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यूरिया मिलाकर अवैध शराब बनाने में आजीवन कारावास, अपर जिला जज ने सुनाया फैसला

शाहजहांपुर जिले की अदालत ने अवैध शराब बनाने और उसमें यूरिया मिलाने के मामले में आरोपी संजीव सक्सेना को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। आरोपी को 25 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया है। यह मामला 2016 में पुवायां में अवैध शराब बनाने के दौरान पकड़े जाने के बाद दर्ज किया गया था। आरोपी ने शराब में यूरिया मिलाने की बात स्वीकार की थी।

By Jagran News Edited By: Shivam Yadav Updated: Wed, 11 Sep 2024 03:26 AM (IST)
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अपर जिला जज आशीष वर्मा ने आजीवन कारावास की सजा दी है।

जागरण संवाददाता, शाहजहांपुर। अवैध शराब बनाने व उसमें यूरिया की मिलावट करने वाले अभियुक्त को अपर जिला जज आशीष वर्मा ने आजीवन कारावास की सजा दी है। उन्होंने उस पर अर्थदंड भी लगाया गया है। 13 जून 2016 को पुवायां के आबकारी निरीक्षक हरिशंकर शुक्ला ने सिंधौली निवासी संजीव सक्सेना को गांव में ही नलकूप के पास भट्ठी जलाकर अवैध शराब बनाते पकड़ा था। वह टीम के साथ जब वहां पहुंचे तो वह शराब व लहन में यूरिया मिला रहा था। 

पुलिस ने पूछताछ की तो उसने बताया कि शराब में नशे की तीव्रता बढ़ाने के लिए वह यूरिया की मिलाता है। उसके विरुद्ध प्राथमिकी लिखकर आरोपपत्र न्यायालय में दाखिल किया। 

सुनवाई के दौरान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता आशीष त्रिपाठी ने कहा कि अभियुक्त ने यूरिया मिश्रित अवैध शराब का बनाई जो मानव जीवन के लिए घातक है। इसे पीने से किसी की भी मृत्यु हो सकती है। ऐसे में अभियुक्त को अधिक से अधिक सजा दी जानी चाहिए। 

हालांकि, बचाव पक्ष की ओर से भी दलीलें दी गईं, लेकिन अपर जिला जज ने शासकीय अधिवक्ता आशीष त्रिपाठी के तर्कों से सहमत होते हुए अभियुक्त संजीव को आजीवन कारावास व 25 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। 

अवैध शराब बनाने वालों को अर्थदंड लगाकर जमानत पर छोड़ दिया जाता है, लेकिन इस मुकदमें में आईपीसी की धारा 272 भी लगी थी, क्योंकि किसी भी खाने पीने की वस्तु में ऐसे पदार्थ की मिलावट जो जानलेवा हो सकती है, बड़ा अपराध है। लैब में भेजे गए सैंपल की रिपोर्ट, मौके की वीडियोग्राफी, आबकारी विभाग की रिपोर्ट आदि अहम साक्ष्य बने। इसलिए अभियुक्त को आजीवन कारावास की सजा हुई। 

-आशीष त्रिपाठी, अपर जिला शासकीय अधिवक्ता