भारत-नेपाल बॉर्डर से चंद कदम की दूरी पर धमाके ने मचाया कोहराम, आग की लपट देख हर कोई ढूंढ रहा था सुरक्षित जगह
भारत-नेपाल सीमा से कुछ ही दूरी पर हुए धमाके ने कई किलोमीटर तक कोहराम मचा दिया। धमाके की आवाज सुनकर नेपाल तक के लोगों की भीड़ जुट गई। सीमा पर पहुंचे हर शख्स की जुबान पर सिर्फ एक ही सवाल था कि क्या हुआ। लोगों ने कहा यहां इतनी तेज आवाज में धमाके के साथ कभी ऐसी घटना देखने को नहीं मिली।
जागरण संवाददाता, सिद्धार्थनगर। भारत-नेपाल सीमा से सटे अलीगढ़वा कस्बा में इतना जोरदार धमाका हुआ कि पूरे कस्बे में अफरा-तफरी का माहौल कायम हो गया। धमाका इतना तेज था कि पांच किलोमीटर तक आवाज गूंज उठी। देखते ही देखते नेपाल सीमा पर भी भीड़ जमा हो गई। वाहनों के साथ लोगों के आने से पूरे कस्बे में भीड़ लग गई। इस दौरान सीमा पर तैनात नेपाल पुलिस सतर्क रही। धमाके के बीच हर कोई क्या हुआ यह जानने में लगा हुआ था, आसमान में उठता धुआं देख कर हर कोई सभी के सलामती की प्रार्थना कर रहा था।
सिलेंडर के साथ दुकानों में रखे पटाखों में होता रहा विस्फोट
सिलेंडर फटने से लगी आग व आसपास की दुकानों में रखे पटाखों के फटने से स्थिति और भी भयावह हो गई। आग की लपटों का आलम यह था कि कोई भी पास जाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा था। धमाकों के साथ आग का दायरा बढ़ने के साथ ही लोगों के बीच दहशत व उनकी धड़कन बढ़ती जा रहीं थी। धमाके की आवाज सुन नेपाल से सीमा पर पहुंचे लोगों को जब जानकारी हुई तो सभी हैरत में पड़ गए कि इस तरह के धमाके के साथ घटना कभी नहीं देखी।
नेपाल से आए रामप्रीत, सुभम, मैनुल्लाह ने बताया कि धमाका इतना तेज था कि हम सभी सीमा से तीन किमी दूर रहते हैं लेकिन आवाज सुनकर भाग खड़े हुए। भय का आलम यह था कि हर कोई स्वयं को सुरक्षित करने में जुटा रहा। जब सीमा पर पहुंचे तो यहां की स्थिति देखकर दहशत और भी बढ़ गया।
धमाके में राख हो गई छह बाइक
रह-रह कर हो रहे धमाकों से दहशत इस कदर कायम हो गया था कि कोई कुछ भी बोलने को तैयार नहीं था, बस दूर रहते हुए भी हर कोई स्वयं को सुरक्षित करने में लगा हुआ था। धमाकों के शोर व भगदड़ के बीच लपटों से छह बाइक भी राख हो गई। बाइक किसकी थी यह भी बताने को कोई तैयार नहीं है। दुकान के पास खड़ी कुछ बाइक को लेकर लोग भागने में सफल रहे लेकिन छह बाइक नहीं हटाई जा सकी।
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बच्चों को लेकर फिक्रमंद थे लोग
जहां पर सिलेंडर फटने के बाद धमाके पर धमाके हो रहे थे वहीं से कुछ दूरी पर बच्चे खेल रहे थे। जब पता चला कि वहां पर बच्चे खेल रहे थे तो स्वजन की सांसें अटक गईं। सभी अपने बच्चों को खोजने में जुट गए। जब बच्चों को स्वजन ने सही सलामत पाया तो राहत की सांस ली और उन्हें लेकर घर भागे।
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