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उद्योगपति रतन टाटा (Ratan Tata) का 86 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उनके निधन से उद्योग जगत के साथ ही हर वर्ग में शोक है। रतन टाटा ने टाटा समूह को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया और कई सामाजिक कार्यों में भी योगदान दिया। उनके निधन से देश ने एक महान उद्योगपति और समाजसेवी को खो दिया है ।
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रतन टाटा के निधन को निर्यातकों ने बताया उद्योग जगत की अपूरणीय क्षति
मुरादाबाद: भारत के सुप्रसिद्ध उद्योगपति रतन टाटा का बुधवार रात निधन हो गया। उनके निधन से उद्योग जगत के साथ ही हर वर्ग में शोक है। समाज के सभी वर्गों में उनका विशेष सम्मान था। मुरादाबाद के उद्यमी भी उनके निधन से स्तब्ध हैं। वरिष्ठ निर्यातक सतपाल पुगला ने बताया कि कभी उनसे मिलने का अवसर तो नहीं मिला पर उनकी दूरगामी सोच हमेशा से प्रभावित करती रही।
शुरुआती जीवन में एक्सपोर्ट का काम शुरू करने से पहले कई काम कहीं सफलता मिली तो कभी नहीं। एक समय रतन टाटा का खूब नाम हुआ करता था। उन्होंने टाटा के परंपरागत कार्यों से आगे निकलते हुए नए क्षेत्रों में काम किया। इसी से आगे बढ़ने की हौसला मिला और एक्सपोर्ट में सफल हुए।वहीं ईपीसीएच के उपाध्यक्ष नीरज खन्ना का कहना है कि रतन टाटा हमेशा से उद्यमियों के बीच प्रेरक व्यक्तित्व रहे हैं। हजारों युवा उद्यमियों ने उनसे प्रेरणा लेकर अपने अपने क्षेत्र में सफलता प्राप्त की है। वहीं निर्मल मेहता का कहना है कि भारत में भारी उद्योग के क्षेत्र में उनका अतुलनीय योगदान है। वे भारत ही नहीं दुनिया भर में प्रसिद्ध थे। उनका निधन भारतीय उद्योग जगत की अपूरणीय क्षति है।
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