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गैंग के सातवीं पास सदस्य ग्रेजुएट लोगों से करते थे ठगी, फिल्म देखकर तैयार किया फ्रॉड का तरीका; तीन गिरफ्तार

दिल्ली और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में एटीएम बदलकर ठगी करने वाले तीन आरोपितों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोपितों ने फिल्म देखकर ठगी की योजना बनाई थी और गाड़ी की नंबर प्लेट बदलकर वारदातों को अंजाम देते थे। अब तक 20 से अधिक लोगों को ठगी का शिकार बना चुके हैं। तीनों आरोपित दिल्ली में ऑटो चलाने का काम करते हैं।

By Jagran News Edited By: Abhishek Saxena Updated: Tue, 22 Oct 2024 03:51 PM (IST)
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Shamli News: शामली पुलिस का फाइल फोटो।
आकाश शर्मा, जागरण शामली। रुपये दोगुना करने का झांसा और एटीएम बदलकर ठगी करने के जिन तीन आरोपितों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। उनमें से एक आठवीं और दो सातवीं पास हैं। तीनों ही दिल्ली में टेंपो चलाते हैं। गिरोह ने फिल्म देखकर दिल्ली और वेस्ट यूपी में ठगी की योजना तैयार की थी।

आरोपित जब भी ठगी करने के लिए निकलते थे, तो गाड़ी की नंबर प्लेट बदल दिया करते थे। यही कारण है कि मुख्य आरोपित अभी तक सिर्फ एक बार ही जेल गया है। बाबरी के गांव हिरणवाड़ा निवासी प्रवीण उर्फ अनिल लंगड़ा ने 24 साल पहले 16 साल की उम्र में ही हरीश बिहारी के साथ मिलकर ठगी का खेल शुरू किया था। शुरुआती दौर में आरोपित सहारनपुर, शामली, मुजफ्फरनगर, बागपत आदि जिलों में ठगी किया करता था, लेकिन अधिक घटनाएं करने के बाद वह दिल्ली फरार हो गए थे।

गिरफ्तारी से बचने के लिए चलाया टेंपो

गिरफ्तारी से बचने के लिए आरोपित ने कई सालों तक टेंपो चलाया। छह साल पहले आरोपित ने सहारनपुर में ठगी थी, जहां मंडी पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। डेढ़ साल जेल में रहने के बाद आरोपित जमानत पर बाहर आया और फिर से टैक्सी चलाने लगा। साल 2021 में टेंपो चलाने के लिए दिल्ली के रोहिणी पार्क में ताश खेलने के दौरान आरोपित की दोस्ती मूल रूप से बिहार के जिला सिवान निवासी महेश उर्फ जवानी और समस्तीपुर निवासी प्रदीप उर्फ कालिया के साथ हो गई थी। जो टेंपो चलाने के लिए बहार से दिल्ली आकर रहने लगे थे।

फिल्म देखकर सीखा ठगी का तरीका

इस दौरान प्रवीण ने दोनों को फिल्म दिखाकर ठगी का खेल सिखाया था। जिसके बाद आरोपितों ने दिल्ली में ही कई लोगों के साथ ठगी की। दिल्ली में ठगी करने के बाद आरोपित यूपी में आ जाते थे। इसके बाद वेस्ट यूपी के शामली, बागपत, सहारनपुर और मुजफ्फरनगर आदि जिलों में ठगी कर फिर से वापस दिल्ली जाकर टेंपो चलाते थे।

गिरफ्तारी का प्रतीकात्मक फोटो।

ये थी ठगी की योजना

आरोपित प्रवीण कुमार ने एक गाड़ी लोन पर खरीदी थी। आरोपित जब भी ठगी के लिए जाते थे तो गाड़ी की नंबर प्लेट बदल दिया करते थे। जिससे पुलिस उन्हें न पकड़ सके। वह पहले किसी भी जिले के कस्बे में पहुंचकर बैंकों, एटीएम की निगरानी करते थे। इसके बाद किसी भी व्यक्ति को अपने जाल में फंसा लेते थे।

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इसके बाद उसको रुपये डबल करने का लालच देकर रुपये ले लेते थे और उसको कागज और गत्ते के नोट की गड्डी बनाकर उसके बाहरी हिस्से में रुपये लगाकर दे दिया करते थे। इसके बाद आरोपित दिल्ली जाकर एक महीने तक टेंपो चलाते थे।

20 से अधिक लोगों को बना चुके शिकार

तीनों आरोपितों ने पुलिस पूछताछ में बताया कि वह 2021 से अभी तक 20 से अधिक लोगों को ठगी का शिकार बना चुके हैं। हालांकि वह एक बार ही जेल गए। चूंकि घटना करने के दौरान उनके पास न तो मोबाइल फोन होता था और न ही वह किसी तरह की पहचान छोड़ते थे।  

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