Azam Khan: आजम खां को जेल में क्यों खल रही है बेटे अब्दुल्ला की कमी, बड़े बेटे के सामने यूं छलका दर्द
Azam Khan फर्जी जन्म प्रमाणपत्र के मामले में सजा काट रहे पूर्व मंत्री आजम खां को अकेलापन महसूस हो रहा है। उनको बेटे अब्दुल्ला आजम की न सिर्फ कमी खल रही है बल्कि दवाएं लेना भी भूल जा रहे हैं। बुधवार को मिलने पहुंचे बड़े बेटे अदीब खां पूर्व विधायक अनूप गुप्ता व जिलाध्यक्ष छत्रपाल सिंह के साथ बातचीत के दौरान उनका यह दर्द झलक पड़ा।
By Jagran NewsEdited By: Abhishek PandeyUpdated: Wed, 25 Oct 2023 05:18 PM (IST)
संवाद सूत्र, सीतापुर। फर्जी जन्म प्रमाणपत्र के मामले में सजा काट रहे पूर्व मंत्री आजम खां को अकेलापन महसूस हो रहा है। उनको बेटे अब्दुल्ला आजम की न सिर्फ कमी खल रही है बल्कि दवाएं लेना भी भूल जा रहे हैं।
बुधवार को मिलने पहुंचे बड़े बेटे अदीब खां, पूर्व विधायक अनूप गुप्ता व जिलाध्यक्ष छत्रपाल सिंह के साथ बातचीत के दौरान उनका यह दर्द झलक पड़ा। पिछली बार उनके अलावा यहीं पत्नी तंजीम और बेटा अब्दुल्ला आजम भी निरुद्ध थे। अब्दुल्ला उनको समय पर दवा देने का ध्यान रखते थे। इस बार अब्दुल्ला को हरदोई जेल में शिफ्ट किया गया है।
बेटे को दिया ज्यादा समय
बेटे व सपा नेताओं से करीब आधे घंटे की मुलाकात के दौरान पूर्व मंत्री ज्यादातर समय बेटे से बतियाते रहे। उन्होंने घर-परिवार और राजनीतिक हालात पर भी चर्चा की। अदीब ने उन्हें कपड़े और उनकी पसंदीदा पुस्तकें सौंपी।पर्ची के जरिये मुलाकात
गुरुवार सुबह करीब 12 बजे कारागार पहुंचे अदीब खां, जिलाध्यक्ष और पूर्व विधायक अनूप गुप्त ने मुलाकात पर्ची लगाई। औपचारिकताएं पूरी करते हुए हाथ पर मुलाकात की मुहर लगाई गई। इसके बाद उन्हें जेल में प्रवेश की अनुमति दी गई। तीनों लोग आजम खां के साथ करीब आधे घंटे रहे। पार्टी जिलाध्यक्ष और अनूप से बातचीत की।
इसे भी पढ़ें: शौहर ने तलाक देकर भाई और बहनोई को सौंपी बीवी, बोला- 'अपनी इच्छा पूरी कर लो, हलाला भी हो जाएगा'
सूत्रों के मुताबिक आजम ने दोनों नेताओं से मौजूदा राजनीतिक हालातों पर भी चर्चा की। हालांकि, सपा नेताओं ने इससे इन्कार किया। आजम खां 22 अक्टूबर को रामपुर से सीतापुर जेल में शिफ्ट किए गए थे। तब से उनसे कोई मिलने नहीं पहुंचा था। बुधवार को पहली बार उनसे सपाई मिलने पहुंचे।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।