Iqra Hasan: प्रोफेसर का ख्वाब तोड़ लंदन से आईं कैराना, सांसद बन संभाली सियासी बागडोर, 'संसद में उठाएंगी किसानों के मुद्दे'
Iqra Hasan News विधायक-सासंद एक ही घर में हसन परिवार की राजनीति में पकड़ का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि तीसरी पीढ़ी भी विधायक और सांसद बन चुकी है। इकरा हसन ने सांसद का चुनाव जीता है तो उनके बड़े भाई नाहिद हसन तीन बार से विधायक हैं। इस तरह से एक ही घर में अब विधायक और सांसद हो गए हैं।
आकाश शर्मा,शामली। सूबे की महत्वपूर्ण सीट कैराना से सांसद चुनी गई इकरा हसन की मंजिल सियासत में आना नहीं था। पारिवारिक परिस्थिति इकरा को लंदन से भारत खींच लाई। प्रोफेसर बनने का ख्वाब भी छूट गया। इकरा सियासत में उतरी तो यहां भी अपनी अनोखी छाप छोड़ दी।
भाई के चुनाव का सफलता से प्रबंधन किया तो वही अब खुद का चुनाव भी सलीके से लड़ा और दमदार जीत दर्ज की। भले ही प्रोफेसर का ख्वाब अभी अधूरा है, लेकिन अब वो विकास, महिला, शिक्षा, गरीब, मजलूमों को इंसाफ दिलाने का काम करेगी।
लंदन से लौटी संभाली जिम्मेदारी
इकरा हसन लंदन में पढ़ाई करने के लिए घर छोड़कर गई थी। साल 2022 में वह पीएचडी कर रही थी, लेकिन इकरा की मां पूर्व सांसद तबस्सुम हसन और भाई विधायक नाहिद हसन पर मुकदमा दर्ज होने के चलते वह पढ़ाई को बीच में छोड़कर घर वापस लौट गई। इसके बाद पुलिस ने उनके भाई को चुनाव से पहले जेल भेज दिया था। विधानसभा 2022 में नाहिद हसन को जीताने के लिए इकरा ने पहली बार कैंपेन को लीड़ किया था। लोगों के बीच में गई और उनके भाई ने जीत दर्ज करली।इकरा हसन बताती है कि इससे पहले कभी राजनीति में आने की इच्छा नहीं थी,लेकिन फिर जनता का प्यार और आशीर्वाद मिला तो राजनीति में कदम बढ़ाया। उन्होंने बताया कि वह पिछले दो सालों से ही लोकसभा चुनाव के लिए तैयारी कर रही थी। यहीं कारण रहा है कि इकरा ने बड़े अंतर से जीत दर्ज करली।इकरा ने कहा कि वह क्षेत्र में बेहतर शिक्षा के लिए कार्य करेगी। जिससे यहां के छात्र-छात्राओं को कैराना लोकसभा क्षेत्र में रहते हुए ही पढ़ाई की बेहतर सुविधाएं मिल सके। उन्होंने कहा कि प्रयास रहेगा कि बालिकाओं के लिए डिग्री और इंटर कालेज भी बनाए जाएंगे।
डेढ़ साल पहले ही अखिलेश ने दिया था आश्वासन
इकरा चौधरी के अनुसार कैराना लोकसभा सीट के लिए उनको प्रत्याशी बनाने को जयंत चौधरी ने अखिलेश को नाम सुझाया था। इकरा बताती है कि अखिलेश यादव ने डेढ़ साल पहले ही उनको टिकट के लिए आश्वासन दे दिया था। इकरा ने कहा कि पार्टी ने जो भरोसा जताया था वह सफल रहा।ये भी पढ़ेंः जीत की ‘महारानी’ बनीं सैफई परिवार की ‘बहूरानी’, सपा का गढ़ ध्वस्त करने के मंसूबों को धूल में मिलाया, 1996 से कब्जा रखा बरकरार
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।