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यूपी के इस जिले में बाढ़ का खतरा मंडराया, मेडिकल काॅलेज कराया गया खाली; 10 नवजात समेत 40 मरीज किए शिफ्ट

सीएमओ ने बताया कि विभिन्न अस्पतालों में 125 बेड की व्यवस्था की गई है। जो भी मरीज आएंगे उनके निश्शुल्क उपचार की व्यवस्था की जाएगी। डा. विजय पाठक ने बताया कि सभी चिकित्सकों ने सहमति दे दी है। आइएमए पूरी तरह से मदद के लिए तैयार है। तीन घंटे तक फंसे रहे चिकित्सकमेडिकल कालेज परिसर में 190 चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मी आवासों में रहते हैं।

By Ambuj Kumar Mishra Edited By: Mohammed Ammar Updated: Thu, 11 Jul 2024 09:15 PM (IST)
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कालोनी में रह रहे स्वास्थ्य कर्मियों में से 125 ने परिवार के साथ छोड़ा घर (प्रतीकात्मक तस्वीर)

जागरण संवाददाता, शाहजहांपुर। गर्रा नदी में आई बाढ़ के कारण राजकीय मेडिकल कालेज व वहां कालोनी परिसर में पानी भर गया, जिससे वहां की स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह प्रभावित हो गईं। मेडिकल कालेज को खाली कराकर वहां भर्ती सभी 325 मरीजों को सुरक्षित निकाल लिया गया। उनमें से दस नवजात समेत 40 को निजी अस्पतालों में शिफ्ट किया गया, लेकिन देर शाम इन अस्पतालों के पास भी पानी पहुंचने के कारण दूसरे स्थान पर भेजने की तैयारी की जा रही थी।

वार्डों में आया पानी तो अस्पताल में मची चीख- पुकार 

आइएमए ने 125 बेडो की निश्शुल्क व्यवस्था की है। 125 स्वास्थ्यकर्मियों ने भी परिवार सहित घर छोड़कर सुरक्षित स्थान पर शरण ली। मेडिकल कालेज में बुधवार रात से ही पानी पहुंचने लगा था, लेकिन गुरुवार सुबह होते-होते स्थिति ज्यादा गंभीर हो गई।

वार्डों में पानी आया तो मरीजों को पहले ऊपरी तल पर स्थानांतरित किया गया, पर कुछ ही देर में कमर से ऊपर पानी पहुंचने पर डीएम उमेश प्रताप सिंह व एसपी अशोक कुमार मीणा वहां अधिकारियों के साथ पहुंच गए।

दो अतिरिक्त मजिस्ट्रेटों को तैनात करते हुए निगरानी में सभी मरीजों को वहां से शिफ्ट करने के निर्देश दिए। इसके बाद 325 में से 285 मरीजों को उनके स्वजन ने अपने साथ ले गए। जबकि 40 मरीजों को सत्यानंद व कृष्णा अस्पताल में शिफ्ट किया गया।

सीएमओ डा. आरके गौतम ने बताया कि इन मरीजों में 14 नवजात एसएनसीयू वार्ड में आक्सीजन पर भर्ती थे, जिनमें से दस को सत्यानंद के एसएनसीयू वार्ड में रखा गया है। जबकि चार को उनके अभिभावक ले गए। जबकि एक मरीज को वेंटीलेटर पर होने के कारण लखनऊ रेफर किया गया।

20 मरीजों के होने थे ऑपरेशन

बीस मरीजों के आपरेशन होने थे उन्हें स्थिति सामान्य होने तक रुकने के लिए कहा है। जिनकी स्थिति गंभीर है वे अपना आपरेशन निजी अस्पताल में करा सकते हैं। सत्यानंद अस्पताल व कृष्णा अस्पताल के पास देर शाम पानी पहुंच गया। जलस्तर बढ़ रहा है, जिसको देखते हुए इन अस्पतालों में भर्ती कराए गए मरीजों को दूसरे अस्पतालों में शिफ्ट किए जाने की तैयारी हो रही थी। सीएमओ ने आइएमए के अध्यक्ष डा. विजय पाठक से बात हुई है।

जलस्तर बढ़ने पर आवासों में पानी पहुंचना शुरू हुआ तो उन्होंने घर खाली करना शुरू कर दिए। शाम तक 150 स्वास्थ्यकर्मी कालोनी से परिवार सहित जा चुके थे। जबकि दूसरे व तीसरे तल पर रह रहे कुछ परिवार अब भी वहां रुके हुए हैं। सामान निकालने के लिए ट्रैक्टर ट्राली की मदद लेनी पड़ी। बस की मदद से भी स्टाफ व लोगों को बाहर निकाला गया।

वरिष्ठ परामर्शदाता डा. एमपी गंगवार को उनके आवास से तीन घंटे के बाद उनके आवास से निकाला जा सका। सभी मरीजों को शिफ्ट करा दिया गया है। आइएमए का सहयोग मिल रहा है। प्रभावित क्षेत्र में स्वास्थ्य विभाग की चार टीमें लगाई हैं। शेष ग्रामीण क्षेत्रों में जरूरत से भेजी जा रही हैं।

डा. आरके गौतम, सीएमओ

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