Bulldozer Punishment: यूपी में एक साथ गरजे चार बुलडोजर, टूटे 53 पक्के मकान; अब 13 मीटर चौड़ी होगी रोड
सिद्धार्थनगर के खजुरिया रोड पर प्रशासन ने बुलडोजर चलाकर 53 पक्के मकानों को ढहा दिया। पांच सालों से दबाव में चल रहे इस अभियान में शनिवार को प्रशासन ने किसी की एक नहीं सुनी। थाना और तहसील परिसर की बाउंड्रीवाल भी ढहा दी गई। छह अधिकारियों के आवास भी तोड़ दिए गए। इस दौरान कई लोगों की तबीयत भी बिगड़ गई।
जागरण संवाददाता, सिद्धार्थनगर। शहर के खजुरिया रोड शनिवार को अंतत: प्रशासन ने चार बुलडोजर चलवाकर 53 पक्के अतिक्रमण हटवा दिये। पांच वर्षों से किसी न किसी दबाव में जिला प्रशासन इस अभियान को टाल रहा था, लेकिन शनिवार को प्रशासन ने किसी के एक नहीं सुनी। उसने थाना व तहसील परिसर की भी बाउंड्रीवाल ढहा दी।
छह अधिकािरयों के आवास भी तोड़ दिये। इसके लिए सुबह से प्रशासन, नगर पालिका और पुलिस की टीम लगातार रोड पर भ्रमण करती रही। पांच वर्ष से इस रोड के अतिक्रमण को हटाने की कवायद चल रही थी। कई बार अतिक्रमण को चिन्हित करने के बाद नोटिस भी भेजा गया, लेकिन इसके बाद भी अभियान नहीं चला।
सदर थाना और तहसील परिसर की चहारदीवारी को भी प्रशासन ने तोड़वा दिया। जिला पंचायत ने अपने अतिक्रमण को एक दिन पूर्व ही हटा लिया था। 500 मीटर की दूरी में कुल 53 स्थानों पर पक्के अतिक्रमण को हटाया गया है। वहीं कई लोग मजदूर लगाकर अपने अतिक्रमण को हटाने में लगे रहे।
प्रशासन ने नगर के खजुरिया रोड पर अतिक्रमण हटाने के लिए अभियान संचालित किया। अतिक्रमण के चिन्हांकन के बाद से ही अभियान संचालित करने की रूपरेखा तैयार होने लगी थी। यहां के निवासियों ने भी प्रशासन के रुख को देखते हुए लोग स्वयं ही अपना अतिक्रमण हटाने में लग गए।
अभियान प्रारंभ होने से पहले कई परिवार घर छोड़ कर अन्यत्र चले गए। हर कोई अपना सामान सहेजने और सुरक्षित करने में लगा है। एक दिन पहले तक यहां के निवासी व दुकानदार सामान को सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिए थे। नगर पालिका ने सहयोग के लिए सफाईकर्मियों को लगाया है। कानून व्यवस्था को कायम रखने के लिए पुलिस फोर्स की तैनाती की गई। एसडीएम सदर के नेतृत्व में प्रशासनिक अधिकारी लगातार क्षेत्र में भ्रमण करते रहे।
खजुरिया रोड पर पूरे दिन गूंजती रही बुलडोजर की आवाज
खजुरिया रोड पर पूरे दिन बुलडोजर (जेसीबी) की आवाज गूंजती रही। प्रशासन ने अभियान को जल्द समाप्त कराने की गर्ज से चार बुलडोजर लगाया था। सुबह से ही इस रोड पर बुलडोजर चलते रहे। तहसील प्रशासन ने अतिक्रमण को पहले ही चिन्हित कर दिया।
लाल निशान को आधार बनाने के बाद अतिक्रमण को हटाने की कार्रवाई की गई। इस सड़क पर हर उस जगह पर आवागमन को बंद कर रखा था, जहां पर बुलडोजर चल रहा था, वहां पर पुलिस ने पैदल भी आवागमन को बंद करा दिया।
सुरक्षा में लगी रही पुलिस फोर्स
खजुरिया रोड पर अतिक्रमण हटाने की मुहिम प्रारंभ होने से पहले ही पुलिस ने सभी ओर से रास्ता बंद कर दिया। सिविल लाइन की ओर से खजुरिया रोड को जाने वाली सड़क को मोड़ से ब्लाक कर दिया गया। तहसील गेट के पास से जाने वाली को भी बंद कर दिया गया था।
विकास भवन की ओर से यहां जाने वाली सड़क को भी बंद किया गया। किसी प्रकार की कोई घटना नहीं हो, इसे संज्ञान में लेने के बाद प्रशासन ने सुरक्षा के दृष्टिकोण से पुलिस फोर्स तैनात रही। पूरे दिन इस रोड पर जेसीबी दौड़ती रही। मलबा हटाने के लिए नगर पालिका ने ट्रेक्टर-ट्राली लगी रही।
एसडीएम-तहसीलदार के आवास की टूटी चहारदीवारी
खजुरिया रोड पर जिला पंचायत, सदर थाना और अधिकारियों का सरकारी आवास स्थित है। अतिक्रमण चिन्हित करने की कार्रवाई करने के दौरान इन स्थानों पर लाल निशान लगाया गया था। प्रशासन के नोटिस जारी होने पर एक दिन पहले जिला पंचायत का मुख्य द्वार व चहारदीवारी को तोड़ा गया।
अभियान के दौरान सदर थाना और अधिकारियो के आवास की चहारदीवारी को तोड़ा गया। यहां पर एसडीएम, तहसीलदार, अधिशासी अभियंता, होमगार्ड कमांडेंट आदि अधिकारी का आवास बना है। इसी के बगल में तहसील परिसर की चहारदीवारी को तोड़ने की कार्रवाई की गई।
पांच से छह दशक पूर्व बने थे यहां पर मकान
खजुरिया रोड को कभी नगर की लाइफ लाइन माना जाता था। जब नौगढ़ ग्राम पंचायत रहा तो यहां पर समृद्ध वर्ग रहता रहा है। नगर पंचायत और तहसील बनने के बाद यहां पर अधिकारियों का आवास बना। पुराने समय की बनी रोड पर लोग कब्जा करते गए। इससे यह सड़क सकरी होती गई। समय के साथ जब नगर का विकास होने लगा तो लोग इससे गुजरने से कतराने लगे।
शाम होते ही बिगड़ी कई लोगों की तबीयत
खजुरिया रोड के आस-पास सुबह से कई लोग इस फिराक में लगे हुए थे कि प्रशासन का अभियान रुक जाए, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली। शाम होते-होते कई लोगों की तबीयत भी बिगड़ गई। इसमें से एक व्यक्ति को शहर के एक निजी चिकित्सालय में भर्ती भी कराया गया है।
खजुरिया रोड पर हुए अतिक्रमण को हटाने के लिए अभियान संचालित किया गया। कई लोगों ने स्वयं ही अपने अतिक्रमण को हटा दिया। प्रशासन ने उनकी सार्थक पहल को देखते हुए सहयोग प्रदान किया है। नगर पालिका के कर्मियों को इनके सहयोग में लगाया गया है। किसी को किसी प्रकार की असुविधा नहीं हो, इसका विशेष ध्यान रखा गया। सुरक्षा के दृष्टिकोण से पुलिस लगाई गई। - डा. ललित कुमार मिश्रा, एसडीएम सदर
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