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Shahjahanpur News: UPCSR से नई किस्म का गन्ना चोरी, प्रदेश भर में हो रही कालाबाजारी, अलर्ट जारी

Sugarcane New variety Black Marketing News उप्र. गन्ना शोध परिषद से सेंधमारी कर नई किस्म का गन्ना चोरी करके प्रदेश में कालाबाजारी हाेने का मामला सामने आया है।जिम्मेदारों की लापरवाही की वजह से यह गोरखधंधा कई साल से चल रहा था।

By Jagran NewsEdited By: Ravi MishraUpdated: Sat, 08 Oct 2022 05:23 PM (IST)
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Shahjahanpur News: UPCSR से नई किस्म का गन्ना चोरी, प्रदेश भर में हो रही कालाबाजारी, अलर्ट जारी
शाहजहांपुर, जागरण संवाददाता। Sugarcane New variety Black Marketing News : उप्र. गन्ना शोध परिषद (यूपीसीएसआर) में वैज्ञानिकों के शोध में सेंधमारी कर नई किस्म का गन्ना चोरी करके कालाबाजारी का मामला सामने आया है। जिम्मेदारों की लापरवाही की वजह से यह गोरखधंधा कई साल से चल रहा था।

इस बार मामला शासन के संज्ञान में आने के बाद रैकेट की खोज के साथ प्रभावी कार्रवाई शुरू हुई है। निदेशक ने चोरी में लिप्त दो श्रमिकों को बर्खास्त कर दिया है। प्रवर्तन के लिए गठित टीम ने पीलीभीत तथा लखीमपुर खीरी में छापेमारी कर दो किसानों को चिन्हित किया है।

यहां वर्ष 1912 में ईख अनुसंधान संस्थान के रूप में स्थापित उप्र. गन्ना शोध परिषद (यूपीसीएसआर)को 1976 में स्वायत्तशासी संस्था के रूप मेें मान्यता मिली। अब तक करीब 228 गन्ना किस्मे यहां से विकसित हो चुकी है। उत्तर प्रदेश गन्ना शोध परिषद के अलावा लखनऊ स्थित भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान तथा भारतीय गन्ना प्रजनन संस्थान कोयंबटूर की ओर से गन्ना किस्म को विकसित किया जाता है।

हाल ही में गन्ना शोध परिषद में विकसित कोशा 17201 गन्ना किस्म की कालाबाजारी को लेकर गन्ना शोध सुर्खियों में आ गया। दरअसल आवंटन से पूर्व ही इस किस्म का गन्ना बीज गन्ना माफिया तक पहुंच गया। नतीजतन प्रदेश में 1200 से 1500 रुपये प्रति गन्ना की दर से कालाबाजारी शुरू हो गई।

गन्ना बीज चोरी में दो श्रमिक बर्खास्त

वितरण से पूर्व ही नई किस्म के गन्ना बीज की कालाबाजारी को निदेशक डा. वीके शुक्ला ने गंभीरता से लिया है। उन्होंने गन्ना शोध प्रक्षेत्र से गन्ना बीज की चोरी में संविदा श्रमिक स्वामी दयाल तथा राजेश को बर्खास्त कर दिया। संबंधित से जवाब भी तलब किया गया है।

पीलीभीत, लखीमपुर खीरी में छापेमारी

गन्ना बीज की कालााबजारी रोकने के लिए गन्ना शोध परिषद निदेशक डा. वीके शुक्ला विज्ञानियों की टीम गठित कर दी है। शुक्रवार को इस टीम ने लखीमपुर खीरी में के खंभार खेड़ा, गन्ना सहकारी समिति के गांव दुधवा निवासी कृषक कुलवंत के खेत में छापा मारा। कृषक मौके से भाग गया। टीम गांव में तीन घंटा रुकी।

जिस खेत में कोशा 17231 गन्ना बीज की जानकारी टीम को मिली था, वह जोता हुआ पाया गया। कार्रवाई के डर से दो घंटे बाद कृषक कुलवंत भी आ गया। टीम ने सख्ती से पूछताछ की। बीज पंजीयन के प्रपत्र मांगे। किसान निरुत्तर रहा। विज्ञानियों की टीम को कृषक के खेत पर कोशा 13235 को लाख 14201 का बीज मिला।

