UP: शाहजहांपुर में 26 साल बाद दुष्कर्म पीड़िता ने लगाई न्याय की गुहार, बेटे के कहने पर दर्ज किया केस
यूपी के शाहजहांपुर में 26 साल पहले दुष्कर्म के बाद बिना ब्याही मां बनी महिला ने अब न्याय के लिए जंग शुरू की है। 12 साल की उम्र में कथित रूप से दुष्कर्म का शिकार हुई पीड़िता ने अदालत के आदेश पर आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है।
By Umesh TiwariEdited By: Updated: Mon, 08 Mar 2021 01:37 AM (IST)
शाहजहांपुर, जेएनएन। उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में 26 साल पहले दुष्कर्म के बाद बिना ब्याही मां बनी महिला ने अब न्याय के लिए जंग शुरू की है। 12 साल की उम्र में कथित रूप से दुष्कर्म का शिकार हुई पीड़िता ने अदालत के आदेश पर आरोपियों के खिलाफ पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई है। घटना के बाद किशोरी गर्भवती हो गई थी और उसने एक बच्चे को जन्म दिया था। बड़े होने पर बच्चे ने अपने पिता का नाम जानने की कोशिश की जिसके बाद पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई। पुलिस का कहना है अब डीएनए जांच कराकर मामले की तह तक जाया जाएगा।
26 साल पहले दुष्कर्म शिकार महिला ने चार मार्च को कोर्ट के आदेश पर दोनों आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। शनिवार को वह बयान दर्ज कराने पहुंची। लखनऊ के इंद्रानगर थाना क्षेत्र के एक मुहल्ला निवासी महिला ने चार मार्च को शाहजहांपुर के सदर थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। पीड़िता ने बताया कि वर्ष 1994 में वह शाहजहांपुर के सदर क्षेत्र में बहन-बहनोई के साथ रहती थीं। उस वक्त उम्र 12 साल थी। एक दिन घर में कोई नहीं था तो दूसरे संप्रदाय के युवक नकी खान ने दबोच लिया और दुष्कर्म किया। दो दिन बाद उसके भाई गुड्डू ने दुष्कर्म किया।
आरोपितों ने धमकी दी थी इसलिए किसी को कुछ नहीं बताया। जब वह गर्भवती हो गईं तो स्वजन को पता चला, जिसके बाद लोकलाज के डर से लखनऊ में एक जगह रहने लगीं और अगले साल बेटे को जन्म दिया। बाद में उस बच्चे को हरदोई निवासी हिंदू दंपती को गोद दे दिया। वर्ष 2000 में परिवार के लोगों ने गाजीपुर में शादी कर दी। छह साल बाद ही पति को उस घटना के बारे में पता चला तो अलगाव कर लिया।
बेटे ने कहा, न्याय मांगो : पीड़िता का कहना है कि परिवार टूट चुका था। इस बीच वर्ष 2011 में हरदोई वाले परिवार ने उनसे संपर्क कर बेटे के बारे में बताया। शुरुआत में उससे हकीकत छिपाकर मिली, बाद में सच्चाई बता दी। तब से वह लखनऊ में ही साथ रह रहा। उसने कहा कि आरोपितों को सजा दिलाने के लिए वह साथ में संघर्ष करेगा। यदि आरोपितों को सजा नहीं दिलाई तो आत्महत्या कर लेगा। शनिवार को वह सदर थाने के प्रभारी निरीक्षक अशोक पाल से मिलीं। इसके बाद विवेचक मंगल सिंह ने महिला कांस्टेबल की मौजूदगी में बयान दर्ज कराए।
मामला जानने पहुंचे वकील : 26 साल बाद दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज होने का मामला जब सुर्खियों में आया तो शनिवार को कई सीनियर वकील सदर थाने पहुंच गए। उन्होंने प्रभारी निरीक्षक अशोक पाल से इस बारे में बात की। साथ ही इस मामले में आगे क्या कदम उठाए जा सकते हैं इसको लेकर भी पुलिस के साथ अपने अनुभव साझा किए।
डीएनए टेस्ट कराएंगे : प्रभारी निरीक्षक अशोक पाल का कहना है कि बयान दर्ज होने के बाद कोर्ट में अब डीएनए परीक्षण की प्रक्रिया पूरी कराई जाएगी। इसके बाद संबंधित सभी लोगों को नोटिस जारी होंगे। उसी आधार पर आगे कार्रवाई बढ़ेगी।
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