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Shamli मतांतरण केस; जुमे को चलाते थे पाठशाला, अमीर बनाने का लालच देकर जोड़ते थे लोग, विदेशी कनेक्शन की पड़ताल

Shamli News In Hindi सूत्रों के अनुसार गांव निवासी दो व्यक्ति भी इनके संपर्क में आ गए थे। हालांकि अभी वह दोनों अकेले ही इनके पास आना-जाना करते थे जबकि शौकीन की ओर से पूरे परिवार को बुलाने का दबाव बनाया जाता था। पुलिस शाैकीन और महिला से पूछताछ कर रही है। असद बनाने की प्लानिंग के पीछे किस इस्लामिक संगठन का हाथ है ये भी जानकारी कर रही है।

By abhishek kaushikEdited By: Abhishek SaxenaUpdated: Sun, 17 Sep 2023 03:10 PM (IST)
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Shamli News: शौकीन की ओर से पूरे परिवार को बुलाने का दबाव बनाया जाता था ।
शामली, जागरण संवाददाता, (आकाश शर्मा)। मतांतरण कराने के लिए शौकीन का ध्यान केवल एक परिवार पर नहीं था, बल्कि वह दर्जनों लोगों को मुस्लिम धर्म में लाना चाहता था। अधिकतर जुमे (शुक्रवार) के दिन सूरज के घर में मतांतरण की पाठशाला चलती थी। इस दौरान गांव निवासी दो अन्य परिवार के मुखिया भी उसके संपर्क में आ गए थे। शौकीन ने कई जिलों में अपना जाल फैला रखा है। सीडीआर के माध्यम से पुलिस उसके विदेशी कनेक्शन की जांच पड़ताल कर रही है।

शाैकीन इस्लामिक संगठन के इशारे पर कर रहा काम

सूत्रों ने बताया कि मतांतरण फैलाकर लोगों को मुस्लिम बनाने वाला शौकीन किसी न किसी इस्लामिक संगठन के निर्देश पर कार्य कर रहा है। इसके लिए उसको फंडिंग भी की जा रही है। शौकीन की पत्नी पहले नवयुवकों को अपने झूठे प्यार के झाल में फंसाती थी। इसके बाद दोस्ती गहरी होने के बाद शौकीन से मुलाकात कराती थी। शौकीन युवक को इस्लाम के प्रति कट्टर बनाते हुए दिल्ली में ले जाता था और मौलाना से उसकी मुलाकात कराता था।

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शौकीन ने सूरज की मुलाकात भी दिल्ली में लाल किला के पास एक मुस्लिम व्यक्ति से कराई थी। अल्लाह की इबादत करके उसकी सारी समस्या समाप्त हो जाएंगी। उक्त व्यक्ति ने सूरज को घर पर निशान (झंडा), कुरान, तसमी (धार्मिक पुस्तक) आदि रखने व नमाज पढ़ने व नाम बदलकर असद रखने के लिए कहा था। कहा था कि मोहर्रम की शुरूआत से 24 सितंबर तक नमाज अदा करना।

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जरूरतमंदों को देते हैं रुपयों का लालच

शौकीन और कमरबतुन का टारगेट जरूरतमंदों को अपने जाल में फंसाना होता था। मादलपुर के ग्रामीणों के अनुसार जब राजेंद्र उर्फ श्यामवीर के घर मुस्लिम लोगों का आना-जाना शुरू हुआ था। कुछ अन्य लोग भी इनके संपर्क में आए थे। इसके बाद मुस्लिम लोगों ने कहा था कि यदि अमीर बनना है तो तुम भी जुमा यानी शुक्रवार के दिन राजेंद्र के घर आ जाया करना। पूरा ज्ञान दिया जाएगा। 

पांच लाख रुपये का था कर्ज, अब नहीं

ग्रामीणों के अनुसार राजेंद्र के परिवार पर चार से पांच लाख रुपये का कर्ज था। पहले ईसाइ धर्म और अब मुस्लिम धर्म अपनाने के बाद परिवार कर्जमुक्त हो गया है। लगातार परिवार के पास पैसा पहुंच रहा था। ऐसी चर्चा ग्रामीणों के बीच पूरे दिन चलती रही।

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