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UP News: सिद्धार्थनगर जेल में गांजा मिलने पर डिप्टी जेलर समेत चार निलंबित, जांच के दौरान खुली थी पोल

उत्‍तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर जेल में गांजा मिलने के आरोप में डिप्टी जेलर त्रिलोकी नाथ समेत चार कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया है। जिलाधिकारी के निरीक्षण के दौरान एक बंदी ने डिप्टी जेलर पर गांजा बिकवाने और पिटाई करने का आरोप लगाया था। डीआईजी जेल ने जांच के बाद चारों कर्मचारियों को दोषी पाया और उन्हें निलंबित कर दिया।

By TEJ PRAKASH TRIPATHI Edited By: Vivek Shukla Updated: Thu, 10 Oct 2024 12:17 PM (IST)
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जेल में गांजा मिलने पर हुई कार्रवाई। जागरण

जागरण संवाददाता, सिद्धार्थनगर। उत्‍तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर जिले में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां जेल में गांजा मिलने के आरोप में डीआइजी जेल एसके मैत्रेय ने डिप्टी जेलर त्रिलोकी नाथ समेत चार कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है। बीते 25 सितंबर को जिला कारागार से 15-20 ग्राम की मात्रा में गांजा बरामद हुआ था।

डीआइजी जेल ने तीन दिन पूर्व इस मामले को लेकर जेल का निरीक्षण किया था। उनके निरीक्षण में डिप्टी जेलर समेत चार जेल कर्मियों की भूमिका संदिग्ध मिली थी। बीते 25 सितंबर को जिलाधिकारी डा.राजा गणपति आर अन्य अधिकारियों के साथ जिला कारागार का निरीक्षण करने गये थे।

निरीक्षण के दौरान पाक्सो एक्ट के बंदी ने डिप्टी जेलर त्रिलोकी नाथ पर आरोप लगाया था कि वह उससे जेल में गांजा बिकवाते हैं। गांजा नहीं बिकने पर उसकी पिटाई भी करते हैं। उसने जिलाधिकारी को दो पुड़िया दिखाकर बताया था कि इसी गांजे को उससे बिकवाया जाता है।

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गांजा नहीं बेंचने पर होती थी पिटाई

बंदी ने यह भी आरोप लगाया था कि गांजा नहीं बेंचने पर उसकी पिटाई भी की जाती है। उसने जिलाधिकारी को अपने चोटों के निशान भी दिखाये थे। इस मामले को लेकर जिलाधिकारी ने मस्जिस्ट्रेटियल जांच बिठा दी थी। जिलाधिकारी ने बंदी का स्वास्थ्य परीक्षण भी कराया था।

जिला कारागार सिद्धार्थनगर। जागरण

परीक्षण के दौरान उसके शरीर पर कोई गंभीर चोट नहीं पाया गया था। तीन दिन पहले डीआईजी जेल एसके मैत्रेय ने जेल में गाजा मिलने की जांच की। उन्होंने प्रथम दृष्टया डिप्टी जेलर समेत चार जेल कर्मी की भूमिका संदिग्ध पायी। उन्होंने डिप्टी जेलर त्रिलोकीनाथ, हेड वार्डेन फूलचंद्र यादव और जेल वार्डन उमेश कुमार और सौरभ को निलंबित कर दिया।

जेल की दीवार में सुराग बनाकर फरार हुए थे बंदी

जिला जेल की सुरक्षा को लेकर पहले भी सवाल खड़े होते रहे हैं। 2009 में तीन कैदी जिला कारागार की दीवार में सुराग बनाकर फरार हो गए थे। बाद में उन्हें इटवा थाना क्षेत्र के पास पुलिस ने गिरफ्तार किया था। जिला कारागार में आठ वर्ष पहले एक बंदी की फेसबुक चलाते फोटो प्रसारित हुई थी।

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बंदी गोरखपुर क्षेत्र का रहने वाला था। उस पर अपहरण, फिरौती सहित कई आरोप थे। सचिन वर्मा, जेल अधीक्षक ने बताया कि डीआइजी जेल ने निरीक्षण के बाद डिप्टी जेलर समेत चार कर्मियों की भूमिका संदिग्ध पायी थी। इस मामले को लेकर उन्होंने चारों को निलंबित कर दिया है।

तीन दिन पहले डीआइजी जेल ने गांजा मिलने के मामले को लेकर जांच की। उन्होंने इस मामले में प्रथम दृष्टया डिप्टी जेलर समेत तीन अन्य कर्मचारियों को दोषी पाया था। इसे लेकर उन्होंने चारों को निलंबित कर दिया।-सचिन वर्मा जेल अधीक्षक

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