UP Roadways : शामली में रोडवेज बसों की कमी से जूझ रहा डिपो, 12 साल बाद भी बदहाल परिवहन व्यवस्था
UP Roadways News in Hindi डग्गामार वाहन जहां चांदी काट रहे हैं वहीं यात्री जान जोखिम में डालकर इन बसों की छतों पर बैठकर व आगे-पीछे लटक कर जैसे-तैसे सफर करते हैं। इस तरफ न तो निगम का ध्यान है और न ही प्रशासन का और न हीं जिले के जनप्रतिनिधि इस ओर मजबूत तरीके से ध्यान देता दिख रहा है।
जागरण संवाददाता, शामली। शामली को जिला बने 12 साल बीत चुके है, लेकिन बस सेवा बदहाल है। हालात यह है कि शाम ढलने के बाद ही हाइवे पर बसें नहीं मिलती है। आम आदमी से जुड़ी रोडवेज बसों की बदहाल व्यवस्था है। परिवहन की पर्याप्त सुविधाएं आज तक नहीं हैं। वहीं जनप्रतिनिधियों की उदासीनता भी किसी से छिपी नहीं है।
जिले में रोडवेज के डिपो की दुर्दशा है। शाम ढलते ही बसों के पहिये थम जाते हैं। यही नहीं, सालों पहले स्थापित हो चुके शामली डिपो में उप्र राज्य परिवहन निगम की एक भी बस नहीं है। सिर्फ 43 अनुबंधित बसों के सहारे ही डिपो जैसे-तैसे चल रहा है। शामली के अलावा बड़ौत व मेरठ डिपो की बसों से काम चलाया जा रहा है। इन अनुबंधित बसों में एक भी बस वातानुकूलित नहीं है। सभी बसें सामान्य श्रेणी में ही सेवाएं दे रही है।
बसों में सफाई व्यवस्था, आवश्यक सुविधाएं नहीं दिखती हैं। वहीं जनपद शामली में देहात के मार्ग पर रोडवेज की कोई बस नहीं चलती। शामली से गढ़ीपुख्ता मार्ग हो या शामली से तहसील मुख्यालय ऊन, भौराकलां जाना हो, बसे नहीं मिलती है। गढ़ीपुख्ता, ऊन, कैराना, जलालाबाद, थानाभवन, रामपुर, सहारनपुर, बड़ौत, दिल्ली से लेकर अनेक रूटों पर सायं आठ बजे के बाद बसें मिलती ही नहीं है।
शाम 5 बजे के बाद दफ्तर हो जाते हैं बंद
शामली के बस अड्डे पर सायं पांच बजे के बाद दफ्तर बंद हो जाते है, बसों को खड़ा कर चालक परिचालक चले जाते है। इसके कारण यहां बसों के लिए लोग निजी वाहनों के भरोसे ही रहने को मजबूर है। रोडवेज के पास देहात के लिए कोई बस नहीं है। इसका फायदा निजी बसें या डग्गामार वाहन खूब उठा रहे हैं।
डग्गामार वाहन जहां चांदी काट रहे हैं, वहीं यात्री जान जोखिम में डालकर इन बसों की छतों पर बैठकर व आगे-पीछे लटक कर जैसे-तैसे सफर करते हैं। इस तरफ न तो निगम का ध्यान है और न ही प्रशासन का और न हीं जिले के जनप्रतिनिधि इस ओर मजबूत तरीके से ध्यान देता दिख रहा है।
विधायक ने किया सवाल तो बैठाएं कर्मी, व्यवस्था फिर बदहालजिले के कस्बा जलालाबाद में रोडवेज बस स्टेशन के भीतर बसे गुरजती थी, लेकिन यहां जलालाबाद डिपो बनाया गया था। जिसके बाद बसों को बाहर ही रूकवाया जाने लगा। थानाभवन में घटना के बाद डिपो अवैध मिला और यहां से बसों का संचालन बंद कर दिया गया। तब से रोडवेज बस अड्डे की दुर्दशा किसी से छिपी नहीं है।
विधायक अशरफ अली खान ने यहां विधानसभा में सवाल लगाया कि यहां निगम कर्मी की तैनाती न होने से चालक परिचालक बसें रोकते नहीं और यहां यात्री बेहाल है। जिसके बाद निगम ने यहां दो कर्मचारियों को बैठा दिया, लेकिन कुछ समय बाद ही फिर से कर्मचारी यहां डयूटी के बजाय वापिस सहारनपुर डिपो भेज दिए गए। हालांकि यहां निविदाकर्मी बैठाए है, लेकिन चालक-परिचालक इनका प्रभाव हीं नहीं मानते है।शामली डिपो के पास अनुबंधित बसे हैं, निगम कोई ओर से फिलहाल बसें नहीं हैं। बस अड्डे के लिए भी निगम में प्रस्ताव फिलहाल लंबित है। बसों व अन्य सुविधाएं बढ़ाने के लिए उच्चाधिकारियों को अवगत कराकर जरूरी कार्यवाही की जाएगी।
- राजेंद्र चौहान, स्टेशन प्रभारी, शामली डिपो
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