चिन्मयानंद को बचा रही प्रदेश सरकार
चिन्मयानंद पर दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली छात्रा के रंगदारी मामले में जेल जाने का विरोध शुरू हो गया।
By JagranEdited By: Updated: Fri, 27 Sep 2019 06:27 AM (IST)
जेएनएन, शाहजहापुर : चिन्मयानंद पर दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली छात्रा के रंगदारी मामले में जेल जाने का विरोध शुरू हो गया। पूर्व राज्यसभा सदस्य एवं मार्क्सवादी कम्युनिटी पार्टी (माकपा) नेता वृंदा करात व पूर्व सांसद सुभाषिनी अली ने आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार सत्ता का दुरुपयोग कर चिन्मयानंद का बचा रही है। उन्होंने छात्रा की गिरफ्तारी और विशेष जांच दल (एसआइटी) की कार्रवाई पर भी सवाल खड़े किए। कहा कि दोनों मामलों को एक बराबर रखा जा रहा जोकि गलत है। छात्रा ने चिन्मयानंद पर दुष्कर्म का आरोप लगाया जिसकी रिपोर्ट अलग दर्ज होनी चाहिए।
गुरुवार को शहर के एक होटल में पत्रकारों से बातचीत में वृंदा करात ने कहा कि उत्तर प्रदेश में कानून की धच्जिया उड़ाई जा रही हैं। दुष्कर्म पीडि़त की ओर से अलग मुकदमा तक दर्ज नहीं किया गया। बोलीं कि दुष्कर्म के मामलों में वीआइपी लोगों की प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष संलिप्तता अक्सर सामने आती रही है। उन्नाव कांड का जिक्र करते हुए कहा कि इन दो घटनाओं से प्रदेश को बदनाम किया जा रहा। वृंदा करात बोलीं, सभी दल अपनी राजनीति करें लेकिन, दुष्कर्म आरोपितों का साथ देना और पीड़िता के परिवार को तंग करना बंद करें। शाहजहांपुर प्रकरण पर पूरे देश की महिलाएं एक हैं। छात्रा की हिम्मत तोड़ने का काम किया जा रहा है, उसे हतोत्साहित कर प्रदेश सरकार व प्रशासन गलत संदेश दे रहा। पीड़िता के साथ न्याय की बजाय अन्याय हुआ। उसे न्याय दिलाने के लिए हर मंच पर जाएंगे। एसआइटी ने भी अन्याय किया
सुभाषिनी अली ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत एसआइटी को पीड़िता की रिपोर्ट को प्राथमिकता देनी चाहिए थी। छात्रा के साथ अन्याय हो रहा है। यदि ऐसा होता रहा तो शक्तिशाली लोगों के खिलाफ पीड़ित कभी शिकायत नहीं कर सकेंगी। इससे पहले वृंदा करात व सुभाषिनी अली ने जेल पहुंचकर छात्रा से मुलाकात की। इस दौरान छात्रा के मां-भाई भी साथ में थे। एसआइटी को सौंपा ज्ञापन
जेल से वृंदा करात व सुभाषिनी अली पुलिस लाइंस में बनाए गए एसआइटी के अस्थाई कार्यालय पहुंचीं। वहां एसआइटी प्रमुख नवीन अरोड़ा को संबोधित ज्ञापन वहां उपस्थित अधिकारी को सौंपा। कहा कि छात्रा ने दिल्ली में जीरो क्राइम नंबर पर चिन्मयानंद के खिलाफ दुष्कर्म की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। जिसे यहां भी भेज दिया गया लेकिन क्राइम नंबर पर मामला दर्ज नहीं किया गया। बाद में एसआइटी की ओर से जो रिपोर्ट दर्ज हुई उसमें चिन्मयानंद पर धारा 376-सी लगाकर जानबूझकर केस का कमजोर किया गया। उन्होंने धारा 376 (1), 376 (2) के तहत मुकदमा दर्ज करने की मांग की। यह भी कहा कि छात्रा के हॉस्टल के सील कमरे से खुफिया कैमरे वाला चश्मा व अन्य साक्ष्य गायब हो गए। इस बाबत भी मुकदमा दर्ज किया जाए। लिखा कि पीड़िता ने आवाज उठाकर हिम्मत का काम किया है मगर, उसे ही नीचा दिखाया जा रहा। ---- प्रमाण नष्ट करने का कॉलेज प्रशासन पर भी मुकदमा हो दर्ज जासं, शाहजहांपुर : चिन्मयानंद की वीडियो रिकॉर्डिग में प्रयोग हुए चश्मे के गायब होने को वृंदा करात व सुभाषिनी अली ने गंभीर मामला बताया है। दोनों ने कालेज प्रशासन पर प्रमाण नष्ट करने का मुकदमा दर्ज करने की मांग की है। पहले कहा गया था कि छात्रा की अग्रिम जमानत पर सुनवाई 26 सितंबर को होगी। तभी दोनों नेताओं को यहां आना तय हो गया था। हालांकि इससे पहले एसआइटी ने छात्रा को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। दोनों ने कहा, गिरफ्तारी के वक्त एसआइटी ने अभद्र व्यवहार भी किया। एसआइटी से पूछे ये सवाल करात ने बताया कि उन्होंने एसआइटी से इस प्रकरण के बारे में पूछा तो बताया कि दो मामलों की एक साथ जांच कर रहे हैं। जिस पर उन्होंने पूछा क्या दोनों अपराध एक बराबर हैं। छात्रा को जेल भेजा जबकि उसका आरोप जमानती है। उन्होंने कहा कि हाईकोई इसकी मॉनीटरिग कर रही है, लेकिन एसआइटी ने हाईकोर्ट को छात्रा की एफआइआर दर्ज न होने के बारे में बताया भी है कि नहीं, यह नहीं पता।
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