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मिला सम्मान, सड़क-चौराहा विद्यार्थी के नाम

अब जोगिया-पकड़ी मार्ग को स्वतंत्रता सेनानी व पूर्व विधायक प्रभुदयाल विद्यार्थी के रूप में जाना जाएगा। रोड का नामकरण करने की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। जोगिया उदयपुर चौराहे को प्रभुदयाल चौराहे के नाम से जाना जाएगा।

By JagranEdited By: Updated: Wed, 25 Jul 2018 10:00 PM (IST)
मिला सम्मान, सड़क-चौराहा विद्यार्थी के नाम

सिद्धार्थनगर : अब जोगिया-पकड़ी मार्ग को स्वतंत्रता सेनानी व पूर्व विधायक प्रभुदयाल विद्यार्थी के रूप में जाना जाएगा। रोड का नामकरण करने की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। जोगिया उदयपुर चौराहे को प्रभुदयाल चौराहे के नाम से जाना जाएगा। यहां मूíत भी लगाई जाएगी। शासन ने भी इसे हरी झंडी दे दी है। मुख्यालय के एक चौराहे पर प्रभुदयाल विद्यार्थी की प्रतिमा भी लगाई जाएगी। नगर पालिका प्रशासन ने बोर्ड बैठक में प्रस्ताव पास कराने का आश्वासन दिया है।

दो अप्रैल को सांसद जगदंबिका पाल ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से कहा था कि स्वतंत्रता सेनानी, महात्मा गांधी के अत्यंत करीबी व विधानसभा में छह बार प्रतिनिधित्व कर चुके प्रभुदयाल विद्यार्थी जिले के निवासी रहे। आठ किमी लंबी जोगिया-पकड़ी मार्ग का नामकरण इनके नाम पर किया जाए। इनके जन्मस्थल जोगिया उदयपुर चौराहे को प्रभुदयाल चौराहा के नाम से जाना जाए। मुख्यालय के किसी चौराहे पर प्रभुदयाल विद्यार्थी की प्रतिमा स्थापित की जाए। इसको संज्ञान में लेने के बाद विशेष कार्याधिकारी मुख्यमंत्री कार्यालय अजय कुमार ¨सह ने अपर मुख्य सचिव पीडब्लूडी को कार्रवाई करने का निर्देश दिया। अधिशासी अभियंता पीडब्लूडी प्रांतीय खंड ने डीएम को बताया कि स्थलों का प्रभुदयाल विद्यार्थी नामकरण करने का प्रस्ताव बनाया जा चुका है। कार्रवाई की जा रही है। वहीं प्रतिमा लगाने के संबंध में ईओ नगर पालिका सिद्धार्थनगर शैलेंद्र कुमार ने कहा कि बोर्ड की बैठक में प्रस्ताव पारित कराने के बाद नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

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जोगिया-पकड़ी मार्ग के नामकरण का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। जोगिया चौराहे का भी नामकरण किया जाएगा। चौराहे पर विभाग प्रभुदयाल की मूíत भी लगाएगी। जल्द ही कार्रवाई किया जाएगा।

केशव लाल

अधिशासी अभियंता, पीडब्लूडी

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यह है प्रभुदयाल विद्यार्थी

प्रभु दयाल विद्यार्थी का जन्म वर्ष 1925 को ग्राम जोगिया उदयपुर में हुआ था। 13 वर्ष की आयु में महात्मा गांधी के अंग्रेजों भारत आंदोलन से प्रेरित होकर साबरमती आश्रम पहुंच गए। महात्मा गांधी के प्रिय में शुमार रहे। वर्ष 1942 में अंग्रेजी हुकूमत ने उन्हें सेवागढ़ वर्धा से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। जेल में रहते हुए उन्होंने महात्मा गांधी पर पहली पुस्तक लिखी थी। वर्ष 1751-52 में पहली बार चुनाव लड़ कर विधानसभा पहुंचे थे। कमला साहनी भी तीन बार विधानसभा में शोहरतगढ़ क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर चुकी है। वर्तमान में कांग्रेस में प्रदेश उपाध्यक्ष है। प्रभुदयाल विद्यार्थी का निधन वर्ष 1977 में हुआ।

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