UP News: मतांतरण का शिकार हुए युवक ने दिल्ली की जामा मस्जिद को लेकर खोले कई राज, शाैकीन ने कराई थी मुलाकात
Shamli Conversation Case शौकीन की पत्नी पहले नवयुवकों को अपने झूठे प्यार के झाल में फंसाती थी। इसके बाद दोस्ती गहरी होने के बाद शौकीन से मुलाकात कराती थी। शौकीन युवक को इस्लाम के प्रति कट्टर बनाते हुए दिल्ली में ले जाता था और मौलाना से उसकी मुलाकात कराता था। शौकीन ने सूरज की मुलाकात भी दिल्ली में लाल किला के पास एक मुस्लिम व्यक्ति से कराई थी।
By Jagran NewsEdited By: Abhishek SaxenaUpdated: Mon, 18 Sep 2023 08:48 AM (IST)
शामली, जागरण संवाददाता (आकाश शर्मा)। Shamli News उत्तर प्रदेश के शामली जिले में मतांतरण का शिकार हुए सूरज से असद बने युवक ने बातचीत में दिल्ली की जामा मस्जिद को लेकर कई राजफाश किए है। उसने कहा कि जामा मस्जिद में उसको दो बार ले जाया गया। जहां शौकीन ने उसकी मुलाकात एक धार्मिक व्यक्ति से कराई थी। धार्मिक व्यक्ति ने इस्लामिक धर्म की कई बातें बताकर सूरज को मुस्लिम धर्म अपनाने के लिए कहा था।
दिल्ली में धार्मिक व्यक्ति से कराई मुलाकात
थानाभवन क्षेत्र के गांव मादलपुर में परिवार का मतांतरण कराने वाले शौकीन और उसकी पत्नी कमरबतुन दिल्ली और विदेश में बैठे अपने आकाओं के इशारे पर कार्य कर रहे थे। शौकीन सूरज को छह महीने में दो बार दिल्ली की जामा मस्जिद में घुमाने के बहाने लेकर गया था, लेकिन उसने वहां एक धार्मिक व्यक्ति से मुलाकात कराई।ये भी पढ़ेंः Shamli News: मतांतरण के पीछे छिपे है कई राज, हिंदू युवक को मुस्लिम बनाकर इस्लामिक देश में भेजना चाहता था शौकीन
इस्लाम कबूलने की बोला
सूरज ने बताया कि धार्मिक व्यक्ति ने उसको अल्लाह और इस्लाम के बारे में कई बाते बताकर यह कहा था कि एक बार इस्लाम धर्म कबूल कर लो इसके बाद सभी समस्याओं का समाधान हो जाएगा। सूरज ने बताया कि वह मस्जिद के अलावा ओखला दिल्ली में शौकीन के कमरे पर भी कई बार गया था।ये भी पढ़ेंः Shamli मतांतरण केस; जुमे को चलाते थे पाठशाला, अमीर बनाने का लालच देकर जोड़ते थे लोग, विदेशी कनेक्शन की पड़ताल
पंजाबी भाषा में है सूरज और उसकी बहनों का आधार कार्ड
सूरज ने बताया कि उसका आधार कार्ड पंजाबी भाषा में है। चूंकि अब वह यूपी में रह रहा है, इसलिए आधार कार्ड बदलवाने का भी प्रयास किया था। शौकीन ने असद नाम से आधार कार्ड बनवाने की बात कही थी, लेकिन अभी तक आधार कार्ड नहीं बनवाया था।सूरज ने बताया कि उसकी दो बहनों का भी आधार कार्ड पंजाबी भाषा में ही है। करीब पांच साल पहले वह जब पंजाब में रह रहे थे, तब उन्होंने स्कूल में दाखिला लेने को पंजाब में ही आधार कार्ड बनवाया था।
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