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Shravasti: किशोरियों को भगाने के दोषी को तीन वर्ष की कैद, 14 साल पुराने मामले में कोर्ट ने सुनाया फैसला

यूपी के श्रावस्‍ती में दो चचेरी नाबालिग बहनों को बहला-फुसलाकर भगा ले जाने के मामले में कोर्ट ने दोषी को तीन साल के कैद की सजा सुनाई है। इसके साथ ही 10 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया गया है। मामले में विचारण के दौरान ही एक आरोपित की मौत हो गई जबकि चार अन्य आरोपितों को न्यायालय ने दोषमुक्त मुक्त कर दिया।

By Jagran NewsEdited By: Vinay SaxenaUpdated: Tue, 22 Aug 2023 09:19 PM (IST)
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कोर्ट ने दोषी युवक को तीन वर्ष के कैद की सजा सुनाई है।- सांकेत‍िक तस्‍वीर

श्रावस्ती, जागरण संवाददाता। दो चचेरी नाबालिग बहनों को बहला-फुसलाकर भगा ले जाने के मामले में दोषी को न्यायालय ने तीन वर्ष के कैद की सजा सुनाई है। 10 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया गया है। मामले में विचारण के दौरान ही एक आरोपित की मौत हो गई, जबकि चार अन्य आरोपितों को न्यायालय ने दोषमुक्त मुक्त कर दिया।

मार्च 2009 का है मामला 

अपर जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी सत्येंद्र बहादुर सिंह ने बताया की सोनवा क्षेत्र में 18 मार्च 2009 की रात करीब 11 बजे वादी मुकदमा व उसके भाई की नाबालिग पुत्री को सिरसिया क्षेत्र के शाहपुर पूरे शिवदीन निवासी मुन्ना उर्फ भूरे उर्फ असफाक बहका-फुसलाकर भगा ले गए थे। इस मामले में पिता की तहरीर पर मुन्ना उर्फ भूरे उर्फ असफाक, राम उजागर यादव व नासिरगंज निवासी दानिश के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया।

दोषी मुन्ना को तीन साल की कैद  

पुलिस ने विवेचना के बाद न्यायालय पर आरोप पत्र भेजा। विचारण के दौरान आरोपित के प्रार्थनापत्र पर न्यायालय ने तीन अन्य आरोपितों सेवानिवृत्त लेखपाल दिनेश कुमार मिश्रा, शिवप्रसाद व बबलू को तलब किया। इस दौरान शिव प्रसाद की मौत हो गई। अपर सत्र न्यायाधीश (रेप एलांग विथ पाक्सो) करूणा सिंह ने दोषी मुन्ना उर्फ भूरे उर्फ अशफाक को तीन वर्ष के कारावास से दंडित किया। अन्य चार आरोपियों को संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त कर दिया। अर्थदंड अदा न करने पर दोषी को छह माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।