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    ईओ की डांट से चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी की तबीयत बिगड़ी, अस्पताल में भर्ती; ऐसा क्या कह दिया था?

    ऊन नगर पंचायत में अधिशासी अधिकारी की डांट से एक कर्मचारी की तबीयत बिगड़ गई और उसे अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। कर्मचारियों ने अधिकारी पर तानाशाही रवैया अपनाने का आरोप लगाया है। सफाई कर्मचारियों ने वेतन और उपकरणों की कमी की भी शिकायत की जिससे कस्बे में सफाई व्यवस्था प्रभावित हो रही है। कर्मचारी अधिकारी के व्यवहार के खिलाफ प्रदर्शन करने की चेतावनी दे रहे हैं।

    By ABHISHEK KAUSHIK Edited By: Aysha Sheikh Updated: Fri, 22 Aug 2025 08:36 PM (IST)
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    ईओ की डांट से चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी की तबीयत बिगड़ी, अस्पताल में भर्ती

    संवाद सूत्र, शामली। अधिशासी अधिकारी की डांट से नगर पंचायत के चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी की अचानक से तबीयत खराब हो गई। आनन-फानन में अन्य कर्मचारी उसे लेकर कस्बे के निजी चिकित्सक के पास पहुंचे, जहां प्राथमिक उपचार के बाद उसे सीएचसी में भर्ती कराया। कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि अधिशासी अधिकारी का व्यवहार सही नहीं है। वह तानाशाह जैसा रवैया अपनाते हैं।

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    बताया गया कि नगर पंचायत ऊन में देवकीनंदन पर अधिशासी अधिकारी का अतिरिक्त प्रभार है। उनकी स्थायी तैनाती बनत नगर पंचायत में है। नगर पंचायत के कर्मचारियों का कहना है कि वह महीने में दो से तीन बार ही आते हैं। शुक्रवार को जब वह कार्यालय में पहुंचे तो उन्होंने चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी ब्रजेश से कार्यालय के किसी कार्य के बारे में पूछा।

    इस पर ब्रजेश ने कहा कि वह चतुर्थ श्रेणी का कर्मचारी है। इसका जवाब में कैसे दे सकता हूं। आरोप है कि इस पर अधिशासी भड़क गए और कर्मचारी को डांटना शुरू कर दिया। इस पर ब्रजेश की हालत बिगड़ गई और अन्य कर्मचारी पहुंच गए। उन्होंने पहले ब्रजेश को कस्बे के ही निजी चिकित्सक को दिखाया और फिर से सीएचसी में भर्ती कराया गया।

    बताया कि ब्रजेश का ब्लड प्रेशर अचानक से कम हो गया था, जिससे वह बेसुध हो गया था। सरकारी अस्पताल में मौजूद अन्य सफाई कर्मचारियों ने बताया कि ईओ के नहीं आने से कार्य प्रभावित रहता है। तीन महीने से उन्हें सफाई करने के लिए झाड़ू तक नहीं दी गई।

    अधिकतर सफाई कर्मियों की कूड़ा उठाने वाली रिक्शा खराब है, जिसके कारण कस्बे में अनेकों जगह कूडे के ढेर लगे हुए है। इसके कारण कस्बावासी उन्हें बुरा भला कहते हैं। संविदा कर्मचारियों का कहना था कि जरूरत पर उनको पूरा वेतन नहीं मिलता है। इस कारण वह कस्बे में सफाई नहीं करेंगे।

    सूचना पर पुलिस भी पहुंच गई थी। ब्रजेश ने परेशान करने का आरोप लगाया। पुलिस ने इस बारे में ईओ से भी बातचीत की थी। नगर पंचायत कर्मचारियों का कहना था कि ईओ तानाशाही चलाते हैं, जिसे बर्दाश्त नहीं करेंगे और कार्यों का बहिष्कार करेंगे। वहीं, पुलिस का कहना है कि अभी तहरीर नहीं मिली है।

    नगर पंचायत अध्यक्ष प्रदीप चौधरी ने बताया कि शामली जिले में ऊन नगर पंचायत ऐसी है, जहां पर आज तक बाबू की तैनाती नहीं की गई है। फिलहाल जो बाबू यहां पर तैनात किया गया है, उसकी नियुक्ति नगर पंचायत बनत में है, जो हफ्ते में मात्र एक दिन के लिए आता है। इस कारण कार्य करने में बाधा आ रही है।

    अधिशासी अधिकारी देवकीनंदन ने कहा कि नगर पंचायत में कुछ कार्य नहीं हुआ था, इसलिए उन्होंने संबंधित कर्मचारी से कार्य के बारे में सिर्फ पूछा था। इसके अतिरिक्त कोई दबाव नहीं डाला था। डांटने और परेशान करने का आरोप गलत है।