हादसों का सबब बन रहे सड़कों के गड्ढे
जागरण संवाददाता, शामली: शहर से लेकर जिलों की तमाम सड़कों की हालत खस्ता है। सरकार क
जागरण संवाददाता, शामली: शहर से लेकर जिलों की तमाम सड़कों की हालत खस्ता है। सरकार के सड़कों के गड्ढे भरने के आदेश हवा हैं। लोग परेशान हैं और आय दिन गड्ढे हादसों का कारण बन रहे हैं। लेकिन कोई सुध लेने को तैयार नहीं है। मुख्य मार्गो से लेकर हाईवे की हालत भी ऐसी ही है। बरसात में और स्थिति खराब हो गई है।
मुख्यमंत्री योगी बने तो लोगों में उम्मीद जगी थी कि सड़कें चाक-चौबंद होगी। मुख्यमंत्री बनते ही सड़कों को गड्ढा मुक्त करने के आदेश भी दिए थे। शहर में बाईपास रोड, धीमानपुरा फाटक, लिलौन, मुजफ्फरनगर मार्ग, दिल्ली रोड, कैराना रोड आदि सड़कें गड्ढा मुक्त नहीं हो सकी। अन्य मार्गो की हालत भी कमोबेश यहीं है।
सरकार के आदेश पर कुछेक गड्ढों को पाटा गया। कुछ समय बाद फिर से वहीं स्थिति हो गई। तमाम संगठन धरना-प्रदर्शन कर सड़कों को दुरुस्त करने की मांग करते हैं। आश्वासन जरूर मिलता है, पर होता कुछ नहीं। बस ये कह दिया जाता है कि प्रस्ताव बनाया जा रहा है।
लोनिवि के पास यह भी बताने के लिए नहीं है कि कितने गड्ढे भरे गए और आगे की कार्ययोजना क्या है। ऐसे में सवाल उठने तो लाजिमी हैं। दिल्ली-यमुनोत्री हाईवे की हालत ये है कि पता ही नहीं चलता कि सड़क में गड्ढे हैं या गड्ढे में सड़क है। हालांकि इसके निर्माण के लिए टेंडर हो चुके हैं और बजट भी जारी हो चुकी है। लेकिन निर्माण शुरू कब होगा इसके बारे में कुछ पता नहीं।
चर्चा है कि जल्द ही शिलान्यास कार्यक्रम की तिथि तय हो जाएगी। बरसात में मेरठ-करनाल हाईवे में कई-कई फीट गहरे हो गए हैं। कुछ गड्ढों को जरूर पाटा गया, लेकिन काम अधूरा है।
लोनिवि के अधिशासी अभियंता रवीन्द्र ¨सह का कहना है कि गड्ढों को भरने का काम निरंतर चल रहा है। कई सड़कों की मरम्मत का प्रस्ताव भी भेजा है। स्वीकृति मिलते ही आगे की कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी। गड्ढों को पाटने का डाटा एकत्र किया जा रहा है, इसके बाद रिपोर्ट तैयार होगी। बरसात का मौसम खत्म नहीं हुआ। अभी बड़े-बड़े गड्ढों को ही भरा गया है। बरसात के बाद युद्धस्तर पर काम शुरू होगा।