Gandhi Jayanti 2022: शाहजहांपुर में राज्यपाल बोलीं- गांधी-शास्त्री के विचारों को आगे बढ़ा रहे पीएम मोदी
Gandhi Jayanti 2022 राज्यपाल ने कहा कि समाज के लिए काम करने की ताकत व विचार गांधी व खादी से आते हैं। उन्होंने कहा कि ग्राम स्वराज्य की परिकल्पना गांधी जी ने ही तैयार की थी। स्वयंसहायता समूहोंने महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के साथ उनकी सोच को भी बदला है।
By Jagran NewsEdited By: Vivek BajpaiUpdated: Sun, 02 Oct 2022 01:32 PM (IST)
शाहजहांपुर, जागरण संवाददाता। Gandhi Jayanti 2022: गांधी जयंती पर रविवार को विनोबा सेवा आश्रम पहुंचीं राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने महिलाओं व युवाओं को आत्मनिर्भर बनने पर जोर दिया। उन्होंने समाज निर्माण के योगदान में अधिकारियों के साथ-साथ जनप्रतिनिधियों व स्वयंसेवी संस्थाओं की जिम्मेदारी के बारे में भी बताया। लोगों से अधिकारों के बारे में जागरूक होने का आह्वान किया।
राज्यपाल ने कहा कि महात्मा गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री व आचार्य विनोबा भावे मानते थे कि समाज में आखिरी छोर पर मौजूद परिवार, महिला व बच्चे तक योजना का लाभ पहुंचना चाहिए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी इसी विचारधारा को आगे बढ़ाते हुए काम कर रहे हैं। उनसे प्रेरित होकर युवा नये काम सीख रहे हैं। आत्मनिर्भर बनने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।
सभी में होता है एक विशेष गुण
अपने संबोधन में राज्यपाल ने कहा कि सभी में कुछ न कुछ विशेषता व जज्बा है। फिर चाहें वह गांव का अनपढ़ व्यक्ति, खेत में काम करने वाला किसान हो या घर में काम करने वाली महिला। उन्हें अपने विशेषता का प्रयोग कब, कैसे, कहां करना है इस बारे में नहीं पता। इसलिए वे अक्सर भटकते रहते हैं। समाज में पिछड़ जाते हैं। ऐसे लोगों को स्वयंसेवी संस्थाओं के माध्यम से आगे लाने, उन्हें उचित मंच दिलाने की जरूरत है।
राज्यपाल की नसीहत, जनप्रप्रतिनिधि बने कर्मप्रतिनिधि
राज्यपाल ने जनप्रतिनिधियों को भी कर्मप्रतिनिधि बनने की जरूरत है। प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री से सीख लें। सरकार तमाम योजनाएं चलाती हैं, लेकिन उसे लोगों तक पहुंचाने का काम सिर्फ अधिकारियों का नहीं है। जनप्रतिनिधियों को भी लोगों से पूछने की आवश्यकता है। उनसे जानने की जरूरत है कि जो योजना लोगों के लिए चलाई जा रही हैं उनका लाभ उन्हें मिल भी रहा है या नहीं। जब लोगों तक योजनाएं पहुंचेंगी तो अच्छे समाज का निर्माण होगा।गांधी जी से आते हैं समाज के लिए काम करने के विचार
राज्यपाल ने कहा कि समाज के लिए काम करने की ताकत व विचार गांधी व खादी से आते हैं। उन्होंने कहा कि ग्राम स्वराज्य की परिकल्पना गांधी जी ने ही तैयार की थी। स्वयंसहायता समूहोंने महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के साथ ही उनकी सोच को भी बदला है। यह बदलाव हमारी आवश्यकता है। आज गांवों की महिलाएं सबकुछ बना रहीं हैं। हमारी कला, संस्कृति सबकुछ उसमें दिखता है। हमें इनके बनाए उत्पादों को ज्यादा से ज्यादा खरीदना चाहिए, लेकिन सस्ते के चक्कर में हम इन संस्थाओं के उत्पादों को महत्व नहीं देते। ऐसा ही रहा तो समूह हतोत्साहित होंगे। हमारी कला लुप्त हो जाएगी।
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