कृषक कुलवंत सिंह के माफी मांगने पर टीम ने गन्ना बीज का व्यापार न करने की शर्त पर एक मौका दे दिया। टीम में वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी डा. सुभाष सिंह, प्रसार अधिकारी डा संजीव पाठक, डा. अरविंद कुमार शमािल थे। उधर लखीमपुर खीरी में वैज्ञनिक अधिकारी डा. एसपी सिंह के नेतृत्व में टीम ने बरखेड़ा में छापा मारकर अशोक पटेल को अवैध रूप से गन्ना बिक्री में पकड़ा।

अशोक, कोशा 17231 का बीज न होने के बावजूद गन्ना किस्म उपलब्ध होने का प्रचार कर रहे थे। टीम ने बोर्ड पर लिखी नई गन्ना किस्म को पुतवाकर बीज अधिनियम के तहत कार्रवाई की चेतावनी दी।

गन्ना शोध परिषद में नियमानुसार पंजीयन के बाद निर्धारित दर पर ही गन्ना बीज की बिक्री की जा सकती है। इसके लिए दरें निर्धारित कर दी गई है। अवैध रूप से गन्ना बीज की बिक्री किए जाने पर बीज अधिनियम के तहत विधिक कार्रवाई की जाएगी।

लखीमपुर खीरी व पीलीभीत मेें अवैध रूप से बीज बिक्री करने वालों के नेटवर्क की भी तलाश की जा रही है। किसानों को चाहिए कि वह गन्ना शोध परिषद से अधिकृत व्यक्ति सेही गन्ना बीज लें। डा. वीके शुक्ल, अपर गन्ना आयुक्त व निदेशक गन्ना शोध परिषद शाहजहांपुर

शासन से गन्ना बीज की निर्धारित दरें

गन्ना शोध परिषद के प्रजनक गन्ना बीज के लिए

नई गन्ना किस्म दो साल से कम अवधि : 1.60 रुपये प्रति गांठ

दो साल अधिक पांच वर्ष से कम : 1.20 रुपये प्रति गांठ

पांच वर्ष से अधिक समय का गन्ना बीज : 75 पैसे प्रति गांठ

गन्ना किसानों से मिलने वाला प्रमाणित बीज की दरें ....

दो साल से कम अवधि : 1.40 रुपये प्रति गांठ

दो साल से पांच वर्ष : 1.00 रुपये प्रति गांठ

पांच वर्ष से अधिक समय : 60 पैसे प्रति गांठ

इंटरनेट मीडिया पर दी कड़ी प्रतिक्रिया, बाेले कहां से मिला गन्ना 

उत्तर प्रदेश गन्ना शोध परिषद ने फेसबुक आइडी से भी गन्ना बीज की कालाबाजारी की पोस्ट साझा की है। इस पर लखनऊ के गन्ना किसान विसेन सिंह ने कहा कि किसानों को बीज कहां से मिला, इसकी जांच होनी चाहिए। सरधाना के किसान संजय त्यागी ने कड़े कानून का सुझाव दिया है।

मिश्रिख के किसान कृष्णपाल सिंह ने लिखा कि लखीमपुर खीरी में गन्ना बीज के नाम पर धोखाधड़ी की जा रही है। कोशा 13235, कोसी 14201 के नाम पर अन्य किस्म का गन्ना बिक्री किया जा रहा है। गोला गोकर्णनाथ के साक्षी वाजेपयी ने कमेंट में लिखा कि उन्हें भी गन्ना बीज के नाम पर ठगा गया।

बिजनौर के डा. देवेंद्र सिंह ने गन्ना बीज के नाम धोखाधड़ी के मामले में विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत की आंशक जताई है। मेरठ के किसान राकेश सिरोही ने फेसबुक कमेंट में लिखा कि उनके संज्ञान में भी कई किसान है तो आठ से दस किस्मों का गन्ना बिक्री की झूठी दुकान चला रहे हैं।

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