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Shamli News: कोर्ट में दाखिल नहीं कर सके महेंद्र सिंह टिकैत का मृत्यु प्रमाण पत्र, गैर जमानती वारंट

कांधला तिराहे पर जाम लगाने के मामले में दो आरोपियों ने जमानत करा ली है जबकि पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष मनीष चौहान समेत आठ लोगों की तलाश में पुलिस दबिश दे रही है। इस मामले में भारतीय किसान यूनियन के संस्थापक महेंद्र सिंह टिकैत के खिलाफ भी गैर जमानती वारंट जारी हुआ था लेकिन उनकी मृत्यु हो चुकी है। अब इस प्रकरण की सुनवाई 9 अक्टूबर को होगी।

By Akash Sharma Edited By: Abhishek Saxena Updated: Fri, 13 Sep 2024 08:47 PM (IST)
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भारतीय किसान यूनियन के संस्थापक महेंद्र सिंह टिकैत का फाइल फाेटो।

जागरण संवाददाता, शामली। कांधला तिराहे पर जाम लगाने के मामले में कैराना कोर्ट ने भारतीय किसान यूनियन के संस्थापक महेंद्र सिंह टिकैत, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष मनीष चौहान समेत 10 लोगों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किए थे।

इस मामले में सुनवाई से पहले दो लोगों ने जमानत करा ली है। हालांकि महेंद्र सिंह टिकैत की मृत्यु होने के बावजूद उनके बचाव पक्ष की ओर से प्रमाण-पत्र कोर्ट में दाखिल नहीं किया गया। अब इस प्रकरण की सुनवाई नौ अक्टूबर को होगी। वहीं, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष समेत आठ लोगों के गैर जमानती वारंट जारी हैं, जिनकी पुलिस तलाश कर रही है।

जाम लगाने पर हुआ था केस दर्ज

2007 में राजस्थान में गुर्जर आरक्षण को लेकर कांधला के दिल्ली रोड खंद्रावली चौराहे पर प्रदर्शन करते हुए जाम लगाने के मामले में तत्कालीन कांधला थाने के उपनिरीक्षक सुनील कुमार ने भाकियू के संस्थापक महेंद्र सिंह टिकैत, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष मनीष चौहान समेत 20 नामजद और 150 अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। पुलिस ने कैराना एसीजेएम कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया था। न्यायालय में हाजिर नहीं होने पर महेंद्र सिंह टिकैत, भाकियू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मेनपाल चौहान और एमएलसी वीरेंद्र सिंह के पुत्र और पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष मनीष चौहान उर्फ मोनू समेत 10 आरोपितों के गैर जमानती वारंट जारी कर दिए गए थे।

महेंद्र सिंह टिकैत की मृत्यु 13 साल पहले हो गई थी

भाकियू के संस्थापक महेंद्र सिंह टिकैत की मृत्यु 13 साल पहले हो गई थी, लेकिन अभी उनके बचाव पक्ष की ओर से मृत्यु प्रमाण पत्र न्यायालय में दाखिल नहीं किया गया। गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद पुलिस ने उनके स्वजन से संपर्क किया था, लेकिन पुलिस को भी मृत्यु प्रमाण-पत्र नहीं दिया गया। यह मुकदमा अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में विचाराधीन है।

आठ आरोपितों के अभी गैर जमानती वारंट

शुक्रवार को इस मामले की सुनवाई होनी थी। इससे पहले भाकियू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मैनपाल सिंह चौहान ने जमानत कराई। गत बुधवार को ईश्वर फौजी ने भी जमानत करा ली थी, जबकि आठ अन्य आरोपितों के अभी गैर जमानती वारंट हैं, जबकि महेंद्र सिंह टिकैत का मृत्यु प्रमाण-पत्र कोर्ट में दाखिल किया जाएगा। कोर्ट में अब इस प्रकरण की सुनवाई नौ अक्टूबर को होगी।

वहीं, भाकियू की ओर से एक्स पर डीजीपी और सुप्रीम कोर्ट को पोस्ट की गई कि 13 वर्ष पूर्व दिवंगत चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत का गिरफ्तारी वारंट आना दर्शाता है कि यूपी की आदलतें और पुलिसिंग कर्तव्यों के प्रति कितनी सजग है। हमें संविधान में विश्वास है। कहीं ऐसा ना हो कि एक दिन इन व्यवस्थाओं से आमजन का विश्वास ना उठा जाए।

20 नामजद और 150 अज्ञात के खिलाफ हुआ था मुकदमा

मनीष उर्फ मोनू, महेंद्र सिंह टिकैत, चरण सिंह, बाबूराम, ईश्वर फौजी, प्रेम फौजी,राजेंद्र, देवेंद्र, मैनपाल, कनकू, इसम,मदन,चरण, हासिम,सुधीर, बबलू, राजपाल, राजेंद्र, रणवीर व पहल सिंह समेत 150 अज्ञात के खिलाफ मुकदमा हुआ था। इनमें दस के गैर जमानती वारंट जारी किए गए थे।

आरोपितों की तलाश में पुलिस दे रही दबिश

कांधला पुलिस गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद पुलिस आरोपितों की तलाश में दबिश दे रही है। अभी मनीष चौहान समेत सात वारंटी पुलिस पकड़ से दूर है।

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