पंचवटी वृक्षों की छांव में सेहतमंद है गांव
डुमरियागंज ब्लाक के अल्लापुर में पंचवटी के वृक्ष गांव के लोगों की सेहत दुरुस्त रखने का काम कर रहे हैं
By JagranEdited By: Updated: Thu, 07 Jul 2022 10:22 PM (IST)
पंचवटी वृक्षों की छांव में सेहतमंद है गांव
सिद्धार्थनगर : डुमरियागंज ब्लाक के अल्लापुर में पंचवटी के वृक्ष गांव के लोगों की सेहत दुरुस्त रखने का काम कर रहे हैं। 40 वर्ष पूर्व गांव के रामचंद्र त्रिपाठी ने सार्वजनिक भूमि पर पाकड़, बरगद, पीपल, आम और गूलर के पौधे एक ही जगह रोपे थे। आज यह पांचों एक साथ दो मीटर की परिधि में हैं। जिन्हें गांव के लोग पंचवटी कहते हैं। मानते हैं कि इस चमात्कारिक पौधों के कारण वह लोग विभिन्न बीमारियों से अन्य गांव की अपेक्षा सुरक्षित हैं।तहसील क्षेत्र में दो गांव नाम को लेकर अनूठे हैं। अल्लापुर हिंदु बाहुल्य गांव है वहीं भगवानपुर मुस्लिम बाहुल्य। अल्लापुर की आबादी 2300 से अधिक है। इस गांव में दाखिल होते ही पंचवटी वृक्षों के दर्शन होते हैं जो वर्षों पहले रोपे गए थे। गांव के लोगों के मुताबिक इन पंचवटी वृक्षों के कारण ही उनके गांव में आक्सीजन की प्रचुरता बनी रहती है। वीरेंद्र त्रिपाठी, उमापति, लालमन त्रिपाठी, कृष्णा त्रिपाठी, श्रीपति आदि ने बताया कि गांव वालों का विश्वास है कि पंचवटी के वृक्ष आक्सीजन के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है, सभी इसकी नियमित देखभाल करते हैं। गर्मी के दिनों में इसकी छांव में बैठकर तरोताजा महसूस करते हैं।
रही है पंचवटी रोपने की परंपरा
पीपुल्स इंटर कालेज डुमरियागंज के पूर्व प्रधानाचार्य सत्यप्रकाश गुप्ता बताते हैं कि गूलर का पेड़ भरपूर आक्सीजन देता है। इसका फल एंटी वायरस, एंटी बैक्टीरियल गुणों से भरपूर होता है। साथ ही विषैले पदार्थो को शरीर से निष्कासित करने में महत्वपूर्ण योगदान देता है। बरगद पीपल, पाकड़ भरपूर आक्सीजन देने के साथ चमत्कारी आयु वाले पौधे हैं जो लंबे समय तक जीवों में प्राणवायु का संचार करते हैं। आम वृक्ष औषधीय व धार्मिक दोनों कारणों से महत्वपूर्ण है। इसलिए पुराने समय में इन पांचों वृक्ष के पौधों को एकसाथ लगाने की परंपरा ग्रामीण अंचलों में रही है।
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