्री निरजी के निकाह की तैयारी की थी। जुलाई के अंतिम सप्ताह में बारात की तारीख भी पक्की हो गई थी, लेकिन बाढ़ के कारण बारात नहीं आ सकी। ठेके पर लिए गए खेत में खड़ी फसल भी बर्बाद हो गई। फसल लागत का कर्जा और हो गया। लगता इस सीजन में निकाह करना मुश्किल होगा।
बेटी के निकाह के लिए ठेके पर लिया खेत, डूब गई लागत
इसी गांव के दीन मोहम्मद बोले तीसरे नंबर की पुत्री नूरी का निकाह करने के लिए कायमगंज में रिस्ता पक्का किया था। अगस्त माह में ही बारात की तैयारी थी। बाढ़ आने से बारात को आगे बढ़ाना पड़ा है। बोले बेटी की शादी में खर्चे के लिए ठेके पर खेत भी लिया था। कर्जा लेकर 50 हजार की लागत लगाई। सभी सपने टूट गए। मजबूरन निकाह की तिथि बढ़ानी पड़ेगी।कर्ज लेकर निभाना पड़ेगा बहन की शादी करने का फर्ज
कटैला नगला निवासी विनोद कुमार के पिता कुंवरपाल की लगभग दो बर्ष पूर्व मृत्यु हो गयी थी। उनके कंधों पर ही छोटी बहन राधा के विवाह की जिम्मेदारी है। विनोद बताते हैं कि जलालाबाद में रिस्ता तय किया है। तिलक और गोद भराई की सभी रस्में भी पूरी हो गयी है। माघ माह में शादी की तैयारी है। बाढ़ में दस बीघा गन्ना व तिली की फसल डूबकर बर्बाद हो गई। कच्चा घर भी गिर गया है। अब कर्ज लेकर बहन की शादी का फर्ज निभाना पड़ेगा, बाद में घर बनाने का लक्ष्य रखा है
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