Shahjahanpur News : यूपी के इस जनपद में करोड़ों खर्च, फिर भी कुपोषण से जूझ रहे 20 हजार बच्चे
Shahjahanpur Malnutrition News यूपी के इस जनपद में बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए करोड़ों खर्च हो रहे हैं लेकिन फिर भी यहां 20 हजार बच्चे कुपाेषण से जूझ रहे है। जिनमें से पांच हजार से अधिक बच्चे अति कुपाेषित हैं।
By Jagran NewsEdited By: Ravi MishraUpdated: Tue, 15 Nov 2022 05:28 PM (IST)
शाहजहांपुर, संवाददाता जागरण। Shahjahanpur Malnutrition News : बच्चों व महिलाओं के सुस्वास्थ्य के लिए बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग की ओर से सालाना करोड़ों का बजट खर्च किया जा रहा है। इसके बावजूद जनपद के बीस हजार से अधिक बच्चे कुपोषण से जूझ रहे है। इनमें 5623 गंभीर रूप से कुपोषित तथा 14410 मध्यम कुपोषित है। यह बच्चे सामान्य व वजन व लंबाई से कम पाए गए है।
गर्भवती महिलाओं व बच्चों के सुवास्थ्य के लिए बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग की ओर से 2913 आंगनवाडी केंद्र खोले गए है। इन केंद्रों पर सात माह से छह वर्ष तक के बच्चे तीन लाख 37 हजार 401 बच्चे पंजीकृत है। इनमें शून्य से पांच वर्ष तक के दो लाख 96 लाख 564 बच्चों में 2.60 लाख बच्चों की उम्र के सापेक्ष लंबाई तथा वजन का मापन किया गया।
इनमें 5623 बच्चे गंभीर रूप से कुपोषित (सैम) तथा 14410 बच्चे सामान्य कुपोषित (मैम) पाए गए हैं। गंभीर रूप से कुपोषित बच्चों का स्वास्थ्य केंद्र के पोषण पुनर्वास केंद्र पर उपचार का दावा किया जा रहा है। लेकिन अभी तक सकारात्मक परिणाम सामने नहीं आए हैं।
13235 बच्चों का वजन सामान्य से काफी कम स्वास्थ्य विभाग की ओर से शून्य से पांच साल के बच्चों का उम्र के अनुसार वजन वृद्धि निर्धारित है। लेकिन आंगनबाड़ी केंद्रों पर पंजीकृत 13235 बच्चें का वजन सामान्य से काफी कम पाया गया। इस कारण इन बच्चों को शुष्क पुष्टाहार भी दिया जा रहा है।
अति कुपोषित व मध्यम कुपोषित बच्चों की संख्या
क्षेत्र: अति कुपोषित - कुपोषितशाहजहांपुर : 433 - 1498जैतीपुर : 322 - 693तिलहर : 333 - 914कांट : 421 - 808मिर्जापुर : 319 - 754पुवायां : 408 - 955सिंधौली : 560 - 1332भावलखेड़ा : 388 - 1057बंडा : 260 - 912ददरौल : 342 - 734निगोही : 379 - 886मदनापुर : 287 - 729
कलान : 361 - 810जलालाबाद : 403 - 1174खुदागंज : 231 - 700खुटार : 176 - 454बच्चों की सूची बनाकर सभी के स्वास्थ्य की पुन: जांच कराई जाएगी। कुपोषण मुक्ति के हर संभव प्रयास किए जाएंगे। गंभीर रूप से बच्चों को पुनर्वास केंद्र में भर्ती कराकर उपचार कराया जाएगा।अरविंद रस्तोगी, जिला कार्यक्रम अधिकारी
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