होली के नवाब होते हैं ये लाट साहब, शराब पिलाकर जूतों की माला पहनाकर निकलती है इनकी सवारी, बेहद अनोखी है यहां परंपरा
लाट साहब का जुलूस निकालने की पीछे मुख्य वजह यहां के लोग ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ अपना आक्रोश व्यक्त करते है। जहां ब्रिटिश सरकार केे गर्वनर के प्रतीक के रूप में लाट साहब को बनाया जाता है। जिस पर लोग झाडू जूते चप्पल की बरसात करते हैं। लोग लाट साहब की जय का नारा भी लगाते हैं। जुलूस भैसा गाड़ी पर निकाला जाता है।
जागरण संवाददाता, शाहजहांपुर। होली पर निकलने वाले जुलूस के लिए लाट साहब की तलाश पूरी हो गई। गत वर्ष की तरह इस बार भी मुरादाबाद से लाट साहब आएंगे। इसके लिए उन्हें 21 हजार रुपये इनाम देना तय हुआ है। शहर के चौक कोतवाली क्षेत्र से होली पर लाट साहब का जुलूस बड़े ही धूमधाम से निकलता है।
अनूंठी है परंपरा
लाट साहब को भैंसा गाड़ी पर बैठाकर शहर के प्रमुख मार्गों से जुलूस निकलता है। लाट साहब का जुलूस फूलमती मंदिर में दर्शन करने के बाद शुरू होता है। उसके बाद भैंसा गाड़ी पर सवार होकर लाट साहब निकलते है। जुलूस में शामिल लोग झाडू, जूते, चप्पल से पिटाई करते हुए चलते है। सुरक्षा की दृष्टि से भी इस जुलूस में बड़ी संख्या में फोर्स तैनात की जाती है। एसएसबी के जवान भी इसको लेकर कई दिनों से पुलिस टीम के साथ पैदल मार्च कर रहे है। ताकि अराजकतत्वों पर कड़ी नजर रखी जा सके।
21 हजार रुपये का इनाम
आयोजक के मुताबिक मुरादाबाद के व्यक्ति को 21 हजार रुपये में लाट साहब बनाने के लिए तय कर लिया गया है। हालांकि इस बार आयोजकों को इसके लिए कोई खास मशक्कत नहीं करनी पड़ी थी। जबकि वर्ष 2022 में लाट साहब बनने के इच्छुक व्यक्तियों के भाव बढ़ गए थे। तब 50 हजार रुपये तक की मांग आयोजकों से की गई थी।