‘लल्लू’ सबका प्यारा था! शौक से लगाता था हर घर का चक्कर, कुत्ते का अंतिम संस्कार… लोगों ने तेरहवीं भी कराई
शामली के नई बस्ती मोहल्ले में एक अनोखी रस्म देखने को मिली जहां एक पालतू कुत्ते लल्लू की तेरहवीं का आयोजन किया गया। लल्लू 12 साल से मोहल्ले का हिस्सा था और सभी के साथ खेलता था। उसकी मौत पर मोहल्ले के लोगों ने विधि विधान से शव यात्रा निकाली और तेरहवीं का आयोजन किया और 100 लोगों को भोज कराया गया।
जागरण संवाददाता, शामली। कुत्ता लल्लू जन्म के बाद से पूरे मोहल्ले में बच्चे की तरह रहा। वह सभी के घर पहुंचता और सलीके से बैठकर खाना खाता था। 12 साल से जीते जी उसका रिकॉर्ड रहा कि कभी किसी को काटा नहीं और अजनबी को देखते ही मोहल्ले से बाहर करने दौड़ पड़ता था।
उसे थोड़ा उदास देखते ही सभी उसे दुलार और पसंद का खाना बनाकर खिलाते थे। बीमारी से मौत के बाद अंतिम संस्कार किया तो बुधवार को विधि विधान के साथ नागरिकों ने तेरहवीं की।
100 लोगों ने भोजन कराया गया भोज
शहर के माजरा रोड स्थित नई बस्ती में अनोखी रस्म तेरहवीं देखने को मिली। यहां एक पालतू कुत्ते की मौत के बाद पूरे मोहल्ले के लोगों ने उसकी तेरहवीं का आयोजन किया। इस तेरहवीं कार्यक्रम में करीब 100 लोगों ने भोजन किया।दरअसल, मोहल्ला नई बस्ती में एक कुत्ता रहता था। उसे सभी लल्लू नाम से पुकारते थे। दो दिन पहले लल्लू की बीमारी के चलते मौत हो गई। इससे पूरे लोगों में शोक की लहर दौड़ गई, क्योंकि 12 साल से उसका जुड़ाव घर-घर रहा। बच्चे हो या बड़े सभी उसके साथ खेलते रहे। एक आवाज पर भागा चले आना और पूरे मोहल्ले में घर-घर जाकर चक्कर लगाना उसकी आदतों में शुमार था।
मोहल्ले में नहीं घुस सकता था कोई अजनबी
लोगों ने बताया कि मजाल नहीं थी कि रात में कोई अजनबी उनके मोहल्ले में घुस भी सके, लेकिन एक भी बच्चे या नागरिक को उसने यहां नहीं काटा था। लोगों ने विधि विधान के साथ लल्लू की शव यात्रा निकाली और शहर के रेलवे फाटक के निकट उसको दफनाया गया था।
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