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नेपाल सीमा पर धड़ल्‍ले से हो रही भारतीय प्‍याज की तस्‍करी, बार्डर पार करते दोगुना हो जा रहा दाम

नेपाल में पहले 40 रुपये में बिकने वाला प्याज अब 80 रुपये में बिक रहा है। प्याज पर कस्टम ड्यूटी बढ़ने से नेपाल में यह समस्या हुई है। नेपाल में लोग मांसहार ज्यादा पसंद करते हैं। उसके लिए प्याज की मांग अधिक है। इसलिए प्याज की तस्करी चरम पर है। तस्करी करके प्याज नेपाल जा रही है इसके चलते भारतीय क्षेत्र में भी उसकी कीमत बढ़ गई है।

By TEJ PRAKASH TRIPATHI Edited By: Vivek Shukla Updated: Mon, 11 Mar 2024 11:28 AM (IST)
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भारत सरकार ने प्याज के निर्यात पर 40 फीसदी ड्यूटी लगा दी है।

जागरण संवाददाता, सिद्धार्थनगर। नेपाल में प्याज की तस्करी जमकर हाे रही है। इसकी वजह भारतीय बाजार में जो प्याज 30 से 32 रुपये प्रतिकिलो ग्राम है, वह नेपाल में पहुंचते ही 80 रुपये प्रतिकिलो हो जा रही है।

इन दिनों नेपाल में प्याज का भाव थोक में भारत की तुलना में दोगुना है। तस्कर इसका फायदा उठाने में लगे हैं। पगडंडियों के रास्ते प्याज को आसानी से नेपाल पहुंचाकर मोटी रकम अर्जित कर रहे हैं। एक माह से प्याज की तस्करी काफी बढ़ गई है।

कैरियर इसे बाइक व साइकिल से इसे सीमा पार पहुंचाते हैं। नेपाल में पहले 40 रुपये में बिकने वाला प्याज अब 80 रुपये में बिक रहा है। प्याज पर कस्टम ड्यूटी बढ़ने से नेपाल में यह समस्या हुई है। नेपाल में लोग मांसहार ज्यादा पसंद करते हैं। उसके लिए प्याज की मांग अधिक है। इसलिए प्याज की तस्करी चरम पर है।

तस्करी करके प्याज नेपाल जा रही है, इसके चलते भारतीय क्षेत्र में भी उसकी कीमत बढ़ गई है। जिले के सीमाई बाजारों में पहले प्याज 20-25 रुपये किलो बिक रहा था। इस समय यह 30-32 रुपये प्रति किलो बिक रहा है। नेपाल में आलू-प्याज पर 13 फीसदी वैट लगने के बाद अब भारत सरकार ने प्याज के निर्यात पर 40 फीसदी ड्यूटी लगा दी है। इससे नेपाल में प्याज के दाम बढ़ गए हैं। 43वीं वाहिनी एसएसबी के कमांडेंट उज्जल दत्ता ने बताया कि जवानों को चौकस रहने का निर्देश दिया गया है। इसकी वजह से प्याज लगातार पकड़ी भी जा रही है।

कैरियर को मिलता है प्रतिकिलो 12 रुपये

प्याज की तस्करी के लिए धंधेबाजों ने अलीगढ़वा, गौरी, मटियरिया, पकड़िहवा और धनगढ़वा बार्डर के रास्ते कैरियर प्याज को नेपाल पहुंचा रहे हैं। इसके लिए वह बाइक और साइकिल का प्रयोग करते हैं। एसएसबी व पुलिस कभी-कभार इन्हें पकड़ती भी है, पर धंधेबाज मौके से फरार हाेने में कामयाब हो जाते हैं।

सीमावर्ती क्षेत्र में तस्करों ने बनाया डंपिंग स्टेशन

तस्करोंने भारतीय सीमा में स्थित गांवों में डंपिंग स्टेशन बना रखा है। भारतीय बाजारों से सामान खरीदकर वे सीमावर्ती गांवों में इकट्ठा कर लेते हैं। बाद में कैरियर की मदद से यह सामान नेपाल सीमा में पहुंचा देते हैं। तस्करों के नेटवर्क से जुड़े कारोबारी सामानाें की खरीदारी कर सीमावर्ती गांवों में बनाए गए तस्करों के डंपिंग स्टेशन तक पहुंचाते हैं।

तस्करी रूकती तो सस्ती होती प्याज

स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि प्याज की तस्करी पर पूरी तरह से अंकुश लग जाती तो सिद्धार्थनगर समेत अन्य बार्डर के एरिया में प्याज की कीमतों में काफी कमी आती। जिला मुख्यालय निवासी रितेश का कहना है कि तस्करी की वजह से प्याज के दाम कम नहीं हो रहे हैं। कुछ इसी तरह की बातें अनुराग जायसवाल समेत अन्य लोगों ने भी कही है।

केस-एक

पकड़ी गई 33 बोरी प्याज

43वीं वाहिनी एसएसबी के जवानों एवं कपिलवस्तु थाना पुलिस ने शनिवार को संयुक्त रूप से छापेमारी कर 33 बोरी प्याज पकड़ने में सफलता हासिल की है। इसे तस्करी कर नेपाल ले जाने के लिए अगया कला गांव में रखा गया था। टीम ने दो बाइक को भी मौके से बरामद किया है।

केस-दो

एसएसबी ने पकड़ा 55 बोरी प्याज

43वीं वाहिनी एसएसबी के जवानों ने मंगलवार को सीमा चौकी खुनुवा के पास स्टोर कर रखा 35 बोरी प्याज को पकड़ा है। जवानों ने इसे अग्रिम कार्रवाई करते हुए कस्टम कार्यालय खुनुवा को सुपुर्द कर दिया।

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