कैप्टन की वर्दी में अकेले खड़ा था युवक, इंस्पेक्टर ने पूछा सवाल तो जुबान पर लगा ताला, कार्ड देख पुलिस को भी हैरानी!
शाहजहांपुर में एक युवक ने सेना का अधिकारी बनकर दो हत्यारोपियों को छुड़वाने के नाम पर ठगी की कोशिश की। वह कैप्टन की वर्दी पहनकर पीलीभीत में रुपये लेने गया लेकिन पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। आरोपी ने सेना के भोजनालय में काम किया था और जल्दी अमीर बनने की चाहत में ठगी करने लगा था। पुलिस अब उसके अन्य ठगी के मामलों की जांच कर रही है।
जागरण संवाददाता, शाहजहांपुर। खुद को सेना का अधिकारी बताकर पीलीभीत जेल में बंद दो हत्यारोपियों को छुड़वाने के नाम पर एक युवक ने ठगी का प्रयास किया। रविवार को कैप्टन की वर्दी पहनकर जब रुपये लेने पहुंचा तो पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।
यह है पूरा मामला
पीलीभीत के सुनगढ़ी क्षेत्र के गायबोझ गांव निवासी चंदनलाल के भाई योगेश व रिश्तेदार धीरेंद्र हत्या के आरोप में काफी समय से पीलीभीत की जेल में बंद है। चंदनलाल की कुछ समय पहले भुर्जी सम्मेलन में अपने ही समाज के सदर क्षेत्र के मऊ खास निवासी रवि कुमार से मुलाकात हुई थी।
रवि ने खुद को सेना में कैप्टन बताया था। चंदनलाल ने जब जेल में बंद भाइयों के बारे में बताया तो रवि ने पुलिस के अधिकारियों से अच्छी जान पहचान होने का हवाला देते हुए दोनों को जल्द छुड़वाने का भरोसा दिया था। इसके लिए उसने 50 हजार रुपये मांगे थे।
रविवार को पीलीभीत में ही रुपये देना तय हुआ था, लेकिन अचानक रवि ने चंदनलाल को रुपये लेकर निगोही आने के लिए कह दिया। निगोही पहुंचने पर टिकरी चाैकी के पास आने के लिए कहा।
बार-बार स्थान बदलने व बातचीत का लहजा भी अधिकारियों की तरह न होने पर उन्हें शक हुआ तो निगोही पुलिस को इसके बारे में जानकारी दी, जिसके बाद प्रभारी निरीक्षक अरविंद सिंह चौहान पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचे तो रवि कैप्टन की वर्दी पहनकर एक धार्मिक स्थल के पास बाइक लेकर खड़ा था।
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प्रभारी निरीक्षक ने जब उससे तैनाती स्थल के बारे में पूछा तो जवाब दिया कि वर्तमान में वह श्रीनगर तैनात है। अवकाश पर घर आया है। परिचय पत्र मांगा तो वह दिखा नहीं पाया और अपने अधिकारियों के बारे में भी कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया। इसके बाद एनडीए की फुल फार्म पूछी तो वह भी नहीं बता पाया। इसके बाद उसे थाने ले जाकर सख्ती से पूछताछ की तो उसने सच्चाई बता दी।सेना के भोजनालय में करता था काम
रवि ने पुलिस को बताया कि शाहजहांपुर कैंट में सेना के भोजनालय में काफी दिनों तक काम किया था। इसके बाद बरेली कैंट में भी कुछ दिन काम किया, जिस वजह से सेना के बारे में ठीक से जानकारी हो गई थी। जल्दी अमीर बनने की चाहत में उसने कैप्टन रैंक की वर्दी बनवाकर लोगों के काम कराने के नाम पर ठगी करना शुरू कर दिया था।दूसरे जवान का बरामद हुआ कार्ड
पुलिस ने जब उसकी तलाशी ली तो नरेश नाम के जवान का कैंटीन स्मार्ट कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस भी बरामद हुआ। कार्ड के बारे में पुलिस जानकारी कर रही हैं।यह भी पढ़ें: Banke Bihari Temple: हथिनी के मुंह से आने वाले जल में सिर्फ एसी का पानी ही नहीं… सामने आई वीडियो की सच्चाईसेना का अधिकारी बताकर लोगों से ठगी करने वाला आरोपी गिरफ्तार कर लिया गया है। उसने अब तक कितने लोगों से इस तरह ठगी की है, इसके बारे में भी जानकारी की जा रही है।
-संजय कुमार, एएसपी सिटी