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UP News: दुष्कर्म के जिस आरोपित को मृत मानकर पुलिस ने बंद की फाइल, वो 13 वर्ष बाद मिला जिंदा

Shahjahanpur Crime News Update News आरोपित के एक युवती से प्रेस संबंध थे। वर्ष 2011 में दुष्कर्म व लूट के आरोप में गया था जेल। जमानत पर आने के बाद उसने स्वजन से सभी संपर्क तोड़ लिए और हरियाणा में मजदूरी करने लगा। उसने किसी से स्वजन को फोन कर कहलवाया कि उसका कैंसर का इलाज चल रहा है। फिर उसने मौत की बात भी पहुंचा दी।

By Jagran News Edited By: Abhishek Saxena Updated: Sat, 21 Sep 2024 10:10 AM (IST)
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Shahjahanpur News: सेहरामऊ दक्षिणी पुलिस हिरासत में आरोपित। सौ. पुलिस

जागरण संवाददाता, शाहजहांपुर। युवती से दुष्कर्म व लूट के आरोपित ने सजा से बचने के लिए अपनी ही मृत्यु की कहानी गढ़ दी। सिर्फ जानकारी के आधार पर 13 वर्ष तक स्वजन व पुलिस मानते रहे कि वह अब इस दुनिया में नहीं है।

जांच करने की बजाय अधिकारियों ने उस पर दर्ज मुकदमे की फाइल बंद कर दी। कुर्की की कार्रवाई भी स्थगित हो गई, लेकिन शुक्रवार को वह गांव में ही स्वजन से मिलने पहुंचा तो पकड़ा गया।

युवती ने दर्ज कराया था केस

सेहरामऊ दक्षिणी क्षेत्र के रौरा गांव निवासी रिंकू का एक युवती से प्रेम प्रसंग चल रहा था। वर्ष 2011 में युवती के स्वजन ने उसके विरूद्ध दुष्कर्म, लूट का आरोप लगाते हुए प्राथमिकी पंजीकृत कराई थी, जिसके बाद उसे जेल भेज दिया गया था। छह माह बाद जमानत पर छूटा तो घर जाने की बजाय दिल्ली चला गया। पहले तो स्वजन के संपर्क में रहा, लेकिन बाद में उनसे बात बंद कर दी। उसकी गलत हरकतों की वजह से उन लाेगों ने भी कोई प्रयास नहीं किया। वह अलग-अलग प्रदेशों में रहकर मजदूरी करने लगा।

पेशी पर नहीं पहुंचा था आरोपित

पुलिस भी दबिश के नाम पर खानापूर्ति करती रही। इस बीच रिंकू जब न्यायालय में पेशी पर नहीं पहुंच तो उसके विरुद्ध वारंट जारी किए गए। उसके बाद भी न आने पर घर पर संपत्ति कुर्क का नोटिस चस्पा कर दिया गया। लगभग चार वर्ष पूर्व उसे पानीपत में गांव का ही एक व्यक्ति मिला। उसके माध्यम से रिंकू को कुर्की के नोटिस के बारे में पता चला। उसने स्वजन के पास सूचना भिजवा दी कि उसे कैंसर हो गया और बचने की संभावना न के बराबर है।

कैंसर की बीमारी की बात स्वजन तक पहुंचा दी

जानकारी पाकर जब वह लोग पानीपत पहुंचे तो रिंकू ने उस परिचित के माध्यम से फोन पर बताया कि वह दिल्ली एम्स में उपचार करा रहा है। इसके बाद मोबाइल व सिम को तोड़कर फेंक दिया। जब स्वजन एम्स गए तो वहां उसके बारे में कोई जानकारी नहीं मिली। काफी तलाश करने के बाद भी कुछ नहीं पता चला तो वे लोग वापस आ गए।

लगभग एक सप्ताह बाद उसी व्यक्ति ने फोन पर जानकारी दी कि रिंकू की मृत्यु हो गई। इसके बाद स्वजन ने नाते रिश्तेदारों को भी यही जानकारी दे दी, लेकिन उसका शव लेने की कोशिश नही की। मृत्यु के बाद होने वाला दसवां व तेहरवीं भी नहीं की। जब पूछा गया तो कोई सही उत्तर नहीं दिया।

13 साल तक मजदूरी करता रहा

इस बीच रिंकू पहचान छिपाकर हरियाणा के विभिन्न जिलों में मजदूर करता रहा। 13 वर्ष बाद उसे स्वजन को देखने की इच्छा हुई तो शुक्रवार को सेहरामऊ दक्षिणी पहुंच गया। उसे देखते ही क्षेत्र के एक व्यक्ति ने पहचान लिया। उसकी सूचना पर एसओ रोहित कुमार सिंह टीम के साथ मौके पर पहुंचे और गिरफ्तार कर लिया।

नहीं थी पकड़े जाने की उम्मीद

रिंकू ने बताया कि वह इस समय हरियाणा में मजदूरी कर रहा था। इस बीच कई बार बरेली व लखनऊ आया लेकिन अपने स्वजन या फिर किसी रिश्तेदार से इसलिए नहीं मिला कि पुलिस को भनक लग सकती है और वे लोग किसी दिक्कत में न फंस जाएं, लेकिन इतने वर्ष बाद इस तरह पकड़े जाने की उम्मीद नहीं थी।

पुलिस की बड़ी ढिलाई

इस मामले में पुलिस की भी बड़ी ढिलाई सामने आई है। रिंकू का शव बरामद नहीं हुआ था। उसने एक परिचित के माध्यम से सूचना भिजवाई थी। पुलिस ने चर्चाओं को ही सही मान लिया और फाइल बंद कर दी। न तो संबंधित व्यक्ति से जानकारी ली और न ही स्वजन से पूछताछ की।

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घर जाने की जताई इच्छा

आरोपित ने पकड़े जाने के बाद पुलिस से स्वजन से मिलवाने के लिए घर ले जाने की इच्छा जताई, लेकिन पुलिस ने मना कर दिया। इसके बाद उसकी मां उषा, छोटा भाई रोहित आदि मिलने थाने पहुंचे। रोहित ने बताया कि रिंकू अविवाहित है। पिता लालाराम की पहले ही मृत्यु हो चुकी है। भाई को काफी तलाश किया था, लेकिन कुछ पता नहीं चला। मृत्यु की सूचना के सवाल पर उसने कहा कि उन लोगों को इस तरह की कोई जानकारी नहीं थी। वह लोग तो उसे लापता मान रहे थे। पुलिस ने क्या कहा उसे जानकारी नहीं है।

आरोपित रिंकू ने अपनी मृत्यु की सूचना प्रसारित करा दी थी। उसके स्वजन व पुलिस ने इसे सही मान लिया था। इसलिए सभी वारंट व कुर्की की कार्रवाई निरस्त कर दी गई थी। क्योंकि शव नहीं मिला था, इसलिए न्यायालय से स्थायी वारंट जारी करा लिया गया था। ताकि अगर कभी वह मिलता है तो उसके आधार पर गिरफ्तार किया जा सके। उससे पूछताछ की जा रही है। रोहित कुमार, एसओ