Iqra Hasan: लंदन से पढ़ाई, पिता पूर्व सांसद-भाई विधायक, जानिए कैराना से सपा प्रत्याशी इकरा हसन के बारे में
Iqra Hasan Profile / Who is Iqra Hasan पूर्व सांसद मुनव्वर हसन व तबस्सुम की बेटी और विधायक नाहिद हसन की बहन हैं इकरा। अखिलेश यादव ने सपा के कैराना से लगातार तीसरी बार मौजूदा विधायक चौधरी नाहिद हसन की छोटी बहन इकरा हसन को समाजवादी पार्टी से 2024 लोकसभा चुनाव के लिए प्रत्याशी प्रत्याशी बनाया है। इकरा कुछ समय से राजनीति में सक्रिय हैं।
जागरण संवाददाता, कैराना (शामली)। Iqra Hasan Profile अपराध के कारण पलायन से देश-दुनिया में चर्चित कैराना संसदीय क्षेत्र से समाजवादी पार्टी ने इकरा हसन Iqra Hasanको प्रत्याशी बनाया है। इकरा के दादा, पिता व मां सांसद रह चुकीं हैं। जबकि बड़ा भाई नाहिद हसन लगातार तीसरी बार विधायक है।
इकरा 2016 में जिला पंचायत सदस्य का चुनाव पांच हजार वोटों से हार चुकी है। वर्तमान में यहां से भाजपा के प्रदीप चौधरी सांसद हैं। गुर्जर जाति से आने वाले प्रदीप ने इकरा की मां और दो बार की सांसद सपा प्रत्याशी तबस्सुम हसन को हराकर चुनाव जीता था।
कैराना लोकसभा सीट से सांसद रहे अख्तर हसन
राजनीति में हसन परिवार के मुखिया अख्तर हसन ने नगरपालिका परिषद चुनाव में सभासद का चुनाव लड़ा और जीते थे। इसके बाद वह चेयरमैन और फिर कैराना लोकसभा सीट से सांसद रहे। अख्तर ने पुत्र मुनव्वर हसन को राजनीति में उतारा, जिन्होंने पश्चिमी यूपी के बड़े नेता के तौर पर छाप छोड़ी। उनके दिवंगत होने पर उनकी पत्नी तबस्सुम बेगम कैराना लोकसभा सीट से दो बार सांसद रहीं। तबस्सुम के बेटे नाहिद हसन कैराना विधानसभा से वर्तमान में विधायक हैं। इकरा हसन के रूप में परिवार की दूसरी महिला लोकसभा प्रत्याशी बनी है।
लंदन में पढ़ाई के दौरान सीएए का विरोध कर आईं थीं सुर्खियों में
- 27 वर्षीय इकरा की शुरुआती शिक्षा भले ही कैराना में हुई हो, लेकिन उन्होंने 12वीं दिल्ली के क्वींस मेरी स्कूल से की थी।
- लेडी श्रीराम कालेज से ग्रेजुएशन किया।
- दिल्ली विश्वविद्यालय से एलएलबी की।
- इंटरनेशनल ला एंड पालिटिक्स में पोस्ट ग्रेजुएशन यूनिवर्सिटी आफ लंदन से किया था।
- लंदन में सीएए का विरोध-प्रदर्शन कर सुर्खियों में आई थीं।
- वह पढ़ाई पूरी कर 2021 में स्वदेश लौटी थीं। इसके बाद ही वह इंटरनेट मीडिया पर सक्रिय हुईं।
- इकरा ने 2016 में जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ा, लेकिन पांच हजार वोटों से हार मिली
विधानसभा चुनाव में संभाली थी कमान
2022 के विधानसभा चुनाव से पहले विधायक नाहिद हसन जेल में थे। चुनाव में उनकी छोटी बहन इकरा ने ही चुनाव प्रबंधन की कमान संभाली थी। भाई की जीत में बहन की मेहनत को ही माना जाता है।
नकुड़ और गंगोह बनेंगे निर्णायक
संसदीय क्षेत्र में सहारनपुर जनपद के नकुड़ और गंगोह विधानसभा क्षेत्र पूर्व के चुनाव से ही यहां के परिणाम को प्रभावित करते रहे हैं। इस बार भी नकुड़ और गंगोह क्षेत्र में सैनी तथा गुर्जर मतदाता निर्णायक भूमिका में होंगे। शामली जिले के तीन विधानसभा क्षेत्र में कैराना, शामली और थानाभवन समेत सहारनपुर जनपद के दो विधानसभा क्षेत्र को मिलाकर लगभग साढ़े पांच लाख मुस्लिम मतदाता हैं।