Stray Dogs: शामली में रोजाना 100 से अधिक लोग लगवा रहे एंटी रैबीज इंजेक्शन, मगर अब अपने इलाके में ही रहेंगे कुत्ते
शामली में आवारा कुत्तों के आतंक से लोग परेशान हैं जहाँ एंटी रेबीज वैक्सीन लगवाने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। सुप्रीम कोर्ट ने नसबंदी का आदेश दिया है जिसका पालिका को इंतजार है। पहले शेल्टर हाउस के आदेश का विरोध हुआ था लेकिन नसबंदी के आदेश से कुत्ता प्रेमी खुश हैं और पालिका विभागीय आदेश का इंतजार कर रही है।
जागरण संवाददाता, शामली। आवारा कुत्ते आए दिन लोगों पर हमला कर रहे हैं। सीएचसी से लेकर जिला अस्पताल तक रोजाना 100 से अधिक लोग एंटी रेबीज की वैक्सीन लगवाने के लिए पहुंचते हैं। अभी तक पालिका के पास न तो कुत्तों की नसबंदी के लिए कोई खास इंतजाम है, और न ही अन्य कोई व्यवस्था। अब सुप्रीम कोर्ट ने आवारा कुत्तों की नसबंदी कराने के निर्देश दिए हैं। पालिका को अभी आदेश का इंतजार है। अधिशासी अधिकारी ने बताया कि जो भी विभागीय आदेश आएगा उसका पूरी तरह से पालन कराया जाएगा।
जिले में तीन नगर पालिका शामली, कैराना और कांधला, सात नगर पंचायत और 230 ग्राम पंचायत हैं। सभी में आवारा कुत्तों का आतंक है। आवारा कुत्ते सुबह से शाम तक लोगों पर हमला करते है। शहर की बात करें तो मुहल्ला काका नगर, साकेत कालोनी, गगन विहार, मुहल्ला गुजरातियान,नंदू प्रसाद, गुजरातियान, विवेक विहार आदि मुहल्लों में आतंक है।
घर से बाहर निकलने वाले लोग डंडा लेकर चलते है। बाइक-स्कूटी सवार और पैदल जा रहे लोगों के पीछे कुत्ते दौड़ पड़ते हैं। 28 जून को गढ़ीपुख्ता में उत्तराखंड पुलिस में तैनात मुख्य आरक्षी को कुत्ते ने काट लिया था। कुछ दिन बाद उसकी मौत हो गई थी। ऐसे ही कांधला में चाय की दुकान चलाने वाले व्यक्ति और छात्र की रेबीज फैलने से मौत हो चुकी है।
शामली, कैराना, कांधला, ऊन, थानाभवन, कुड़ाना और झिंझाना सीएचसी के अलावा जिला अस्पताल में रोजाना 200 से 250 मरीज एंटी रेबीज वैक्सीन लगवाने के लिए पहुंचते है।
11 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने आदेश जारी किया था कि आवारा कुत्तों के लिए शेल्टर हाउस बनेगा और कुत्तों को वहां रखा जाएगा, इसके विरोध में शामली में कुत्ता प्रेमियों ने मार्च निकाला था। अब सुप्रीम कोर्ट की ओर से आदेश को संशोधित करते हुए आवारा कुत्तों की नसबंदी कराकर उनको उसी स्थान पर छोड़ने की बात कही है। जिससे कुत्ता प्रेेमी खुश है।
पालिका कर रही आदेश का इंतजार
अधिशासी अधिकारी विनोद सोलंकी ने बताया कि विभागीय आदेश का इंतजार किया जा रहा है। आदेश के बाद ही जानकारी हो सकेगी कि नसंबदी करने के लिए किस संस्था को चुना जाएगा। जो भी आदेश आएंगे। उनका पालन कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि अभी कुत्तों के लिए कोई शेल्टर हाउस नहीं है, लेकिन शेल्टर हाउस बनवाने के लिए डीपीआर तैयार कर शासन को भेज दी गई है।
क्या बोले कुत्तों से पीड़ित लोेग
शामली के मुहल्ला साकेत कालोनी निवासी रवित धीमान ने बताया कि आवारा कुत्तों का आतंक शहर में बहुत बढ़ गया है। जैसे ही मुहल्ले में जैसे ही प्रवेश करते है तो चार से पांच कुत्ते एकदम पीछे दौड़ते है। मंगलवार को ही एक कुत्ते ने पैर में काट लिया था। नगर पालिका को जो कुत्ते खुंखार हो गए है उनको पकड़वाने के लिए तो कोई व्यवस्था करनी ही चाहिए। वहीं, मुहल्ला काका नगर निवासी जोनी सैनी ने बताया कि आवारा कुत्तों को लेकर कोई खास इंतजाम पालिका की ओर से नहीं किए गए। यहीं कारण है कि कुत्ते आए दिन लोगों पर हमला करते है। समय-समय पर आवारा कुत्तों को भी वैक्सीन लगवानी चाहिए।
क्या बोले कुत्ता प्रेमी
सुप्रीम कोर्ट ने जो आदेश पहले जारी किया था उसका हमने भी विरोध किया और शहर में मार्च निकाला, लेकिन इस फैसले में संशोधन होने से प्रत्येक कुत्ता प्रेमी खुश है। हम कुत्तों की नसबंदी का हमेशा से समर्थन करते है। आदेश के समर्थन और एकजुटा को लेकर आज यानी शनिवार को शहर में मार्च भी निकाला जाएगा। -सागर सहरावत, संचालक लोकी एनिमल सेल्टर
कुत्ते तो मुहल्लों की रखवाली करते है, लेकिन उनको सेल्टर हाउस में रखने का जो आदेश जारी किया गया था वह गलत था। अब आदेश में संशोधन हो गया है। जिससे हम खुश है। कुत्ते अपने ही मुहल्ले में रहने चाहिए। जो सुप्रीम कोर्ट का आदेश है उसका खुद भी पालन करेंगे और लोगों से भी अनुरोध करेंगे। -अमन कौशिक,मुहल्ला गुजरातियान
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