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बढ़ेगा शामली शहर का दायरा, कवायद शुरू

शहर का दायरा बढ़ाने की कवायद शुरू हो गई है। शामली से सटे आठ-दस गांवों को पालिका क्षेत्र में शामिल करने की योजना है। नगर पालिका परिषद ने इस दिशा में काम शुरू कर दिया है।

By JagranEdited By: Updated: Tue, 17 Sep 2019 10:26 PM (IST)
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बढ़ेगा शामली शहर का दायरा, कवायद शुरू

शामली, जेएनएन। शहर का दायरा बढ़ाने की कवायद शुरू हो गई है। शामली से सटे आठ-दस गांवों को पालिका क्षेत्र में शामिल करने की योजना है। नगर पालिका परिषद ने इस दिशा में काम शुरू कर दिया है। राजस्व विभाग से रिकॉर्ड जुटाने के निर्देश ईओ ने कर्मचारियों को दिए हैं और जल्द ही इस संबंध में बैठक भी होने जा रही है।

दरअसल, निर्माणाधीन कलक्ट्रेट, एसपी कार्यालय, विकास भवन, जिला पंचायत, बेसिक शिक्षा विभाग कार्यालय समेत तमाम जिला स्तरीय दफ्तर मुंडेट, गोहरनी ग्राम पंचायत क्षेत्र में हैं। इसका कारण शहर में जमीन की उपलब्धता न होना है। इसी के साथ अब शामली शहर की सीमा बढ़ाने के प्रयास शुरू हो गए हैं। इसके लिए राजस्व विभाग से रिकॉर्ड हासिल किया जा रहा है। इससे पता चलेगा कि सीमा विस्तार के बाद नगर पालिका की अनुमानित आबादी और क्षेत्रफल कितना हो जाएगा। इस आधार पर ही सीमा विस्तार का प्रस्ताव बनेगा।

ऐसा हो सकता है शहर का नया स्वरूप

शामली शहर का सीमा विस्तार बनत के पास तहसील तक, कैराना रोड पर खेड़ीकरमू या बामनौली तक, दिल्ली रोड पर लिलौन गांव तक, सहारनपुर रोड पर सिक्का गांव तक, करनाल-मेरठ रोड पर सिभालका गांव तक होना संभव है।

ये गांव हो सकते हैं शामिल

मुंडेट, गोहरनी, सिभालका, सिक्का, खेडीकरमू, लिलौन, सिक्का, बामनौली, टिटौली

चुनौतियां भी कम नहीं

शामली नगर पालिका क्षेत्र की वर्तमान आबादी एक लाख से अधिक है। डोर-टू-डोर कूड़ा उठान का जिम्मा एक एजेंसी को देने बाद भी सार्वजनिक स्थानों से नियमित कूड़ा उठान और सफाई व्यवस्था बेपटरी है। अगर शहर का दायरा बढ़ा तो सफाई व्यवस्था को बेहतर करने की चुनौती और बढ़ेगी। फिलहाल शहर में सीवर लाइनें नहीं डल पाई हैं। कूड़ा निस्तारण प्लांट के लिए नगर पालिका ने एक कंपनी से बात की थी, लेकिन कंपनी ने कहा था कि छोटे शहर में इतना कूड़ा नहीं निकलता, जिसके लिए वह प्लांट लगाए। सीमा विस्तार होने पर प्लांट लगना संभव है।

इसलिए हो सकता है विरोध

-पालिका का हिस्सा बनने पर जल एवं भवन कर देना होगा।

-ग्राम प्रधान, क्षेत्र पंचायत के बजाय सभासद का चुनाव होगा

-समस्या समाधान के लिए नगर पालिका कार्यालय आना पड़ेगा।

-अभी तक ग्राम पंचायत का अलग बजट है, लेकिन पालिका में शामिल होने पर ऐसा नहीं रहेगा।

-ग्राम प्रधान के पास सभासद के मुकाबले ज्यादा अधिकार होते हैं।

ये होंगे फायदे

-स्ट्रीट लाइट की सुविधा मिलेगी।

-घर-घर से कूड़े का संग्रह किया जाएगा।

-पेयजल लाइनों से पानी की आपूर्ति होगी।

-शहरी क्षेत्र की केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ मिलेगा।

-गांव की सड़कों की स्थिति बेहतर हो सकती है।

ये भी है पालिका की सोच

दरअसल, शामली शहर छोटा है और जमीन का अभाव है। शहर में जाम की बड़ी समस्या है। अगर शहर का विस्तार होगा तो मुख्य शहर से दूर ही सही, लेकिन पार्किंग के लिए जमीन मिल जाएगी। साथ ही एक बड़ा पार्क भी विकसित होना संभव है।

बोर्ड से भी पास कराना होगा प्रस्ताव

नगर पालिका को बोर्ड बैठक में भी सीमा विस्तार का प्रस्ताव पास कराना होगा। यह भी चुनौती से कम नहीं है। साथ ही पालिका की राजनीति करने वालों का रुख भी अहम होगा, क्योंकि सीमा विस्तार से सियासी समीकरण भी बदलेंगे।

जिलाधिकारी से सीमा विस्तार को लेकर बात हुई थी। उन्होंने प्रस्ताव तैयार करने का कार्य शुरू करने के लिए कहा है। इसी क्रम में राजस्व विभाग से रिकॉर्ड जुटाया जा रहा है। सीमा विस्तार लंबी प्रक्रिया होती है और इसमें काफी वक्त लगता है। फिलहाल ये नहीं बताया जा सकता है कि कितने और कौन-कौन से गांव पालिका में शामिल हो सकते हैं।

-सुरेंद्र सिंह यादव, अधिशासी अधिकारी, नगर पालिका शामली

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