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Bashir Ahmed No More: दुनिया को अलविदा कह गए पूर्व MLA बशीर अहमद, कैराना विधानसभा से 1977 में जनता पार्टी से रहे विधायक

Bashir Ahmed Passaway Shamli News कैराना विधानसभा के पूर्व विधायक एवं चेयरमैन बशीर अहमद (92वर्ष) का शनिवार की देर रात 1230 बजे इंतकाल हो गया। आज नमाज के बाद नगर में स्थित कब्रिस्तान में शव को दफन किया जाएगा। बशीर अहमद की कैराना राजनीति में रही बेदाग छवि। 1988 में पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी पहुंचे थे पूर्व विधायक के घर।

By Jagran News Edited By: Abhishek Saxena Updated: Sun, 25 Feb 2024 09:59 AM (IST)
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दुनिया को अलविदा कह गए पूर्व MLA बशीर अहमद। फाइल फोटो

संवाद सूत्र, कैराना। कैराना विधानसभा के पूर्व विधायक बशीर अहमद (92) का बीमारी के चलते पानीपत स्थित हॉस्पिटल में उपचार के दौरान इंतकाल हो गया। जिसके चलते क्षेत्र में शोक की लहर व्याप्त है। दिवंगत बाबू बशीर अहमद नगरपालिका परिषद के अध्यक्ष पद छह बार काबिज रहे।

उनके दामाद सलीम अहमद ने बतया कि उनको दो सप्ताह पूर्व निमोनिया हुआ था। जिसके बाद उन्हें हरियाणा के पानीपत में स्थित आईबीएम अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बाद में हालत में सुधार होने के बाद उन्हें हार्ट अटैक होने के कारण हालत नाजुक होने पर गत रात्रि उन्होंने अंतिम सांस ली। पूर्व विधायक दिवंगत बशीर अहमद के परिवार में जरीना, शायरा व नसीमा तीन पुत्रियां है।

बशीर अहमद की कैराना राजनीति में रही बेदाग छवि

राजा कर्ण की नगरी कैराना की राजनीति में वयोवृद्ध पूर्व चेयरमैन बशीर का पुरजोर वर्चस्व रहा है। इन्होंने हमेशा अराजक तत्वों की हमेशा मुखर होकर खुलेआम मुखालफत की जिस कारण बशीर अहमद ने बहुसंख्यक समाज के लोगों में अपनी मजबूत पकड़ बनाई रखी। जिसका परिणाम रहा कि वह 1964, 1966 कार्यवाहक, 1967, 1975 कार्यवाहक, 1988, 1995 में छह बार कैराना के चेयरमैन रहे। वयोवृद्ध बशीर अहमद अपने आप मे कैराना की राजनीति का बड़ा तुजुर्बा रखते थे। इतना ही नहीं पूर्व चेयरमैन बशीर हमेशा कांग्रेस में रहे।

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पूर्व प्रधानमंत्री अटलजी पहुंचे थे पूर्व विधायक के घर

साल 1988 में कैराना में मेले का आयोजन हुआ। यहां मैदान में उन्होंने संबोधन किया। उनके साथ कई और बड़े नेता भी शरीक हुए थे। खाने का समय हुआ तो उनके आवास पर पहुंचे। उस दौरान नवरात्र चल रहे थे। लेकिन वह व्रत रखने के बाद भी उनके आवास पर पहुंचे ओर दिवंगत पूर्व विधायक को बगल में बिठाकर चाव से खाना खाया। इसके बाद अटलजी चलने लगे तो उनके कंधे पर हाथ रखकर कहा था कि बशीर सक्रिय होकर राजनीति करते रहो। कभी मेरी जरूरत महसूस करो तो निसंकोच बता देना।

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