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सिद्धार्थनगर के इस गांव में लगेगी इसरो की आनलाइन क्लास, अध्ययन के लिए नासा भेजे जाएंगे यहां के बच्चे

उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर जिले के डुमरियागंज तहसील का पूर्व माध्यमिक विद्यालय हसुड़ी औसानपुर केंद्र सरकार की क्षमता निर्माण कार्यक्रम में चयनित हुआ है। यह देश का पहला सरकारी विद्यालय होगा जहां भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के सेवानिवृत्त वैज्ञानिक नियमित दो घंटे की आफलाइन व आनलाइन कक्षाएं चलाएंगे।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Updated: Tue, 04 Oct 2022 01:15 AM (IST)
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सिद्धार्थनगर के डुमरियागंज तहसील का पूर्व माध्यमिक विद्यालय हसुड़ी औसानपुर में इसरो की आनलाइन क्लास लगेगी। - प्रतीकात्मक तस्वीर
सिद्धार्थनगर, जितेन्द्र पाण्डेय। देश के अति पिछड़ा जिला सिद्धार्थनगर के बच्चे अब अंतरिक्ष वैज्ञानिक बनकर देश का नाम रोशन करेंगे। डुमरियागंज तहसील का पूर्व माध्यमिक विद्यालय हसुड़ी औसानपुर केंद्र सरकार की क्षमता निर्माण कार्यक्रम में चयनित हुआ है। यह देश का पहला सरकारी विद्यालय होगा, जहां भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन(इसरो) के सेवानिवृत्त वैज्ञानिक नियमित दो घंटे की आफलाइन व आनलाइन कक्षाएं चलाएंगे। इसकी तैयारियां शुरू हो गई है। विद्यालय के सात बच्चों को व्योमिका स्पेस प्राइवेट लिमिटेड के द्वारा स्पेस एजूकेशन ट्रिप के लिए इसरो अहमदाबाद ले जाया जाएगा। वहां यह बच्चे स्पेस एप्लीकेशन सेंटर पर जाकर अंतरिक्ष विज्ञान के विषय में जान सकेंगे।

अंतरिक्ष प्रयोगशाला युक्त होगा देश का पहला सरकारी विद्यालय

पूर्व माध्यमिक विद्यालय हंसुड़ी औसानपुर के सभी कमरे पूरी तरह वातानुकूलित हैं। विद्यालय स्मार्ट क्लास, कंप्यूटर लैब, सीसीटीवी, वाई-फाई जैसी तमाम सुविधाओं से युक्त है। ग्राम प्रधान दिलीप त्रिपाठी यहां नक्षत्रशाला बनवाने की तैयारी कर रहे थे। इस दौरान उन्हें पता चला कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अंतरिक्ष विज्ञान शिक्षा पर अधिक जोर दे रहे हैं। उनकी मंशा है कि देश के बच्चे अंतरिक्ष विज्ञान की पढ़ाई कर अपना सुनहरा भविष्य बनाएं।

मंगलयान, गगनयान की पढ़ाई करेंगे हसुड़ी औसानपुर के बच्चे

दिलीप ने प्रधानमंत्री की मंशा को लक्ष्य बनाया और व्योमिका स्पेस प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ गोविंद यादव से मिले। व्योमिका स्पेस प्राइवेट लिमिटेड वह संस्था है, जो इसरो से जुड़कर बच्चों को अंतरिक्ष विज्ञान की पढ़ाई के लिए तैयार करती है। इसरो से अन्य संस्थाएं भी जुड़ी हुई हैं, जो अलग-अलग क्षेत्रों में काम कर रही हैं। दिलीप ने गोविंद यादव को अपने विद्यालय की फोटो व बच्चों की योग्यता से जुड़ी एक वीडीओ भेजा। व्योमिका की टीम ने विद्यालय की स्थिति देखकर उसे अपने अभियान का हिस्सा बना लिया। उनकी टीम के सलाह पर दिलीप ने विद्यालय में स्पेस लैब बनाने का निर्णय लिया।

स्पेस लैब में होंगी यह सुविधाएं

स्पेस लैब में एस्ट्रोनामी प्रोजेक्ट किट, हेक्साकाप्टर ड्रोन किट, माइक्रोड्रोन, एयरक्राफ्ट किट, सोलर एंड डीप स्काई आब्जर्वेशन टेलीस्कोप, प्रज्ञान स्केल माडल ग्रोवर, सभी सैटेलाइट माडल सहित 42 संयंत्र मौजूद रहेंगे। स्पेस लैब के निर्माण पर कुल 8.26 लाख रुपये खर्च होंगे, जिसे पंचायत निधि से वहन किया जाएगा। आगामी 15 नवंबर तक लैब निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा। यहां के अलावा देश के पांच निजी विद्यालयों में स्पेस लैब की सुविधा है।

एजुकेशन ट्रिप के लिए आज होगी परीक्षा

अहमदाबाद की एजुकेशन ट्रिप के लिए विद्यालय में मंगलवार की सुबह 11 बजे से छठवीं से लेकर आठवीं तक के बच्चों की परीक्षाएं होंगी। इसमें मेरिट के आधार पर सात बच्चों का चयन किया जाएगा। चयन के बाद विद्यालय के शिक्षक व ग्राम प्रधान को अहमदाबाद स्थित इसरो सेंटर ले जाया जाएगा। वहां बच्चे यह जान सकेंगे कि अंतरिक्ष विज्ञान के तहत क्या-क्या काम होते हैं? राकेट लांचिंग, मंगलयान, चंद्रयान के विषय में जानकारी हासिल कर सकेंगे।

प्रतिवर्ष नासा अध्ययन के भेजे जाएंगे बच्चे

व्योमिका स्पेस के सीईओ गोविंद यादव ने बताया कि देश में अंतरिक्ष विज्ञान की पढ़ाई करने वाले 15 होनहार छात्रों को प्रतिवर्ष नासा कुछ दिनों के अध्ययन के लिए भेजा जाएगा। इसमें हंसुड़ी औसानपुर के बच्चे भी शामिल रहेंगे।

गांव में स्पेस लैब बनने से न सिर्फ यहीं के बच्चों का भला होगा, बल्कि जिले भर के बच्चों को समय-समय पर यहां लाकर शिक्षा दी जाएगी। ताकि अंतरिक्ष विज्ञान को लेकर उनका मन मस्तिष्क भी विकसित हो सके। - दिलीप त्रिपाठी, ग्राम प्रधान।

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