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करंट लगने से युवक की मौत, शव रेत में दबाया

टुल्लू पंप में करंट आ गया। जिसकी चपेट में आकर युवक झुलस गया।

By JagranEdited By: Updated: Tue, 05 Feb 2019 12:21 AM (IST)
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करंट लगने से युवक की मौत, शव रेत में दबाया

जेएनएन, शाहजहांपुर: नहाते समय अचानक बिजली आने से टुल्लू पंप में करंट आ गया। जिसकी चपेट में आकर युवक झुलस गया। परिजन उसको निजी चिकित्सक के पास ले गए, जहां डॉक्टर ने उसको मृत घोषित कर दिया। परिजनों ने अंतिम संस्कार करने की बजाय उसके शव को रेत में दबा दिया। उनको भरोसा है कि रेत से शरीर के अंदर करंट का प्रभाव खत्म हो जाएगा।

थाना खुटार क्षेत्र के गांव कुइयां निवासी बड़कन्ने का 23 वर्षीय बेटा दीपक सोमवार की सुबह घर के आंगन में लगे टुल्लू पंप पर नहाने के लिए गया। बिजली नहीं होने की वजह वह हत्था चलाकर बाल्टी में पानी भरने लगा। तभी अचानक बिजली आ गई। तार शार्ट होने से टुल्लू पंप में करंट आ गया। करंट लगने से दीपक छटपटाने लगा। आनन-फानन में परिजनों से बिजली की मेन सप्लाई बंद कर दी। दीपक को खुटार के एक निजी चिकित्सक के पास ले जाया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया।

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करंट खींचने के लिए शव को दबाया रेत में

डॉक्टर के मृत घोषित करने के बाद परिजन दीपक का शव घर ले आए। परिजनों ने तुरंत रेत का इंजताम किया। दीपक के शव को जमीन पर लिटाकर उसके ऊपर रेत थोप दी। इसके बाद उस पर पानी का छिड़काव लगा दिया। परिजनों का कहना है कि रेत दीपक के शरीर के अंदर के करंट को खींच लेगी। जिससे वह जीवित हो जाएगा। परिजनों के मुताबिक वे लोग शव को 24 घंटे तक जमीन में दबाए रखेंगे। उन्हें उम्मीद है कि दीपक जीवित हो जाएगा।

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इकलौते बेटे की मौत से मां हुई बेसुध

बड़कन्ने और अनारकली का दीपक इकलौता बेटा था। उसकी मौत पर परिजनों को विश्वास नहीं हो रहा है। उनका मानना है कि दीपक फिर से ¨जदा हो जाएगा। मृतक की तीन बड़ी बहन आरती, पूजा और ज्योति की शादी हो चुकी है। घटना की जानकारी होने पर तीन बहनें घर पहुंच गई हैं। सबका रो-रोकर बुरा हाल है।

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वर्जन-

फोटो: 4 एसएचएन:

करंट लगने पर मरीज को सीधे अस्पताल ले जाना चाहिए। हां अगर उसकी सांस जा रही हो तो सीना दबाना चाहिए। इसके अलावा करंट लगने का कोई प्राथमिक उपचार नहीं हैं। करंट लगने से मरीज के हृदय पर सबसे पहले असर होता है। जिससे उसकी जान जाने का खतरा बढ़ जाता है।

- डॉ. एमएल अग्रवाल, वरिष्ठ परामर्शदाता जिला अस्पताल

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फोटो: 4 एसएचएन:

वर्जन-

करंट लगने के बाद शरीर का खून सूखकर पानी से अलग हो जाता है। जिसकी वजह से हृदय पर असर पड़ने से मौत हो जाती है। मौत होने के बाद शरीर में किसी भी तरीके से जान वापस नहीं लाई जा सकती है। शव को रेत में दबाना मात्र एक भ्रांति है। हां अगर मरीज जीवित है तो इस प्रक्रिया से थोड़ा करंट का असर कम हो सकता है। जान जाने के कोई जीवित नहीं हो सकता है।

अमीर ¨सह, भौतिक विज्ञान प्रवक्ता